New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

अनुच्छेद 370 की समाप्ति के 6 वर्ष : कश्मीर के लिए निहितार्थ

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: संघ एवं राज्यों के कार्य, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।)

संदर्भ

5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के माध्यम से अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करते हुए राज्य को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।

अनुच्छेद 370 के बारे में 

  • अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था।
  • यह प्रावधान 1949 में अस्थायी रूप से शामिल किया गया था और राज्य को अपना संविधान, अलग झंडा और कई मामलों में स्वायत्तता प्रदान करता था।

समाप्ति

  • 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने राष्ट्रपति आदेश (The Constitution (Application to Jammu and Kashmir) Order, 2019) जारी कर अनुच्छेद 370 को प्रभावहीन कर दिया।
  • साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 पारित किया गया, जिसके तहत राज्य को निम्नलिखित दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया:-
    1. जम्मू-कश्मीर (विधानसभा के साथ)
    2. लद्दाख (बिना विधानसभा)

मुख्य प्रावधान

  • अनुच्छेद 35A स्वतः समाप्त हो गया, जो जम्मू-कश्मीर के “स्थायी निवासियों” के विशेष अधिकार तय करता था।
  • सभी केंद्रीय कानून अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू हो गए।
  • अलग झंडा और संविधान की व्यवस्था समाप्त।
  • भूमि खरीद, सरकारी नौकरियों और अन्य अधिकारों में पूरे देश के नागरिकों के लिए समानता।

महत्त्व

  • राष्ट्रीय एकीकरण: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से भारतीय संघ में शामिल करना।
  • कानूनी समानता: सभी नागरिकों के लिए समान कानून और अधिकार।
  • विकास की संभावनाएँ: निवेश, बुनियादी ढाँचा और पर्यटन को बढ़ावा।
  • सुरक्षा पर प्रभाव: आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा।

जम्मू- कश्मीर के लिए निहितार्थ 

शासन और राजनीतिक परिवर्तन

  • विधानसभा भंग; केंद्र शासित प्रदेश उपराज्यपाल के प्रशासन के अधीन
  • परिसीमन प्रक्रिया पूरी (2022)  : जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सीटें 83 से बढ़कर 90 हो गईं; अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित
  • पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किया गया, लेकिन विधानसभा चुनाव अभी होने हैं।
  • पुलिस और सेवाओं पर नियंत्रण उपराज्यपाल को दे दिया गया जिससे निर्वाचित सरकार के अधिकार सीमित हो गए।

सुरक्षा स्थिति

  • वर्ष 2019 के बाद पथराव की घटनाओं और सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों में कमी।
  • आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में कमी आई है, लेकिन नागरिकों (विशेषकर अल्पसंख्यकों) की लक्षित हत्याएँ अभी भी जारी हैं।
  • कड़ी सीमा सुरक्षा के कारण सीमा पार से घुसपैठ के प्रयास कम हुए हैं।

अर्थव्यवस्था और विकास

  • बुनियादी ढाँचे, सड़कों, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए केंद्रीय वित्त पोषण में वृद्धि।
  • निवेश: केंद्र ने वर्ष 2021 में एक नई औद्योगिक योजना शुरू की, जिसमें निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन का वादा किया गया है। 
    • जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित निवेश अब कुल 1.63 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 50,000 करोड़ रुपये से अधिक परिचालन के विभिन्न चरणों में हैं।
    • 359 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है; अन्य 1,424 इकाइयाँ पूर्ण होने के अंतिम चरण में हैं। 
  • नई औद्योगिक नीति हज़ारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को आकर्षित कर रही है, हालाँकि ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन धीमा है।
  • किसानों को प्रत्यक्ष बाज़ार संपर्कों (जैसे, जीआई-टैग वाला केसर, बागवानी निर्यात) से लाभ होगा।
  • राजस्व: जम्मू-कश्मीर में कर राजस्व में तीव्र वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2022 और 2024 के बीच जी.एस.टी. संग्रह में 12%, उत्पाद शुल्क में 39% और समग्र गैर-कर राजस्व में 25% की वृद्धि हुई है। 
  • राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2015-16 में 1.17 लाख करोड़ रुपये से दोगुना होकर वर्ष 2023-24 में 2.45 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2024-25 में 2.63 लाख करोड़ रुपये हो गया।
  • बिजली: बिजली क्षेत्र में सुधारों के बाद, वर्ष 2024 के मध्य तक 5.74 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए, जिससे पारेषण और वितरण घाटे में 25% की कमी आई। 
    • जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, दिसंबर 2026 तक बिजली उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है। 
    • सरकार ने पारेषण और वितरण के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

पर्यटन में वृद्धि 

  • वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड पर्यटक आगमन (2 करोड़ से ज़्यादा आगंतुक), जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
  • बेहतर कनेक्टिविटी (नए राजमार्ग, उन्नत श्रीनगर हवाई अड्डा) से बढ़ावा।
  • फिल्म शूटिंग प्रोत्साहन के कारण बॉलीवुड प्रोडक्शन पुन: आगे आ रहें हैं।

सामाजिक संकेतक और कल्याण

  • सभी केंद्रीय कानूनों और योजनाओं का विस्तार (जैसे, शिक्षा का अधिकार, वन अधिकार अधिनियम, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आरक्षण लाभ)।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं का उन्नयन; आयुष्मान भारत के दायरे में विस्तार।

चुनौतियाँ

  • निर्वाचित विधानसभा के अभाव के कारण राजनीतिक शून्यता।
  • जनसंख्या के कुछ वर्गों में अलगाव; राजनीतिक लामबंदी।
  • स्लीपर सेल और सीमा पार नेटवर्क के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएँ 
  • रोज़गार सृजन के लिए निरंतर निजी निवेश की आवश्यकता।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X