New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

अपशिष्ट पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन 2025

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने एक दिवसीय सम्मेलन- 'अपशिष्ट पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन 2025' का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु: 

  • इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय पुनर्चक्रण एवं पर्यावरण उद्योग संघ (REIAI) द्वारा किया गया था।
  • प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक और खतरनाक कचरे की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।
    • भारत में प्रतिवर्ष लगभग 62 मिलियन टन कचरा उत्पन्न होता है।
  • कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य:
    • उत्पादों को पुनः डिज़ाइन करने के लिए प्रोत्साहित करना  
    • उन्नत पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों में निवेश
    • आपूर्ति श्रृंखला सहयोग को मजबूत करना
    • उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना और व्यवहार में बदलाव लाना
  • भारत की चक्रीय अर्थव्यवस्था में संभावनाएं:
    • वर्ष 2050 तक भारत की चक्रीय अर्थव्यवस्था का बाजार मूल्य 2 ट्रिलियन डॉलर होने और 10 मिलियन नौकरियां सृजित करने की उम्मीद है। 

चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy):

Circular-Economy

  • यह एक ऐसा आर्थिक मॉडल है, जो 'लेना, बनाना और निपटाना' (Take, Make, Dispose) की पारंपरिक प्रक्रिया के बजाय संसाधनों के अधिकतम उपयोग, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण पर केंद्रित है। 
  • इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी को रोकना और पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करना है।

भारतीय पुनर्चक्रण एवं पर्यावरण उद्योग संघ (REIAI):

  • यह एक प्रमुख संगठन है, जो अपशिष्ट प्रबंधन, पुनर्चक्रण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत है। 
  • इसका उद्देश्य भारत के शून्य कचरा लक्ष्य के अनुरूप, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास दोनों को साधा जा सके।
  • REIAI की प्रमुख गतिविधियाँ:
    • उद्योग जगत, स्टार्टअप्स और पर्यावरण विशेषज्ञों के लिए मंच प्रदान करना
    • इस मंच के माध्यम से वे नवीनतम प्रगति साझा कर सकते हैं।
    • प्लास्टिक उद्योग में स्थिरता प्राप्त करने के लिए विचार-विमर्श कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक कचरा पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना
    • बायोडिग्रेडेबल और कम्पोस्टेबल प्लास्टिक जैसे स्थायी विकल्पों पर कार्य करना।
    • उन्नत पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान देना।

प्रश्न. अपशिष्ट पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन 2025' सम्मेलन का आयोजन किसके द्वारा किया गया था?

(a) केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)

(b) भारतीय पुनर्चक्रण एवं पर्यावरण उद्योग संघ (REIAI)

(c) नीति आयोग

(d) पर्यावरण और वन मंत्रालय

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR