New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM

पारिस्थितिकीय पुनर्बहाली का सुंदरबन पर प्रभाव

(प्रारंभिक परीक्षा- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

पारिस्थितिकीय पुनर्बहाली के लिये भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई एक नई तकनीक पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में मैंग्रोव के पुनरुद्धार में मदद कर रही है। समुद्र के बढ़ते स्तर, जलवायु परिवर्तन और मानवीय घुसपैठ के कारण मैंग्रोव वनों का निम्नीकरण हुआ है।  

पारिस्थितिकीय पुनर्बहाली (Ecological Restoration)

  • पारिस्थितिकीय पुनर्बहाली से तात्पर्य पुनर्जनन (Regeneration) के माध्यम से मूल वनस्पतियों और जीवों की विविधता को बनाए रखते हुए निम्नीकृत क्षेत्रों में देशज़ पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित और पुनर्विकसित (Revive) करना है। पारिस्थितिक पुनर्बहाली का लक्ष्य पुनर्जनन की अवधि को कम करना है, जबकि प्राकृतिक पुनर्जनन में अधिक समय लगता है।
  • नई पुनर्बहाली तकनीक में देशज़ लवण-सहिष्णु घासों और निम्नीकृत मैंग्रोव प्रजातियों के विभिन्न क्षेत्रों में सावधानीपूर्वक चुने गए मैंग्रोव प्रजातियों के विविध सेट का रोपण किया जाना शामिल हैं। साथ ही, इसमें विकास और संवृद्धि को बढ़ावा देने वाले जीवाणुओं का उपयोग भी शामिल है।

पुनर्बहाली की प्रक्रिया

  • पुनर्बहाली की प्रक्रिया देशज़ लवण-सहिष्णु घास के रोपण द्वारा पूरे पुनर्बहाली स्थल को स्थिर करने के साथ शुरू होती है। रोपाई के लिये मैंग्रोव को उगाने और प्रसार के लिये (Propagate) एक ऑनसाइट मैंग्रोव नर्सरी विकसित की गई। स्थानीय मैंग्रोव के साथ सहयोगी व सम्बद्ध प्रजातियों के अलावा नर्सरी में संकटापन्न, लुप्तप्राय व सुभेद्य प्रजातियों को भी उगाया गया। मैंग्रोव और सहयोगी पौधों की कई प्रजातियाँ उगाई गईं ताकि देशज़ विविधता को बनाए रखा जा सके।
  • प्रारंभ में रोपाई एक मध्यम निम्नीकृत पैच पर शुरू की गई और फिर इसे गंभीर रूप से निम्नीकृत क्षेत्रों में विस्तारित किया गया।कम प्रजातीय विविधता वाले मैंग्रोव वनों की तुलना में उच्च विविधता वाले वन अधिक स्थिर होते हैं और विविध बहुप्रजातीय मैंग्रोव वन समुद्र स्तर में वृद्धि के प्रति अधिक लचीले होते हैं। अलग-अलग लवणता स्तर वाले विभिन्न ज़ोनों में वृक्षारोपण के लिये प्रजातियों का चुनाव उनके लवण-सहिष्णु स्तरों के आधार पर किया गया।

सुंदरवन

  • सुंदरवन, रामसर अभिसमय के तहत संरक्षित आर्द्रभूमि होने के साथ-साथ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। मैंग्रोव के छोटे तटीय पैच अत्यधिक संवेदनशील होते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र के विखंडन से प्रजातियों के संचलन और प्रसार में रुकावटें पैदा होती हैं।
  • यहाँ पिछले पाँच वर्षों से निम्नीकृत मैंग्रोव पैच पर पुनर्बहाली विधि का परीक्षण किया गया और इसे आमतौर पर प्रयोग किये जा रहे मैंग्रोव वृक्षारोपण के मोनोकल्चर से अधिक प्रभावी पाया गया है। इस परियोजना को वर्ष 2013 में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सहायता से प्रारम्भ किया गया था।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR