New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

संस्थागत बदलाव के माध्यम से लैंगिक उन्नयन (GENDER ADVANCEMENT THROUGH TRANSFORMING INSTITUTIONS)

प्रमुख बिंदु

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) लैंगिक समानता की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए एक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (STIP), 2020 तैयार कर रहा है। इसके तहत डी.एस.टी. महिलाओं के नामांकन के आधार पर महिला शिक्षकों और वैज्ञानिकों के भविष्य की उन्नति के लिये संस्थानों की एक ग्रेडिंग प्रणाली को शामिल करेगा।
  • इस अवधारणा को यू.के. द्वारा वर्ष 2005 में प्रारम्भ किये गए एथेना स्वॉन (वैज्ञानिक महिला शैक्षणिक नेटवर्क) नामक एक कार्यक्रम से लिया गया है, जिसे अब कई देशों द्वारा अपनाया जा रहा है।
  • एथेना स्वैन चार्टर यू.के. में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा में लैंगिक समानता में बढ़ोत्तरी के मूल्यांकन हेतु एक कार्यक्रम है। लैंगिक परिवर्तन पर डेटा का विश्लेषण व सुधार करने तथा कार्य योजना विकसित करने के लिये अनुसंधान संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी आवश्यक है।
  • आई.आई.टी. और एन.आई.टी. को छोड़कर अधिकांश विश्वविद्यालय सरकार द्वारा संचालित और वित्त पोषित हैं, अर्थात् इन संस्थानों का संस्थागत नीतियों, भर्ती और पदोन्नति पर सीधा नियंत्रण नहीं है। डी.एस.टी. ने यू.जी.सी. के तहत राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद् के साथ समझौता किया है, जिसका लक्ष्य इनके माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ाना है।

शामिल मुद्दे

  • यह कार्यक्रम लैंगिक समानता की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को गोल्ड, सिल्वर व ब्रोंज़ पहचान के साथ मान्यता प्रदान करता है। इसके हस्ताक्षरकर्ता विभिन्न मुद्दों को सम्बोधित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं, जैसे-
    • असमान लैंगिक प्रतिनिधित्व
    • वेतन-भुगतान में लैंगिक अंतराल से निपटने के लिये समाधान
    • महिलाओं के लिये रोज़गार सृजन और प्रगति में आने वाली बाधाओं को दूर करना
    • ट्रांसजेंडरों के साथ होने वाले विभेदकारी व्यवहार का उपचार
    • सम्बंधित समितियों में लैंगिक समानता को बढ़ाना तथा धमकियों और यौन उत्पीड़न के लिये शून्य सहिष्णुता विकसित करना।

वर्तमान स्थिति

  • वर्तमान में यू.के. और आयरलैंड में इस कार्यक्रम के तहत 170 संस्थान शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इसे साइंस ऑस्ट्रेलिया जेंडर इक्विटी (SAGE) के नाम से अपनाया है, जिसमें 40 संस्थान जुड़े हैं। जबकि कनाडा, अमेरिका और भारत इसे लागू करने के लिये वर्तमान में संक्रमणकालीन चरणों में हैं। डी.एस.टी. जल्द ही ब्रिटिश काउंसिल की मदद से विकसित एक पायलट योजना प्रारम्भ करेगा, जिसे भारत में जेंडर एडवांसमेंट थ्रो ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टिट्यूसंस (GATI) के नाम से जाना जायेगा।
  • इस पायलट योजना के तहत 25 संस्थानों को उनके विभागों में लैंगिक समानता पर स्व-मूल्यांकन करने के लिये शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। गति के तहत चयनित प्रत्येक संस्थान के मार्गदर्शन के लिये एक एथेना स्वान-मान्यता प्राप्त भागीदार संस्थान होगा, जो संस्थानों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा।

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट और भारत

  • उल्लेखनीय है पिछले दो वर्षों से भारत विश्व आर्थिक फोरम द्वारा जारी वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट में 108वें स्थान पर बना हुआ था। जबकि वर्ष 2020 में भारत 91/100 लिंगानुपात के साथ 112वें स्थान पर रहा। डी.एस.टी. के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015-16 में वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास में महिलाओं की हिस्सेदारी 14.71% थी, जो वास्तव में वर्ष 2000-2001 में 13% से बढ़कर 2014-15 में 29% हो गई थी।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR