New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक, 2024

प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: प्रमुख अधिनियम, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान, ऊर्जा)

संदर्भ 

  • केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया।
  • यह संशोधन विधेयक वर्ष 1948 के मौजूदा कानूनों की जगह लेगा, जिन्हें अंतिम बार वर्ष 1969 में संशोधित किया गया था।

पूर्व के कानून

  • मूल रूप से खान एवं खनिज (विनियमन व विकास) अधिनियम, 1948 के माध्यम से तेल क्षेत्रों, खानों व खनिजों को एक साथ व्यापक रूप से विनियमित किया गया था। 
    • वर्ष 1948 के मूल अधिनियम का नाम बदलकर तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 1948 (उक्त अधिनियम) कर दिया गया और इसे केवल खनिज तेलों पर लागू किया गया।
  • इसके बाद वर्ष 1957 में केंद्र सरकार के नियंत्रण में खानों व खनिजों के विकास व विनियमन के लिए खान एवं खनिज (विकास व विनियमन) अधिनियम, 1957 लागू किया गया।

प्रस्तावित संशोधन विधेयक की मुख्य विशेषताएं 

विषय

वर्ष 1948 का अधिनियम

वर्ष 2024 का विधेयक

खनिज तेलों की परिभाषा का विस्तार

वर्ष 1948 के अधिनियम में खनिज तेलों की परिभाषा में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस को शामिल किया गया है। 

वर्ष 2024 के विधेयक में परिभाषा का विस्तार करते हुए इसमें शामिल किया गया है :

  • कोई भी प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हाइड्रोकार्बन
  • कोल बेड मीथेन और
  • शेल गैस/तेल

यह स्पष्ट करता है कि खनिज तेलों में कोयला, लिग्नाइट या हीलियम शामिल नहीं  होंगे।

पेट्रोलियम पट्टे की अवधारणा

अधिनियम में खनन पट्टे का प्रावधान है। पट्टे में खनिज तेलों की खोज, पूर्वेक्षण, उत्पादन, व्यापार योग्य बनाना और निपटान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं।

विधेयक खनन पट्टे को पेट्रोलियम पट्टे से बदल देता है, जिसमें समान प्रकार की गतिविधियाँ शामिल हैं। अधिनियम के तहत दिए गए मौजूदा खनन पट्टे वैध बने रहेंगे।

केंद्र सरकार की नियम बनाने की शक्तियाँ

अधिनियम केंद्र सरकार को कई मामलों पर नियम बनाने का अधिकार देता है। इनमें शामिल हैं:

  • लीज़ देने को विनियमित करना
  • लीज़ की शर्तें और नियम जिसमें न्यूनतम व अधिकतम क्षेत्र तथा लीज़ की अवधि शामिल है
  • खनिज तेलों का संरक्षण व विकास
  • तेल उत्पादन के तरीके, और
  • रॉयल्टी, शुल्क एवं करों के संग्रह का तरीका।

विधेयक में इन प्रावधानों को बरकरार रखा गया है और इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार निम्नलिखित पर भी नियम बना सकती है :

  • पेट्रोलियम पट्टों का विलय एवं संयोजन
  • उत्पादन एवं प्रसंस्करण सुविधाओं को साझा करना
  • पर्यावरणीय सुरक्षा व उत्सर्जन को कम करने के लिए पट्टेदारों के दायित्व
  • पेट्रोलियम पट्टों के अनुदान से संबंधित विवादों को हल करने के लिए वैकल्पिक तंत्र।

नियमों के उल्लंघन पर आर्थिक जुर्माना

अधिनियम में नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने तक की कैद, 1,000 रुपए का जुर्माना या दोनों के रूप में दंड का प्रावधान है।

विधेयक में प्रावधान है कि उपरोक्त अपराध पर 25 लाख रुपए का जुर्माना होगा और विधेयक में अन्य अपराधों को भी शामिल किया गया है:

  • वैध पट्टे के बिना खनिज तेलों से संबंधित गतिविधियाँ, जैसे- अन्वेषण, पूर्वेक्षण एवं उत्पादन करना तथा रॉयल्टी का भुगतान न करना। 

इन पर भी 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। 

उपरोक्त सभी अपराधों के मामले में लगातार उल्लंघन करने पर प्रतिदिन 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

न्यायाधिकरण व अपीलीय प्राधिकरण

केंद्र सरकार दंड के निर्णय के लिए संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त करेगी।

इसके निर्णयों के खिलाफ अपील पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड अधिनियम, 2006 में निर्दिष्ट अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष की जाएगी। 

  • वर्ष 2006 का अधिनियम, विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत गठित विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण को अपीलीय न्यायाधिकरण के रूप में नामित करता है।

प्रस्तुत विधेयक का उद्देश्य  

  • विभिन्न कार्यात्मक पहलुओं, जैसे- पट्टे या लाइसेंस प्रदान करना, उनका विस्तार या नवीकरण करना
  • तेल क्षेत्रों में अवसंरचना और सुरक्षा सहित उत्पादन व प्रसंस्करण सुविधाओं को साझा करना, विवादों का समाधान करना
  • तेल क्षेत्रों में खनिज तेलों के साथ-साथ पवन व सौर ऊर्जा के दोहन के लिए व्यापक ऊर्जा परियोजनाओं के विकास को सक्षम करना 
  • ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए वातावरण का निर्माण करने के उद्देश्य से बनाए गए नियमों के माध्यम से पेट्रोलियम परिचालन को मजबूत करना।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR