चर्चा में क्यों ?
- नेपाल में याला ग्लेशियर, जो कभी हिंदू कुश हिमालय (HKH) में ग्लेशियोलॉजिकल प्रशिक्षण और क्रायोस्फीयर अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल था, अब आधिकारिक तौर पर “मृत” घोषित कर दिया गया है

प्रमुख बिंदु:-
- नेपाल के लांगटांग क्षेत्र में स्थित याला ग्लेशियर को 12 मई 2025 को औपचारिक रूप से "मृत" घोषित किया गया।
- यह हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियरों में बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों का प्रतीक है।
- इस अवसर पर वैज्ञानिकों, स्थानीय समुदायों और भिक्षुओं ने एक मार्मिक स्मारक स्थापित कर ग्लेशियर को श्रद्धांजलि दी।
घटना का महत्व:-
- याला ग्लेशियर एशिया का पहला ऐसा ग्लेशियर बन गया है जिसे “मृत” घोषित कर स्मारक पट्टिका दी गई है।
- यह हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की गंभीरता और ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने की कहानी को दर्शाता है।
- ग्लेशियर ने पिछले 50 वर्षों में अपना 66% द्रव्यमान खो दिया है तथा 784 मीटर पीछे हट चुका है।
समारोह और भागीदार
- इस स्मारक स्थापना समारोह में नेपाल, भारत, चीन और भूटान के 50 से अधिक भिक्षु, वैज्ञानिक और स्थानीय लोग शामिल हुए।
- आयोजन का समन्वय ICIMOD (अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र) ने किया। इसमें ग्लेशियर के इतिहास और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों पर चर्चा हुई।
याला ग्लेशियर की पृष्ठभूमि
- याला ग्लेशियर ग्लेशियोलॉजिकल प्रशिक्षण और क्रायोस्फीयर अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण स्थल था।
- यह 38 ग्लेशियरों में से एक है जिनका दशकीय स्तर पर निगरानी की जाती है।
- ग्लेशियर ने हिमालय क्षेत्र के जल संसाधनों और पारिस्थितिकी में अहम भूमिका निभाई।
वैज्ञानिक और पर्यावरणीय चिंताएँ
- 1975 से अब तक पृथ्वी के पर्वतीय ग्लेशियरों से लगभग 9 ट्रिलियन टन बर्फ पिघल चुकी है।
- मई 2025 में CO₂ स्तर 426 पीपीएम पर पहुंच गया है, जो पर्यावरणीय संकट को दर्शाता है।
- एचकेएच क्षेत्र में लगातार तीसरा वर्ष सामान्य से कम बर्फबारी दर्ज की गई है।
- गंगा बेसिन में बर्फबारी में 24.1% की कमी आई है, जिससे जल संकट बढ़ सकता है।
ग्लेशियरों का वैश्विक संदर्भ
- याला ग्लेशियर के बाद केवल आइसलैंड का ओके ग्लेशियर और मेक्सिको का अयोलोको ग्लेशियर ही विश्व स्तर पर ऐसे स्मारक के रूप में "मृत" घोषित किए गए हैं।
याला ग्लेशियर से जुड़ी प्रमुख जानकारी
विषय
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विवरण
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स्थान
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लांगटांग, नेपाल
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मृत घोषित होने की तिथि
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12 मई 2025
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ग्लेशियर के पीछे हटने की दूरी
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784 मीटर
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द्रव्यमान ह्रास
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66% (पिछले 50 वर्षों में)
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समन्वय संस्था
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ICIMOD (अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र)
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स्मारक पट्टिका भाषा
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अंग्रेजी, नेपाली, तिब्बती
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शामिल समुदाय
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नेपाल, भारत, चीन, भूटान के भिक्षु, वैज्ञानिक, स्थानीय लोग
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ग्लेशियर निगरानी संख्या
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एचकेएच क्षेत्र के 38 में से 7 ग्लेशियर
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CO₂ स्तर (मई 2025)
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426 पीपीएम
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बर्फबारी की कमी (गंगा बेसिन)
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24.1% कम
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हिंदू कुश हिमालय (HKH):-
- हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र, जिसे "तीसरा ध्रुव" भी कहा जाता है, एक विशाल पर्वत क्षेत्र है जो अफगानिस्तान से म्यांमार तक फैला हुआ है।
- यह क्षेत्र पृथ्वी के सबसे ऊंचे पहाड़ों, ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर बर्फ की सबसे बड़ी मात्रा और कई वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट का घर है
- HKH कई प्रमुख नदियों का स्रोत भी है जो दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को पानी देती हैं।

प्रश्न :-याला ग्लेशियर किस देश में स्थित है?
(a) भारत
(b) नेपाल
(c) भूटान
(d) चीन
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