New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 15th Jan., 2026 New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 15th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

मगरमच्छों की प्रजातियाँ और संबंधित तथ्य

(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी से संबंधित प्रश्न)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 - पर्यावरण संरक्षण से संबंधित प्रश्न)

संदर्भ

हाल ही में, ओडिशा का केंद्रपाड़ा ज़िला, भारत में पाए जाने वालेमगरमच्छों की तीन प्रजातियोंके आवास स्थल वालाभारत का एकमात्र ज़िलाबन गया है।

्रमुख बिंदु

  • मगरमच्छ परिवार की 27 अलग-अलग प्रजातियाँ हैं। इन्हें तीन भागों में विभाजित किया जाता है, घड़ियाल (Gharial), खारे पानी के मगरमच्छ (Salt-Water) और मगर (Mugge)
  • हाल ही में, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के समीप ‘पाइका नदी’ में मछली पकड़ने के दौरान एकजीवित घड़ियाल का बच्चाजाल में फँस गया था।
  • उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2018 में, ज़िले के समीप जमापाडा गाँव मेंलूना नदीमें एक घड़ियाल का शव मिला था।
  • 1970 के दशक में ओडिशा की नदी प्रणालियों में मगरमच्छों की तीनों प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर थीं। इन्हें बचाने के लिये 1960 के दशक से ही प्रयास किये जा रहे थे।
  • वर्ष 1975 में पहली बार ओडिशा मेंघड़ियाल और खारे पानी के मगरमच्छ संरक्षण कार्यक्रमकी शुरुआत की गई और इसके उपरांतमगर संरक्षण कार्यक्रमप्रारंभ किया गया। 
  • वहीं वर्ष 1975 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय नेसंयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रमके सहयोग से भितरकनिका उद्यान के अंदरदंगमालामेंमगरमच्छ प्रजनन और पालन परियोजनाकी शुरुआत की। 
  • इसी वर्ष मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि करने के लिये अंगुल ज़िले के ‘टिकरपाड़ा अभयारण्य’ मेंघड़ियाल परियोजनाको प्रारंभ किया गया। वहां घरवले अभयारण्यमें घड़ियालों का प्रजनन केंद्र भी स्थित है। 
  • जनवरी 2021 में, भितरकनिका में 1,768 खारे पानी के मगरमच्छ थे, जिनकी संख्या वर्ष 1974 में 96 थी।

मगर या मार्श मगरमच्छ 

  • यह आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं। साथ ही यह पूर्व में म्यांमार तथा पश्चिम में ईरानमें भी पाए जाते हैं।
  • हालाँकि, यह नेपाल तथा म्यांमार में विलुप्त हो चुके हैं।

Gharial

  • प्राकृतिक आवास
    • यह मुख्यतः मीठे पानी जैसे नदी, झील, पहाड़ी नदियों और तालाबों में पाए जाते हैं। इसके साथ-साथ यह ताजे पानी और तटीय खारे पानी के लैगून में भी पाए जाते हैं।
  • प्रमुख संकट
    • कृषि और औद्योगिक विस्तार के कारण आवास का विनाश।
    • मछली पकड़ने की गतिविधियाँ।
    • इसके अंडों का शिकार, त्वचा और माँस के लिये अवैध शिकार तथा औषधीय प्रयोग के लिये इनके शरीर के अंगों का प्रयोग।
    • प्राकृतिक आवासों में मनुष्यों के साथ संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि।
  • संरक्षण की स्थिति
    • आई.यू.सी.एन. (IUCN) की संकटग्रस्त प्रजाति की रेड सूची - सुभेद्य 
    • साइट्स (CITES) - परिशिष्ट I
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 - अनुसूची
  • घड़ियाल
    • इसेगेवियलभी कहा जाता है। यह एक प्रकार का ‘एशियाई मगरमच्छ’ है, जो अपने पतले तथा लंबे थूथन के कारण अन्य मगरमच्छों से अलग होता है।
    • घड़ियाल विशेष रूप से गहरे, साफ़, तेज़ बहने वाले पानी और खड़ी, रेतीले तटों के सहारे नदी में निवास करते हैं। इस प्रकार यह स्वच्छ नदी जल के अच्छे संकेतक हैं।
    • घड़ियाल मुख्य रूप से अकशेरूकीय प्राणियोंजैसे कि कीड़े, लार्वा, छोटे मेंढ़क तथा मछलियों का शिकार करते हैं।

iucn

  • प्राकृतिक आवास 
  • ये ज़्यादातर हिमालयी नदियों के ताज़े पानी में पाए जाते हैं।
  • वहीं मध्यप्रदेश के विंध्य पर्वत के उत्तरी ढलानों (मुख्यतः चंबल नदी) को इनके प्राथमिक आवास के रूप में माना जाता है।
  • अन्य नदियाँ जैसे - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, घाघरा, गंडक, गिरवा, रामगंगा सोन तथा म्यांमार की इरावदी नदी में भी यह पाए जाते हैं। 
  • प्रमुख संकट
    • निवास स्थान में परिवर्तन, अवैध रेत खनन, बाँध निर्माण।
    • मछली पकड़ने की गतिविधियों में वृद्धि।
    • इसके अंडों का शिकार तथा औषधीय प्रयोग के लिये इनके शरीर के अंगों का उपयोग।
    • नदियों के मौसमी रह जाने के कारण, प्राकृतिक आवासों में मनुष्यों के साथ संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि।
  • संरक्षण की स्थिति
    • आई.यू.सी.एन. (IUCN) की संकटग्रस्त प्रजाति की रेड सूची - गंभीर रूप से संकटग्रस्त  
    • साइट्स (CITES) - परिशिष्ट I
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 - अनुसूची

एस्टुअरीन या खारे पानी का मगरमच्छ

  • खारे पानी का मगरमच्छ पृथ्वी पर पाई जाने वाली सबसे बड़ी जीवित मगरमच्छ प्रजाति है।

crocodile

  • प्राकृतिक आवास
    • यह मगरमच्छ ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान, प. बंगाल में सुंदरवन तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाए जाते हैं।
    • साथ ही, यह दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में भी पाए जाते हैं। 
  • प्रमुख संकट
    • निवास स्थान में परिवर्तन एवं हानि।
    • इसके अंडों और माँस के साथ-साथ इसकी व्यावसायिक रूप से मूल्यवान त्वचा के लिये अवैध व्यापार।
    • प्रजातियों के प्रति नकारात्मक रवैया।
  • संरक्षण की स्थिति
    • आई.यू.सी.एन. (IUCN) की संकटग्रस्त प्रजाति की रेड सूची - कम चिंतनीय   
    • साइट्स (CITES) - परिशिष्ट I (ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी की आबादी परिशिष्ट II के अंतर्गत शामिल है)
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 - अनुसूची I
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR