संदर्भ
भारत में तेजी से बदलती जीवनशैली और बढ़ते मादक पदार्थ सेवन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के सामने एक नया संकट उत्पन्न कर दिया है जिसमें फैटी लिवर और अल्कोहल-जनित यकृत रोगों का बढ़ता खतरा आदि शामिल है। इसी पृष्ठभूमि में, ILBS (Institute of Liver and Biliary Sciences) ने स्वस्थ यकृत शिक्षा और शराब से संबंधित यकृत रोग रोकथाम (Healthy Liver Education and Alcohol-associated Liver Disease : HEALD) पहल की शुरुआत की, जो यकृत स्वास्थ्य को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में पुनर्परिभाषित करती है।
HEALD पहल के बारे में
- क्या है : यह पहल दुनिया की पहली ऐसी बहु-क्षेत्रीय रणनीति है, जो यकृत रोगों की रोकथाम, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, नशा मुक्ति और नीति सुधार को एकीकृत दृष्टिकोण से जोड़ती है।
- उद्देश्य : इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सहायता, सामुदायिक पहुँच और नीति सुधार को यकृत देखभाल में एकीकृत करके शराब पर निर्भरता से जुड़े कलंक को कम करना है।
- शुभारंभ : केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा
- सिद्धांत: यह पहल इस सिद्धांत पर आधारित है कि प्रत्येक असफल लीवर के पीछे एक खोया हुआ अवसर छिपा होता है (Behind every failed liver lies a missed opportunity)
HEALD पहल के प्रमुख घटक:
शिक्षा और जन-जागरूकता
- स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में लीवर स्वास्थ्य पर व्यापक अभियान।
- फैटी लीवर, हेपेटाइटिस, और अल्कोहलिक लीवर डिजीज़ के बारे में जागरूकता।
- स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरणा।
प्रारंभिक जाँच और स्क्रीनिंग
- उच्च जोखिम वाले समूहों के बीच स्क्रीनिंग कार्यक्रम।
- फैटी लीवर की प्रारंभिक पहचान, जिससे मधुमेह, हृदय रोग और रक्तचाप जैसी बीमारियों की रोकथाम हो सके।
मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति सहायता
- शराब पर निर्भरता से पीड़ित व्यक्तियों को मनोवैज्ञानिक परामर्श और सहायता।
- डी-एडिक्शन केंद्रों और सामाजिक पुनर्वास कार्यक्रमों के साथ एकीकरण।
एकीकृत लीवर पुनर्वास केंद्र (Liver Habitation)
- यह केंद्र इलाज, मानसिक स्वास्थ्य सेवा, और सामाजिक समर्थन को एक स्थान पर एकत्र करता है।
- Recovery-oriented care का एक मॉडल।
नीतिगत सुधार और बहु-क्षेत्रीय भागीदारी
- स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय और नीति-निर्माताओं के बीच सामंजस्यपूर्ण कार्य।
- अल्कोहल उपयोग विकार के कलंक को समाप्त करने के लिए कानूनी और सामाजिक सुधार।