New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

उद्योग 4.0

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाओं से संबंधित प्रश्न)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 - औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव से संबंधित प्रश्न)

संदर्भ 

वर्तमान समय उद्योग 4.0 का है। एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर फिजिकल सिस्टम्स, ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी और डेटा एनालिटिक्स जैसी प्रौद्योगिकियाँ उद्योग 4.0 से संबंधित हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उद्योग 4.0 शब्द को वर्ष 2011 में जर्मन सरकार द्वारा प्रतिपादित किया गया था। 
  • इसमें उन्नत एल्गोरिदम की उपलब्धता के साथ, लिये गए आँकड़ों पर वास्तविक समय में निर्णय लेने के लिये विश्लेषण किया जाता है।
  • इस प्रकार, उद्योग 4.0 ने विनिर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ 'आँकड़ों' को एकीकृत किया है।
  • डेटा-संचालित निर्णय का लाभ उठाने के लिये, अन्य देशों की सरकारों ने भी उद्योग 4.0 जैसी औद्योगिक पहलों को प्रारंभ किया है।
  • अमेरिका इसेस्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग’, चीन इसेमेड इन चाइना 2025’ और भारत इसेमेक इन इंडिया या डिजिटल इंडियाके रूप में संदर्भित करता है।

industry-4.0

एम.एस.एम.. की क्षमता

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (M.S.M.E.) इस क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
  • भारत में एम.एस.एम.. क्षेत्र में लगभग 95 प्रतिशत से अधिक उद्योगों शामिल हैं, जो कुल विनिर्माण उत्पादन में 45 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन करते हैं और 40 प्रतिशत से अधिक कार्यबल को रोज़गार प्रदान करते हैं।
  • वर्ष 2020-21 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 6 करोड़ से अधिक एम.एस.एम.. 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोज़गार देते हैं और सकल घरेलू उत्पाद (G.D.P.) में लगभग 30 प्रतिशत और देश के निर्यात में आधा योगदान देते हैं।
  • एम.एस.एम.. बड़े उद्यमों के लिये भी सहायक है, जिससे एक निर्बाध आपूर्ति शृंखला का एकीकरण होता है।
  • नतीजतन, एम.एस.एम.. को और अधिक कुशल बनाना पूरी अर्थव्यवस्था के लिये फायदेमंद होगा।
  • हालाँकि उद्योग 4.0 जैसी नई तकनीकों को अपनाने में एम.एस.एम.. को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

चुनौतियाँ 

  • सर्वप्रथम उनमें उद्योग 4.0 और इसके लाभों के बारे में जागरूकता की कमी है।
  • एम.एस.एम.. को उद्योग 4.0 को अपनाने के लिये बड़े वित्तीय निवेश करने की आवश्यकता होगी।
  • प्रौद्योगिकियों के सही समूह में निवेश करने के लिये विशेषज्ञों और सलाहकारों की भी आवश्यकता होगी।
  • किसी भी नई तकनीक को अपनाने के लिये, एक संगठन को एक सकारात्मक संगठनात्मक संस्कृति और लोगों के समर्थन की आवश्यकता होती है। एम.एस.एम.. को उन लाभों पर विश्वास करने की आवश्यकता है, जो उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियाँ प्रदान कर सकती हैं।
  • द्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को अपनाने में एम.एस.एम.. की सहायता करने वाले ढाँचे और कदम अनुपस्थिति हैं।
  • अंत में, एम.एस.एम.. को उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों के अपने स्वयं के दृष्टिकोण को विकसित करना चाहिये, जिन्हें वे अपनाना चाहते हैं।

आगे की राह 

  • एम.एस.एम.. द्वारा उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिये बाधाओं को पार करने के लिये आवश्यक उपाय खोजने होंगे।
  • यह उन्हें और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगा क्योंकि वे ग्राहकों को विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाले उत्पादों की पेशकश करने में सक्षम होंगे।
  • इसके अतिरिक्त, डिलीवरी के दौरान विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिये लचीलेपन में सुधार होगा।
  • यद्यपि भारत वर्ष 2020 में पहली बार वैश्विक नवाचार सूचकांक में शीर्ष 50 देशों के समूह में शामिल हुआ है, इसलिये भारत के एम.एस.एम.. बिना किसी संकोच के उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को अपना सकते हैं
  • भारत सरकार द्वारा इस दिशा में उच्च शिक्षा संस्थानों, व्यवसायियों, उद्यमियों, औद्योगिक संघों, ट्रेड यूनियनों, उद्यम पूँजीपतियों, सलाहकारों और अनुसंधान एजेंसियों के माध्यम से कार्य को गति देने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई विनिर्माण चुनौतियों को देखते हुए एम.एस.एम.. क्षेत्र द्वारा जल्द ही 4.0 को अपनाने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत में अधिकांश स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढाँचा एम.एस.एम.. पर निर्भर है। उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को अपनाने से एम.एस.एम.. क्षेत्र अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनने के साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूती एवं नवीन रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगे।

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR