विश्व पर्यावरण दिवस, 2025 के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नमस्ते योजना के तहत कचरा बीनने वालों की प्रोफाइलिंग के लिए एक राष्ट्रव्यापी ‘वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप’ (Waste Picker Enumeration App) लॉन्च किया है।
ऐप की प्रमुख विशेषताएँ
- राष्ट्रव्यापी प्रोफाइलिंग : इस ऐप के माध्यम से देशभर के 2.5 लाख कचरा बीनने वालों की डिजिटल गणना (Enumeration) की जाएगी।
- औपचारिक पहचान : ऐप के जरिए कचरा बीनने वालों को फोटो युक्त व्यावसायिक पहचान पत्र (Occupational Photo ID Card) प्रदान किए जाएंगे।
- सामाजिक सुरक्षा से जोड़ना : पंजीकृत श्रमिकों को आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ।
- संगठनों का सशक्तिकरण : 750 सूखा कचरा संग्रह केंद्रों (DWCC) का प्रबंधन करने के लिए कचरा बीनने वालों के समूहों को मजबूत करना।
- समावेशी शहरी प्रणालियों से एकीकरण : ऐप के माध्यम से कचरा बीनने वालों को शहरी निकायों की औपचारिक प्रणाली में जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें अधिक अधिकार एवं सुविधाएँ मिल सकें।
नमस्ते योजना के बारे में
- पूरा नाम : नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम (National Action for Mechanised Sanitation Ecosystem: NAMASTE)
- योजना की प्रकृति : केंद्रीय क्षेत्र की योजना
- आरंभ : जुलाई 2023
- नोडल मंत्रालय : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा संयुक्त रूप से
- क्रियान्वयन एजेंसी : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (NSKFDC)
- इसे NSKFDC द्वारा 349.73 करोड़ रूपए के बजट आवंटन के साथ वित्त वर्ष 2023 से 2026 तक तीन वर्ष के लिये क्रियान्वित किया जाना है।
- वित्तपोषण संरचना
- केंद्र : राज्य = 60 : 40 (मैदानी राज्यों के लिए)
- उत्तर-पूर्वी व हिमालयी राज्यों व UTs के लिए = 90 : 10
- मशीनरी खरीद में 100% केंद्र अनुदान; ऑपरेशन-रखरखाव में साझी जिम्मेदारी
- उद्देश्य : इसका मुख्य उद्देश्य मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला ढोने की प्रथा) को समाप्त करना, सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना तथा स्वच्छता क्षेत्र में यंत्रीकृत प्रणालियों को बढ़ावा देना है।
- यह योजना विशेष रूप से उन श्रमिकों के कल्याण पर केंद्रित है जो सीवर, सेप्टिक टैंक एवं कचरा संग्रह जैसे जोखिम भरे कार्यों में संलग्न हैं।