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टोटो भाषा

प्रारम्भिक परीक्षा – टोटो भाषा
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2

संदर्भ:

  • टोटो भाषा को संरक्षित करने के उद्देश्य से "टोटो शब्द संग्रह" नामक एक शब्दकोश जारी किया जाने वाला है , जो भूटान की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में लगभग 1,600 लोगों द्वारा बोली जाती है।

प्रमुख बिंदु

  • टोटो एक चीनी-तिब्बती भाषा है जो भारत और भूटान की सीमा पर टोटो आदिवासियों द्वारा टोटोपारा में बोली जाती है। वर्तमान में बंगाली लिपि में लिखी जाती है । हिमालयाई भाषा परियोजना टोटो के व्याकरण के पहली तस्वीर बनाने का प्रयास कर रही है।
  • टोटो भाषा यूनेस्को द्वारा गंभीर रूप से लुप्तप्राय भाषाओं की सूची में शामिल है।

टोटो भाषा के बारे में :

  • टोटो लिपि 2015 में धनीराम टोटो द्वारा विकसित की गई थी , अधिकांश टोटो बोलने वाले अभी भी बंगाली लिपि का उपयोग करते हैं या बंगाली में लिखते हैं।
  • त्रिभाषी शब्दकोश टोटो शब्दों का बंगाली और अंग्रेजी में अनुवाद करेगा , जिससे यह व्यापक दर्शकों के लिए सुलभ हो जाएगा, क्योंकि टोटो लिपि अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है और जनजाति बंगाली लिपि से अधिक परिचित है।

भाषा क्या है?

  • भाषा ध्वनि प्रतीकों की ऐसी व्यवस्था है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों/भावों का आदान-प्रदान करते हैं। भाषा शब्द संस्कृत की भाषा धातु से बना है जिसका अर्थ होता है बोलना। बोलचाल की भाषा ही मूल भाषा होती है। भाषा संप्रेषण का शक्तिशाली साधन है।

भाषा के रूप

  • भाषा का मुख्य कार्य वक्ता की बात को दूसरों तक पहुँचाना है। इस प्रकार भाषा के दो रूप होते हैं:

        1- मौखिक भाषा, 2- लिखित भाषा

मौखिक भाषा

  • जब हम बोलकर अपने विचार प्रकट करते हैं तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं। उदाहरण: बातचीत, भाषण, कहानी सुनाना आदि।

लिखित भाषा

  • जब हम हाथ या मशीन से लिखकर अपनी बात दूसरे तक पहुँचाते है तो वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है। उदाहरण: पत्र-लेखन, निबंध-लेखन, समाचार-पत्र, पुस्तक पढ़ना आदि।
  • सांकेतिक भाषा : संकेतों के द्वारा प्रस्तुत की गई भाषा को सांकेतिक भाषा कहा जाता है।

लिपि 

  • प्रत्येक भाषा को एक ही तरह से नहीं लिखा जा सकता क्योंकि हर भाषा को लिखने का ढंग अलग-अलग होता है, उनके वर्णों की बनावट अलग-अलग होती है। भाषा के लिखने के ढंग को ही लिपि कहा जाता है।

भाषा का विकास

  • परंपराओं, संस्कृति, प्रवृत्तियों और प्रथाओं के आधार पर एक अनूठी भाषा विकसित होती है। एक ही भाषा अलग-अलग तरीके से बोली जाती है। इस तरह से एक मूल भाषा विकसित होती है और दूसरे से भिन्न होती है, भले ही समुदाय करीब रहते हों।

भाषा का महत्व क्या है?

  • भाषाओं के महत्व को हम निम्नलिखित बिंदुओं में आसानी से लिख सकते हैं।
  • यह संचार का प्राथमिक तरीका है 
  • एक भाषा किसी समुदाय में दूसरों के साथ संवाद करने का सबसे आसान तरीका है।

अनेकता में एकता

  • दुनिया भर में 7100 से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं। इससे तात्पर्य यह है कि भले ही हम एक ही प्रजाति के हैं, फिर भी हम एक-दूसरे से बहुत अलग हैं। इससे यह भी सिद्ध होता है कि मतभेदों के बावजूद हम भाषाओं के माध्यम से एकजुट हैं।

हथियार बनाने वाली भाषाएँ

  • भाषाओं को हथियार बनाया जा सकता है क्योंकि उनका उपयोग एक भाषा को फैलाने या अन्य को मिटाने के लिए किया जा सकता है।

भाषाएँ महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अंतर दर्शाती हैं

  • भाषाओं में अंतर संस्कृतियों और परंपराओं में अंतर को भी दर्शाता है। जब विभिन्न समुदायों के लोग एक ही भाषा का प्रयोग करते हैं तो अन्य भाषाओं का प्रभाव भी देखा जा सकता है।

मूल भाषा क्या है?

  • वह भाषा जो कोई व्यक्ति बचपन में अपने आस-पास के लोगों से सीखता और प्राप्त करता है, मूल भाषा कहलाती है। यह स्थानीय लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। इसे पहली भाषा या मातृभाषा भी माना जा सकता है जिसे हम सबसे पहले सीखते हैं।
  • यदि कोई व्यक्ति एक ही समय में दो भाषाएँ सीखता है और उनका उपयोग करता है, तो उसे भाषाविद् कहा जाता है। यदि वह दो से अधिक भाषाएँ बोलना जानता है, तो उसे बहुभाषाविद् कहा जाता है।

देशी भाषाओं को संरक्षित करना क्यों महत्वपूर्ण है?

  • भाषाएँ किसी समुदाय की संस्कृति से सीधे जुड़ी होती हैं। किसी भाषा के खोने का सीधा असर सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं पर पड़ता है। दुनिया भर में ऐसी मूल्यवान संस्कृतियों के विभिन्न रूपों को संरक्षित करने के लिए स्वदेशी भाषाओं को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है ।
  • स्वदेशी भाषाओं के प्रयोग को खत्म करने के लिए एक भाषा थोपने से समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जनसंख्या में विविधता ही हमें अलग और टिकाऊ बनाती है। 
  • भाषाएँ परिभाषित करती हैं कि हम कौन हैं और इसका किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति अपनी मूल भाषा खो देता है तो वह बिल्कुल नया व्यक्ति बन जाएगा। 
    • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 6000 से अधिक भाषाएँ उस लुप्तप्राय सूची में आती हैं। भारत में 600 से अधिक भाषाएँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। मूल भाषाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, 1999 से 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।

    भारतीय संविधान में भाषा का उल्लेख

    • भारतीय संविधान के भाग-17 में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा से संबंधित उपबंध शामिल हैं । राजभाषा के उपबंध चार शीर्षक; संघ की भाषा, क्षेत्रीय भाषाएँ, पवित्र एवं विधि के पाठ एवं अन्य विशिष्ट भाषा के रूप में शामिल किए गए हैं।
    • 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकार किया गया गया था। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के सम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये 14 सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
      • संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:- (1) असमिया, (2) बंगाली (3) गुजराती, (4) हिंदी, (5) कन्नड़, (6) कश्मीरी, (7) कोंकणी, ( 8 ) मलयालम, ( 9 ) मणिपुरी, (10) मराठी, (11) नेपाली, (12) उड़िया, (13) पंजाबी, (14) संस्कृत, (15) सिंधी (16) तमिल (17) तेलुगू (18) उर्दू (19) बोडो, (20) संथाली, (21) मैथिली, (22) डोंगरी ।

      प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

      1. टोटो एक चीनी-तिब्बती भाषा है जो भारत और भूटान की सीमा पर टोटो आदिवासियों द्वारा टोटोपारा में बोली जाती है। 
      2. टोटो भाषा यूनेस्को द्वारा गंभीर रूप से लुप्तप्राय भाषाओं की सूची मे शामिल है।
      3. टोटो लिपि 2014 में धनीराम टोटो द्वारा विकसित की गई थी । 

      उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

      (a) केवल एक

      (b) केवल दो

      (c) सभी तीन

      (d) कोई भी नहीं 

      उत्तर : (b)

      मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  भाषा से क्या आशय है? इसके महत्त्व की चर्चा करते हुए इसके संरक्षण की आवश्यकताओं को स्पष्ट करें ?
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