New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

लाल चंदन (रेड सैंडर्स) की तस्करी का CITES डेटाबेस

प्रारंभिक परीक्षा – लाल चंदन, CITES

सन्दर्भ 

  • CITES व्यापार डेटाबेस द्वारा रेड सैंडर्स के भारत से निर्यात किए जा रहे जंगली नमूनों की घटनाओं को दर्ज किया गया। 
  • 2016 से 2020 तक इन नमूनों को चीन (53.5%), हांगकांग (25.0%), सिंगापुर (17.8%) और संयुक्त राज्य अमेरिका (3.5%) को निर्यात किया गया था। 

लाल चंदन

red-sanders

  • लाल चंदन, आंध्र प्रदेश के पूर्वी घाट क्षेत्र के जंगलों में एक स्थानिक वनस्पति प्रजाति है।
  • इसका वैज्ञानिक नाम टेरोकार्पस सैंटालिनस है।
  • रेड सैंडर्स लगभग 500 से 3000 फीट की ऊँचाई पर पाया जाता है, यह एक बहुत धीमी गति से बढ़ने वाली पेड़ प्रजाति है, जो 25-40 वर्षों के बाद प्राकृतिक जंगलों में परिपक्वता प्राप्त करती है।
  • इसकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अत्याधिक मांग है, इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, औषधीय उत्पादों और उच्च स्तरीय फर्नीचर तथा हस्तशिल्प बनाने के लिए किया जाता है, जबकि लकड़ी से प्राप्त लाल रंग का उपयोग वस्त्रों और दवाओं में रंग एजेंट के रूप में किया जाता है।
  • भारत से लाल चंदन का निर्यात विदेश व्यापार नीति के तहत प्रतिबंधित है।
  • लाल चंदन को अतंरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 
  • इसके अलावा लाल चंदन को CITES के परिशिष्ट-II तथा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची II के तहत सूचीबद्ध किया गया है। 

 CITES

SITES

  • जंगली जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) सरकारों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। 
  • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जंगली जानवरों और पौधों के नमूनों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा ना हो।
  • 1963 में IUCN के सदस्यों की बैठक में अपनाए गए एक संकल्प के परिणामस्वरूप CITES का मसौदा तैयार किया गया था। 
  • 3 मार्च 1973 को संयुक्त राज्य अमेरिका में 80 देशों के प्रतिनिधियों की एक बैठक में कन्वेंशन पर सहमति हुई और 1 जुलाई 1975 को CITES लागू हुआ। 
  • भारत 1976 से CITES का सदस्य है। 
  • CITES का सचिवालय - जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में है, इसे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा प्रशासित किया जाता है।
  • CITES एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसका देशों और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठनों द्वारा स्वेच्छा से पालन किया जाता है।
  • वे देश जो कन्वेंशन से बंधे होने के लिए सहमत हुए हैं, उन्हें पार्टियों के रूप में जाना जाता है।
  • CITES राष्ट्रीय कानूनों का स्थान नहीं लेता है।
  • CITES कन्वेंशन पार्टियों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी है, जो अपने लक्ष्यों को लागू करने के लिए अपने स्वयं के घरेलू कानून को अपनाने के लिए बाध्य हैं।
  • CITES की पार्टियों का सम्मेलन कन्वेंशन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है और इसमें इसके सभी पक्ष शामिल हैं।
  • यह पौधों और जानवरों को खतरे के अनुसार तीन श्रेणियों, या परिशिष्टों के अनुसार वर्गीकृत करता है -
    1. परिशिष्ट I – इसमें उन प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जाता है जो विलुप्त होने के खतरे में हैं। वैज्ञानिक या शैक्षिक कारणों से असाधारण स्थितियों को छोड़कर इन पौधों और जानवरों के वाणिज्यिक व्यापार पर प्रतिबंध होता है।
    2. परिशिष्ट II प्रजातियाँ: इसमें उन प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जाता है जिन्हें विलुप्त होने का खतरा नहीं है, लेकिन यदि व्यापार प्रतिबंधित नहीं किया गया तो उनकी संख्या में गंभीर गिरावट आ सकती है, इनका व्यापार परमिट द्वारा नियंत्रित होता है।
    3. परिशिष्ट III प्रजातियाँ - इसमें उन प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जाता है जो कम से कम एक CITES सदस्य देश में संरक्षित है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR