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दुनिया का सबसे छोटा और घुलनशील पेसमेकर: हृदय उपचार में नई क्रांति

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी)

संदर्भ

अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने दुनिया का सबसे छोटा और पूरी तरह से घुलने वाला पेसमेकर विकसित किया है, जो चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। 

क्या होता है पेसमेकर

  • पेसमेकर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसे हृदय की अनियमित धड़कनों को नियंत्रित करने के लिए लगाया जाता है। यह डिवाइस हृदय को नियमित और स्थिर गति से धड़कने में मदद करता है। 
    • इसे कार्डियक पेसिंग डिवाइस भी कहते हैं।
  • अभी तक इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक पेसमेकर में तारें शरीर से बाहर रहती हैं और बाद में इन्हें सर्जरी करके निकालना पड़ता है, जिससे संक्रमण और घाव का खतरा बना रहता है तथा ये तारें हृदय की मांसपेशियों को संभावित रूप से नुकसान पहुँचा सकती हैं।

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नये पेसमेकर की कार्यप्रणाली 

  • यह पेसमेकर एक चावल के दाने से भी छोटा है और यह शरीर के बाहर पहने जाने वाले एक वायरलेस डिवाइस के साथ काम करता है। 
  • इसे इंजेक्शन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करवाया जाता है। यह नवजात शिशुओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, जिन्हें जन्म के तुरंत बाद हृदय सर्जरी के बाद अस्थायी पेसिंग की आवश्यकता होती है।
  • जब दिल की धड़कन अनियमित होती है, तो यह बाहरी डिवाइस त्वचा और मांसपेशियों के माध्यम से प्रकाश की एक पल्स भेजता है, जिससे पेसमेकर सक्रिय हो जाता है और हृदय की धड़कन को सामान्य करता है।
  • यह प्रक्रिया इन्फ्रारेड लाइट की मदद से की जाती है, जो शरीर के भीतर सुरक्षित रूप से प्रवेश कर सकती है।

नये पेसमेकर की प्रमुख विशेषताएँ

  • घुलनशीलता और स्मार्ट तकनीक : यह पेसमेकर शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने पर स्वयं घुल जाता है। वैज्ञानिकों ने इसकी संरचना और मोटाई को इस प्रकार डिज़ाइन किया है कि यह आवश्यक समय तक काम करने के बाद स्वतः नष्ट हो जाए। 
    • यह खासतौर पर अस्थायी पेसिंग के लिए उपयुक्त है, जिससे बार-बार सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • बहु-कार्यात्मक और शक्तिशाली : यह पेसमेकर आकार में छोटा (1.8 मिमी × 3.5 मिमी × 1 मिमी) होने के साथ ही अपने आप बिजली भी उत्पन्न करता है। इसमें दो विभिन्न धातुओं का उपयोग किया गया है जो शरीर के तरल से रासायनिक क्रिया करके ऊर्जा उत्पन्न कर हृदय को आवश्यक विद्युत संकेत देती है।
  • बहुविकल्पीय नियंत्रण और व्यापक संभावनाएँ : इस तकनीक की मदद से एक ही हृदय में कई पेसमेकर लगाए जा सकते हैं, जिन्हें अलग-अलग रंगों की लाइट से नियंत्रित किया जा सकता है। यह विशेष रूप से उन मरीजों के लिए फायदेमंद है जिनमें दिल की गति बहुत अनियमित होती है।
    • इसके अलावा, यह तकनीक हृदय वाल्व जैसे अन्य इम्प्लांट्स के साथ भी समन्वयित की जा सकती है, जिससे इलाज को और अधिक कुशल बनाया जा सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ

शोधकर्ताओं के अनुसार यह तकनीक भविष्य में बच्चों के साथ ही वयस्कों के इलाज में भी उपयोगी हो सकती है। इसके अलावा,यह बायो-इलेक्ट्रॉनिक मेडिसिन के अन्य क्षेत्रों में भी कारगर हो सकती है,जिसमें नसों की मरम्मत, हड्डियों का जोड़ना, घाव भरना और दर्द प्रबंधन आदि शामिल हैं।

निष्कर्ष

इस घुलनशील सूक्ष्म पेसमेकर की खोज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह हृदय रोगों के उपचार को आसान, सुरक्षित और सुलभ बनाने के साथ ही चिकित्सा तकनीक को एक नई दिशा भी देता है, जिसमें कम इनवेसिव, स्मार्ट और शरीर के अनुकूल उपकरणों की अहम भूमिका होगी।

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