New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

चीन का एक और साइबर हमला

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र : 2- भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव) 

संदर्भ

हाल ही में, ऐसे प्रमाण प्राप्त हुए हैं कि चीन सरकार से जुड़ी एक कंपनी ने साइबर हमले के द्वारा मुंबई और तेलंगाना में विद्युत आपूर्ति बाधित करने का प्रयास किया है।विगत कुछ वर्षों से भारत और चीन के बीच जारी तनाव के दौर में इस प्रकार की गतिविधियाँ भारत की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं।

प्रमुख बिंदु

  • 28 फरवरी को मैसाचुसेट्स स्थित एक फर्म द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि हाल के दिनों में‘रेड ईको’(Red Echo) नामक चीनी समूह द्वारा गुप्त जानकारियाँ जुटाने तथा व्यवस्थागत अवरोध उत्पन्न करने के लिये बड़ी संख्या में मैलवेयर आदि का प्रयोग किया गया है। इस समूह द्वारा ही भारत के एक बड़े विद्युत क्षेत्र को भी लक्ष्य बनाया गया।
  • रिपोर्ट के अनुसार, साइबर हमले में 10 अलग-अलग भारतीय विद्युत क्षेत्र संगठनों को लक्षित किया गया था, जिनमें चार ‘क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र’ (Regional Load Despatch Centres - RLDCs) शामिल हैं जो देश मेंविद्युत की आपूर्ति और माँग को संतुलित करके देश के पावर ग्रिड को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायता करते हैं।
  • रेड ईकोने शैडोपैड(ShadowPad) नामक मैलवेयर का उपयोग किया, जो सर्वर तक पहुँचने के लिये बैकडोर चैनल्स का उपयोग करता है।
  • विद्युत् मंत्रालय ने इन प्रयासों की पुष्टि करते हुए बताया कि नवंबर 2020 में कुछ केंद्रों पर शैडोपैड मैलवेयर के हमले की सूचना मिली थी। यद्यपि इन घटनाओं के कारण किसी प्रकार का कोई कोई डेटा ब्रीच या डेटा लॉसनहीं हुआ। 

क्या हैं इस हमले के निहितार्थ?

  • यह स्पष्ट है कि चीन अपने भू-राजनीतिक हितों को साधने के लिये साइबर हमले और जासूसी का सक्रिय रूप से प्रयोग कर रहा है।
  • वर्ष 2020 के उत्तरार्ध में वैश्विक रूप से साइबर हमलों और जासूसी की घटनाओं में वृद्धि हुई और इनके द्वारा विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और वैक्सीन निर्माण क्षेत्र को लक्षित किया गया था।
  • स्पष्ट है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कोरोना जन्य तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारणवैक्सीन कंपनियों को साइबर हमलों का निशाना बनाया जा रहा है।

पूर्व में हुए साइबर हमले

  • कुछ दिनों पूर्व,सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक के आई.टी. सिस्टम पर‘स्टोन पांडा’नामक हैकर समूह ने हमला किया था। ऐसा माना जा रहा है कि इस हमले की प्रमुख वजह वैक्सीन से जुड़े अहम तथ्य और प्रतिस्पर्धी लाभ हासिल करना था।
  • स्टोन पांडा एक चीनी हैकर समूह है, जिसने बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट के बुनियादी आई.टी.ढाँचे में व्याप्त कमज़ोरियों का फायदा उठाकर यह साइबर हमला किया था।
  • ध्यातव्य है कि भारत बायोटेक ने ‘कोवैक्सिन’ और सीरम इंस्टिट्यूट ने ‘कोविशिल्ड’ नामक कोरोना वैक्सीन्स को विकसित किया है, जिनका उपयोग वर्तमान में राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X