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खाद्य-पदार्थ किरणन क्या है? लाभ , उपयोग होने वाले विकिरण,चुनौतियाँ, वैश्विक परिप्रेक्ष्य

खाद्य-पदार्थ किरणन (Food Irradiation) 

खाद्य-पदार्थ किरणन एक सुरक्षित, वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित खाद्य-प्रसंस्करण तकनीक है, जिसमें खाद्य वस्तुओं को नियंत्रित मात्रा में आयनकारी विकिरण (Ionizing Radiation) के संपर्क में लाकर उनका संरक्षण किया जाता है। इसका उद्देश्य खाद्य-सुरक्षा बढ़ाना, शेल्फ-लाइफ बढ़ाना और कीट/रोगजनकों को नियंत्रित करना है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (AMA), FAO, WHO, IAEA जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएँ इस तकनीक को सुरक्षित मान चुकी हैं।

Food-irradiation

खाद्य-पदार्थ किरणन क्या है? (What is Food Irradiation?)

यह एक भौतिक प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य-पदार्थों—ताजा उत्पाद, अनाज, मसाले, समुद्री खाद्य, मांस—को पूर्व-निर्धारित विकिरणीय ऊर्जा से उपचारित किया जाता है।

उद्देश्य

  • खाद्य-पदार्थों की शेल्फ-लाइफ बढ़ाना
  • कीट एवं रोगजनकों को नियंत्रित/नष्ट करना
  • परजीवी संक्रमण रोकना
  • अंकुरण (sprouting) रोकना (जैसे आलू, प्याज)
  • फल-सब्जियों का पकना (ripening) धीमा करना
  • खाद्य-जनित रोगों (Food-borne diseases) को कम करना

इसे माइक्रोवेव, पाश्चरीकरण की तरह ही एक संरक्षण तकनीक माना जाता है।

यह तकनीक कैसे काम करती है? (Working Mechanism)

आयनकारी विकिरण के खाद्य-पदार्थ से टकराने पर दो प्रक्रियाएँ होती हैं:

(A) प्राथमिक प्रक्रियाएं (Primary Processes)

  • ऊर्जा + खाद्य पदार्थ → आयनों व उत्प्रेरित अणुओं का निर्माण
  • DNA एवं कोशिकीय संरचनाओं में टूट-फूट → कीट/सूक्ष्मजीव नष्ट

(B) द्वितीयक प्रक्रियाएं (Secondary Processes)

  • प्राथमिक उत्पादों की आपसी अभिक्रिया
  • इन अभिक्रियाओं को प्रभावित करने वाले कारक:
    • खाद्य पदार्थ में जल की मात्रा
    • उपस्थित ऑक्सीजन
    • pH

इन प्रक्रियाओं से उत्पन्न यौगिकों को रेडियोलिटिक उत्पाद कहा जाता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार ये परिवर्तन अत्यंत नगण्य होते हैं और मानव-स्वास्थ्य पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं डालते।

रेडियोलिसिस (Radiolysis) का महत्व

  • जल के अणुओं के टूटने से बने मुक्त कण (free radicals)
  • ये सूक्ष्मजीवों के DNA को नुकसान पहुँचाते हैं
    → कीट/रोगजनक निष्क्रिय या नष्ट हो जाते हैं।

खाद्य-पदार्थ किरणन के लाभ (Advantages)

(1) खाद्य-सुरक्षा में वृद्धि

  • E. coli, Salmonella, Listeria जैसे रोगजनक नष्ट होते हैं।

(2) खाद्य-पदार्थों की गुणवत्ता बनी रहती है

  • स्वाद, रंग, सुगंध, पोषक तत्व अधिकांशतः सुरक्षित रहते हैं।

(3) कीट नियंत्रण (Disinfestation)

  • अनाज, दालें, मसालों में कीट नष्ट
    → आयात-निर्यात में आसानी

(4) प्रसंस्करण दक्षता

  • कोल्ड-स्टोरेज, रेफ्रिजरेशन के साथ संयोजन में अत्यंत प्रभावी

(5) रासायनिक कीटनाशकों का विकल्प

  • सल्फर फ्यूमिगेशन जैसे तरीकों की जगह सुरक्षित विकल्प

क्या खाद्य-पदार्थ किरणन सुरक्षित है? (Safety Evidence)

वैज्ञानिक समुदाय की व्यापक सहमति: यह तकनीक सुरक्षित है।

प्रमाण/अनुमोदन संस्थाएँ:

  • WHO
  • FAO
  • International Atomic Energy Agency (IAEA)
  • American Medical Association
  • Codex Alimentarius Commission

वैज्ञानिक निष्कर्ष

  • भोजन रेडियोधर्मी नहीं बनता
  • विषाक्तता, कैंसर या पोषण-हानि का कोई प्रमाण नहीं
  • वैश्विक स्तर पर 50+ वर्षों से सुरक्षित उपयोग

खाद्य-पदार्थ किरणन में उपयोग होने वाले विकिरण (Types of Radiation)

(A) गामा किरणें (Gamma Rays)

  • स्रोत: कोबाल्ट-60 (Co-60)
  • अत्यधिक पैठ क्षमता
  • बड़े पैमाने पर खाद्य-प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त
  • भारत में BRIT (Board of Radiation & Isotope Technology) Co-60 की आपूर्ति करता है।

(B) एक्स-किरणें (X-Rays)

  • उच्च-ऊर्जा इलेक्ट्रॉन बीम को किसी धातु लक्ष्य से टकराकर उत्पन्न
  • पैकेज्ड खाद्य-पदार्थों के लिए उपयुक्त
  • उद्योग व फार्मास्यूटिकल सेक्टर में भी उपयोग

(C) इलेक्ट्रॉन बीम (Electron Beam)

  • त्वरक (accelerator) से प्राप्त उच्च-ऊर्जा इलेक्ट्रॉन
  • उथली पैठ क्षमता → सतही या छोटे पैकेज के लिए उपयुक्त
  • तेज़ प्रसंस्करण

भारत में खाद्य-पदार्थ किरणन (Status in India)

संस्थागत ढाँचा

  • परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE)
  • BRIT – कोबाल्ट-60 आपूर्ति
  • Bhabha Atomic Research Centre (BARC) तकनीकी विकास, R&D
  • Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI)नियमन

नीति समर्थन

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)

  • "Integrated Cold Chain & Value Addition Infrastructure" के अंतर्गत
  • बहु-उत्पाद खाद्य-पदार्थ किरणन इकाइयों की स्थापना को अनुदान

स्थिति (अगस्त 2025 तक)

  • 16 परियोजना प्रस्ताव स्वीकृत
  • 9 इकाइयाँ चालू
  • उपयोग क्षेत्र: मसाले, अनाज, प्याज-आलू, सीफ़ूड, फल-सब्जियाँ

भारत की प्रमुख किरणन सुविधाएँ

  • KRUSHAK (BARC, Lasalgaon) – मसाले, प्याज
  • Vashi Irradiation Facility (Navi Mumbai)
  • Radiant Food Irradiation Plants (Private Sector Units)

चुनौतियाँ (Challenges)

  • उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी
  • “रेडिएशन” शब्द से अनावश्यक भय
  • उच्च प्रारंभिक निवेश लागत
  • सीमित संख्या में व्यावसायिक इकाइयाँ
  • परिवहन और लॉजिस्टिक सीमाएँ

वैश्विक परिप्रेक्ष्य (Global Perspective)

  • अमेरिका, फ्रांस, नीदरलैंड, चीन में बड़े स्तर पर उपयोग
  • मसाले, मांस, फल-सब्जियों के व्यापार में प्रमुख तकनीक
  • Codex Alimentarius Commission ने वैश्विक मानक तय किए

निष्कर्ष 

खाद्य-पदार्थ किरणन एक वैज्ञानिक, सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल तकनीक है, जो भारत में खाद्य-सुरक्षा, कृषि-निर्यात, और सप्लाई-चेन दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सरकार द्वारा PMKSY के माध्यम से दिए गए समर्थन के कारण भारत में इसकी स्वीकार्यता धीरे-धीरे बढ़ रही है।

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