New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

हरित ऊर्जा संक्रमण और भारत

(प्रारंभिक परीक्षा : आर्थिक और सामाजिक विकास)
(मुख्य परीक्षा, प्रश्नपत्र 3 : बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा)

संदर्भ

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत हरित ऊर्जा संबंधी सहायक नीतियों पर कार्रवाई करके वैश्विक हरित परिवर्तन के नवाचार केंद्र के रूप में उभर सकता है।

हालिया परिदृश्य

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने हाल ही में वर्ष 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में $10 बिलियन के निवेश की योजना बनाई है, जिसमें सौर मॉड्यूल, बैटरी भण्डारण, इलेक्ट्रोलाइज़र और फ्यूल सेल के निर्माण के लिये कारखानों की स्थापना करना शामिल है।
  • अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने एस.बी. एनर्जी के अधिग्रहण की घोषणा की है।
  • एन.टी.पी.सी. ने वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट (GW) पवन और सौर ऊर्जा के लक्ष्य की घोषणा की है तथा 1 गीगावाट ‘ग्रिड-स्केल बैटरी स्टोरेज’ के लिये एक वैश्विक निविदा जारी की है।
  • उक्त कदम भारत के ऊर्जा संक्रमण को 12-24 महीनों तक तेज़ कर संभावित रूप से भारत की स्थायी ऊर्जा में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरने में मदद कर सकता है।

ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition)

  • मैकिन्से का हालिया शोध विश्व स्तर पर ऊर्जा संक्रमण के कठोर पथ की पुष्टि करता है।
  • वर्ष 2050 तक, विद्युत का कुल ऊर्जा खपत में हिस्सा 19 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत हो जाएगा।
  • वर्ष 2030 से पूर्व भी कुछ क्षेत्रों में नवीकरणीय सबसे कम लागत वाले दीर्घकालिक विकल्प, प्रतिस्पर्द्धी के रूप में उभर रहे हैं।
  • ग्रीन हाइड्रोजन से स्टील, हैवी ट्रांसपोर्ट और रिफाइनिंग जैसे ‘हार्ड-टू-एबेट’ क्षेत्रकों के डीकार्बोनाइजेशन में तेज़ी आने की उम्मीद है।
  • ऊर्जा भंडारण, ग्रिड को स्थिर करने और नवीकरणीय ऊर्जा के बीच-बीच में रुकने को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारत की स्थिति

  • भारत में भी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मज़बूत विकास और सौर-ऊर्जा दरों में गिरावट के साथ परिवर्तन हो रहा है।
  • भारतीय विद्युत प्राधिकरण के अनुमानों के अनुसार, पवन और सौर ऊर्जा वर्ष 2029-30 तक सकल बिजली उत्पादन में 31 प्रतिशत का योगदान कर सकती है, जो वर्ष  2018-19 में 9.2 प्रतिशत था।
  • इस क्षेत्र ने वैश्विक संस्थागत निवेशकों को आकर्षित किया है, जिसमें 60-70 प्रतिशत इक्विटी निवेश सॉवरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और निजी इक्विटी से आता है।

भारत में हरित ऊर्जा भविष्य के रास्ते

  • निम्नलिखित चार आधारभूत परिवर्तन आगामी दशक में भारत में ऊर्जा संक्रमण की गति को तेज़ कर सकता है-

1. लागत आधारित सौर परियोजनाएँ

  • भारत में सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट स्तर की लागत को मौजूदा स्तरों के आधे तक गिरने की उम्मीद है।
  • इस बदलाव के मुख्य चालकों में विनिर्माण और परियोजना के आकार में उच्च पैमाने की प्रौद्योगिकियों का व्यावसायीकरण शामिल है।
  • कई औद्योगिक और वाणिज्यिक कंपनियाँ अपने समग्र ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा के योगदान को बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।

2. 24*7 नवीकरणीय ऊर्जा

  • ऊर्जा भण्डारण के साथ सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को संयोजित करने वाले हाइब्रिड मॉडल- जो संभावित रूप से 24*7 स्वच्छ ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं, नवीकरणीय ऊर्जा की अस्थायित्व को कम कर सकते हैं।
  • आगामी 3-4 वर्षों में हाइब्रिड मॉडल के अर्थशास्त्र में तेज़ी से सुधार होने की संभावना है तथा उनकी संपत्ति का जीवन चक्र मुद्रास्फीति की आशंकाओं से कम सुभेद्य होता है।
  • विभिन्न रिपोर्ट्स से संकेत प्राप्त होता है कि हाइब्रिड ऊर्जा आज 4.50-4.70/यूनिट पर 80-85 प्रतिशत तक चौबीसों घंटे उत्पादन कर सकते हैं।

3. हाइड्रोजन ऊर्जा

  • हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की वर्तमान लागत लगभग $4.50, या लगभग 330 प्रति किलोग्राम है।
  • सौर ऊर्जा की गिरती लागत के साथ इलेक्ट्रोलाइज़र उपकरणों की लागत में गिरावट के साथ यह अनुमानित है कि हरित हाइड्रोजन उत्पादन की लागत लगभग 100 प्रति किलोग्राम तक जाएगी।
  • उक्त स्तर पर, हाइड्रोजन की भारी माँग उन क्षेत्रों में होगी, जो पहले से ही इसका प्रयोग जीवाश्म ईंधन स्रोतों, जैसे रिफाइनरियों, उर्वरकों, स्टील तथा परिवहन जैसे नए क्षेत्रों में कर रहे हैं।

4. डिजिटल ऊर्जा

  • डिजिटल, उन्नत एनालिटिक्स और स्वचालन को अपनाने से संरचनात्मक अक्षमताएँ दूर होंगी तथा ऊर्जा वैल्यू चेन के प्रयोग में वृद्धि होगी।
  • उदाहरणार्थ, समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (Aggregate Technical and Commercial-AT&C) हानियों में कमी, स्मार्ट मीटरिंग डाटा एनालिटिक्स, दक्षता में सुधार और ऑटोमेशन या पीयर-टू-पीयर ऊर्जा के माध्यम से तेज़ी से संपत्ति का निर्माण, जो ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से किया जा सकता है।

त्वरित ऊर्जा संक्रमण

  • औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र वर्तमान में वार्षिक रूप से  309 मिलियन टन तेल के बराबर ऊर्जा खपत करते हैं, जिसमें से केवल 13 प्रतिशत विद्युत है। गौरतलब है कि ऊर्जा व्यवसाय करने की लागत का एक महत्त्वपूर्ण घटक होता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा की गहरी पैठ ‘लागत और कार्बन फुटप्रिंट’ दोनों के संदर्भ में संतुलन को परिवर्तित कर सकती है।
  • संक्रमण को तेज़ करने से भारत का ऊर्जा आयात बिल कम हो सकता है, जो कि कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला तथा पेट्रोलियम उत्पादों में वर्ष 2019-20 में $150 बिलियन से अधिक हो गया है।
  • सौर मॉड्यूल, बैटरी और इलेक्ट्रोलाइज़र के लिये वैश्विक स्तर पर विनिर्माण क्षमता निर्मित करने से कई नौकरियों के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
  • एक त्वरित ऊर्जा संक्रमण भारत को हरित उत्पादों/प्रौद्योगिकियों तथा सेवाओं को निर्यात-उन्मुख उद्योग बनाने का अवसर प्रदान करता है।
  • उदाहरणार्थ, सौर भण्डारण उपकरण, हरित हाइड्रोजन तथा धातु, जैसे स्टील व एल्यूमीनियम निम्न-कार्बन विधियों के माध्यम से बनाए जाते हैं।

निष्कर्ष

हरित ऊर्जा संक्रमण को गति देने के लिये नीतियों और विनियमों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR