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गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967    

प्रारम्भिक परीक्षा:  गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967
मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:3 - आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका। 

सुर्खियों में क्यों ?

  • हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है कि एक गैरकानूनी संगठन की सदस्यता अपने आप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक अपराध है।

प्रमुख बिन्दु 

  • दरअसल सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2011 में दिए गए अपने तीन निर्णयों की जांच कर रही थी; 
    • केरल राज्य बनाम रानीफ
    • अरूप भुइयां बनाम भारत संघ
    • इंद्र दास बनाम असम राज्य
  • सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि UAPA ,1967 के तहत " केवल प्रतिबंधित संगठन की सदस्यता ,किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराएगी", जब तक कि " वह हिंसा का सहारा नहीं लेता या लोगों को हिंसा के लिए नहीं उकसाता और हिंसा का सहारा लेकर अव्यवस्था या सार्वजनिक शांति भंग करने के इरादे से काम नहीं करता है।
  • जब एक संगठन को UAPA की धारा 3 के तहत जारी अधिसूचना द्वारा गैरकानूनी घोषित किया जाता है और एक व्यक्ति जो इस तरह के संगठन का सदस्य है और बना रहता है,को 2 वर्ष तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है
  • UAPA की धारा 10 (A) (i) के अनुसार,
  • किसी व्यक्ति को केवल इसलिए दंडित नहीं किया जा सकता क्योंकि वह इस तरह के गैरकानूनी संगठन का सदस्य था यदि कोई व्यक्ति सदस्य रहा है, लेकिन घोषणा के बाद सदस्य नहीं बना रहता है, तो यह धारा 10 के अंतर्गत नहीं आएगा। 

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 {THE UNLAWFUL ACTIVITIES (PREVENTION) ACT, 1967 (UAPA)} 

  • उद्देश्य- इसे व्यक्तियों और संगठनों की कुछ गैरकानूनी गतिविधियों की अधिक प्रभावी रोकथाम और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए और उससे जुड़े मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था। 
  • यह अधिनियम व्यक्ति/ व्यक्तियों या संगठनों द्वारा की गई निम्नलिखित कार्रवाई को गैर-कानूनी गतिविधि के रूप में परिभाषित करता है ; 
    • ऐसी कोई भी कार्रवाई, जो भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग पर अधिकार या नियंत्रण स्थापित करती हो।  
    • भारत की संप्रभुता को खंडित या भारत की अखंडता को बाधित करती हो। 
  • केंद्र सरकार किसी दोषी संगठन को आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित कर सकती है
  • DSP या ACP या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों द्वारा जांच की जा सकती है।
  • UAPA अधिनियम, 2019 के तहत परमाणु आतंकवाद से संबंधित कृत्यों के दमन हेतु अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (2005) को सूची में जोड़ा गया है।

गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम से संबंधित मुद्दे

  • इसके अंतर्गत गिरफ़्तारी की अवधि बढ़ा दी जाती है, जो आगे भी बढ़ती जाती है। इसके पहले सामान्य ज़मानत नहीं दी जा सकती है। साथ ही, नियमित ज़मानत भी न्यायाधीश की संतुष्टि के अधीन ही होती है।  
  • ज़मानत के अतिरिक्त यह प्रक्रिया पूर्व-परीक्षण, जघन्य आतंक अपराधों के दोषी माने जाने वाले अभियुक्तों के लिये लंबी अवधि की सुनवाई तथा कैद की लंबी अवधि को भी सुनिश्चित करती है।

गैर-कानूनी गतिविधि (निवारण) संशोधन अधिनियम, 2019

  • उक्त अधिनियम के अंतर्गत केंद्र सरकार किसी संगठन को आतंकवादी संगठन निर्दिष्ट कर सकती है, अगर वह- 

(I) आतंकवादी कार्रवाई करता है या उसमें भाग लेता है। 

(II) आतंकवादी घटना को अंजाम देने की तैयारी करता है। 

(III) आतंकवाद को बढ़ावा देता है। 

(IV) अन्यथा आतंकवादी गतिविधि में शामिल है।

  • सरकार को अधिकार है कि वह समान आधार पर ‘व्यक्तियों को भी आतंकवादी’ निर्दिष्ट कर सकती है।
  • अधिनियम के अंतर्गत जाँच अधिकारी को उन संपत्तियों को ज़ब्त करने से पहले पुलिस महानिदेशालय से मंजूरी लेनी होती है, जो आतंकवाद से संबंधित हो सकती है।

प्रश्न - निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए । 

  1. UAPA अधिनियम, 2019 के तहत परमाणु आतंकवाद से संबंधित कृत्यों के दमन हेतु अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (2005) को सूची में जोड़ा गया है।
  2. UAPA, 1967 के अंतर्गत गतिवधियों की जांच उपनिरीक्षक या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों द्वारा की जा सकती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सत्य कथन हैं ?

  1. केवल 1 
  2. केवल 2 
  3. 1 एवं 2 दोनों 
  4. न तो 1 और न ही 2

उत्तर : A

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