New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड 

प्रारंभिक परीक्षा – टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 - स्वास्थ्य

सन्दर्भ 

  • हाल ही में, भारतीय औषधि नियंत्रक ने चोट के न्यूनतम निशान के साथ त्वचा के घावों का उपचार करने के लिए पहले स्वदेशी रूप से विकसित पशुओं से निकाले गए टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड को मंजूरी प्रदान की।

chole-drum

टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड  

  • स्तनपायी अंगों से स्वदेशी रूप से विकसित प्रथम टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड, पशुओं से निकाली गई क्लास डी बायोमेडिकल डिवाइस है, जो त्वचा के घावों का न्यूनतम निशान के साथ तेजी से उपचार कर सकती है।
  • इस औषधि का विकास, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST) द्वारा किया गया है। 
  • SCTIMST के शोधकर्ताओं ने स्तनधारी पशुओं के अंगों से टिश्यू इंजीनियरिंग स्कैफोल्ड विकसित करने के लिए एक नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी विकसित की है।
  • कोलेडर्म के रूप में पहचाने जाने वाले स्कैफोल्ड के मेम्ब्रेन रूपों ने चूहे, खरगोश तथा कुत्तों में जले के घावों सहित विभिन्न प्रकार के त्वचा के घावों का उपचार किया।
    • कोलेडर्म एक घाव भरने वाली सामग्री है।
  • शोधकर्ताओं ने उपचार प्रतिक्रिया के संभावित तंत्र को उजागर किया और प्रदर्शित किया कि ग्राफ्ट-सहायता प्राप्त उपचार को एंटी-इनफ्लेमेटरी (प्रो-रीजेनरेटिव) मैक्रोफेज के एम-2 टाइप के द्वारा विनियमित किया गया था। 
  • स्कैफोल्ड ने सलक्यूटेनियस, कंकाल की मांसपेशियों और कार्डियक टिश्यू में स्कैरिंग के निशान वाली प्रतिक्रियाओं को संशोधित या कम कर दिया।
  • उन्नत घाव देखभाल उत्पादों के रूप में पशुओं से निकाली गई सामग्रियों का उपयोग करने की अवधारणा नई नहीं है। 
    • अब तक औषधि महानियंत्रक की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले गुणवत्ता उत्पादों के निर्माण के लिए अभी तक स्वदेशी तकनीक उपलब्ध नहीं थी। इसलिए, ऐसे उत्पादों का आयात किया जाता था, जिससे वे महंगे हो जाते थे।
  • भारतीय बाजार में कोलेडर्म की शुरुआत के साथ, उपचार की लागत 10,000/- रुपये से घटकर 2,000/- रुपये हो सकती है, जिससे यह आम आदमी के लिए अधिक किफायती हो जाएगा।
  • इसके साथ, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, श्रेणी-डी चिकित्सा उपकरणों को विकसित करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है, जो भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की सभी वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR