New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

एकीकृत थियेटर कमान

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र- 3: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन, विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश)

संदर्भ

भारत के ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ (CDS) ने जून में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के उप-प्रमुखों, गृह व वित्त मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद्, एकीकृत रक्षा स्टाफ तथा रक्षा विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। ये बैठक एकीकृत थियेटर कमांड (Integrated Theatre Command) के प्रस्तावित मॉडल की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई थी।

एकीकृत थिएटर कमांड

  • साधारण शब्दों में, यह एक एकीकृत कमान है, जिसके तहत ‘खतरे की धारणा’ के आधार पर थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी संसाधनों को जमा किया जाता है।
  • कमान भौगोलिक हो सकते हैं, जैसे किसी विशेष देश के साथ सीमा या विषयगत (Thematic) सभी समुद्री खतरों के लिये एक कमान की तरह। विदित है कि एक एकीकृत कमान, एक ही कमांडर के नियंत्रण में होती है।
  • विश्व के कई देशों, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन आदि में थियेटर कमान हैं।

एकीकृत थियेटर कमान के संबंध में विचार

  • भारत में एक एकीकृत त्रि-सेवा कमान बनाने का विचार नया नहीं है, कारगिल युद्ध के बाद विभिन्न स्तरों पर इसकी सिफारिश की गई थी।
  • जब जनरल विपिन रावत को जनवरी 2020 में तीन वर्ष के कार्यकाल के भीतर इस तरह की कमानों को बढ़ाने के लिये सी.डी.एस. नियुक्त किया गया, तो इस विचार को आखिरकार ‘डिज़ाइन टेबल’ पर लाया गया।
  • अपनी नियुक्ति के पश्चात् जनरल रावत ने प्रत्येक सशस्त्र बलों के भीतर इस बारे में विचार करने के लिये अध्ययन शुरू किया था, इनका नेतृत्व थल सेना के उप-प्रमुख करते थे।
  • विगत वर्ष, जनरल रावत ने सुझाव दिया था कि इनमें से पहली कमान, ‘एयर डिफेंस कमान’, 2020 के अंत तक संचालित हो सकता है। हालाँकि, कोविड-19 सहित कई अन्य कारकों के कारण इस प्रक्रिया में विलंब हुआ है।

विचाराधीन प्रस्ताव

  • चार से पाँच एकीकृत त्रि-सेवा थियेटर कमान वाले एक मॉडल पर चर्चा हो रही है, जिसमें प्रत्येक कमान का नेतृत्व ‘थ्री-स्टार’ अधिकारी करेगा।
  • यह अधिकारी, थियेटर कमांडर, ‘चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी’ (COSC) को रिपोर्ट करेगा, जैसा कि नाम से ज्ञात होता है, इसमें प्रमुखतीन सेवाएँ शामिल हैं, और इसका नेतृत्व सी.डी.एस. द्वारा स्थायी अध्यक्ष के रूप में किया जाएगा।
  • यह एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है, सेना प्रमुखों का वर्तमान में अपने बलों पर परिचालन नियंत्रण है, अब संचालन शक्तियाँ सी.ओ.एस.सी. के पास चली जाएँगी।
  • इनमें से प्रत्येक कमान के पास तीनों बलों की आवश्यक संपत्ति (Assets) होगी।उन सभी संपत्तियों पर परिचालन नियंत्रण, बल की परवाह किये बिना, उस थियेटर के कमांडर के पास रहेगा।

प्रस्तावित कमान

  • एक समुद्री थियेटर कमान, जो पूर्वी और पश्चिमी, दोनों समुद्री तटों पर देश की सभी समुद्री सुरक्षा आवश्यकताओं का ध्यान रखेगी, और इसमें हवाई हमले के एसेट और थल सेना की ‘एमफिबियन सेनाएँ’ शामिल होंगी।
  • एक वायु रक्षा कमान, संपूर्ण देश और उसके बाहर वायु क्षेत्र की रक्षा करेगी। लड़ाकू विमानों के पास टोही और निगरानी एसेट भी होगा।
  • विदित है कि दो या तीन ‘स्थल आधारित कमान’ प्रस्तावित हैं।इनमें से एक भारत-चीनसीमा और एक भारत-पाकिस्तानसीमा के लिये होगी।
  • हालाँकि, देश के विशिष्ट और सुरक्षा ज़रूरतों को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में पाकिस्तान एवं चीन की सीमाओं के साथ एक और कमान बनाने का भी प्रस्ताव है।
  • इनमें से एक ‘लॉजिस्टिक कमान’ होगी, जिसमें एक व्यक्ति के तहत सभी सेवाओं का लॉजिस्टिक्स होगा;और एक प्रशिक्षण एवं सिद्धांत कमान (Training and Doctrine Command) होगी, ताकि सभी सेवाएँ एक सामान्य सिद्धांत के तहत कार्य करें।

सेवाओं की भूमिका

  • प्रस्ताव में एक थियेटर कमांडर रखने का प्रस्ताव है, जिसके पास उसकी कमान की एसेट का परिचालन नियंत्रण होगा, जिससे बलों के बीच संयुक्तता (Jointness) बढ़ेगी, और संसाधनों के दोहराव को भी कम किया जा सकेगा।
  • हालाँकि, इससे सेवा प्रमुखों के पास अपनी एसेट परिचालन पर कोई प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं होगा। हालाँकि, इसका अभिप्राय यह नहीं है कि उनकी भूमिकाओं को अनावश्यक (Redundant) बना दिया जाएगा।
  • अब सेवाओं के पास अपने संबंधित बलों को बढ़ाने, प्रशिक्षित करने और बनाए रखने के मुख्य कार्य होंगे।
  • चूँकि प्रत्येक प्रमुख सी.ओ.एस.सी. का सदस्य होगा, और अपने विषय-क्षेत्र का एक विशेषज्ञ होगा, अतः सभी परिचालन निर्णयों के लिये उसके इनपुट आवश्यक होंगे।

प्रस्ताव से संबंधित प्रतिक्रियाएँ

  • विशेषज्ञों का मानना है कि थल सेना और नौसेना ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि वायु सेना ने इस संबंध में कुछ चिंताएँ ज़ाहिर की हैं।
  • वायु सेना द्वारा दो प्रमुख चिंताएँ व्यक्त की हैं; पहला, वायु सेना नहीं चाहती है कि वह, वायु एसेट का परिचालन नियंत्रण खो दें।दूसरा, वायु सेना इस बात से चिंतित है कि उसकी सारी संपत्तिइन एकीकृत थियेटर्स मेंविभाजित हो सकती है।
  • उक्त सभी मतभेदों और चिंताओं को दूर करने के लिये, तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों की एक समिति का गठन किया गया था, और सी.डी.एस. ने उनसे मुलाकात की थी।

सेनाओं के विभिन्न कमान

  • वर्तमान में तीनों सेनाओं के बीच 17 कमान हैं।
  • थल सेना के पास सात कमान हैं: उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी, मध्य, दक्षिण-पश्चिमी और थल सेना प्रशिक्षण कमान (ARTRAC)।
  • वायु सेना के पास भी सात कमान हैं: पश्चिमी, पूर्वी, दक्षिणी, दक्षिण-पश्चिमी, मध्य, प्रशिक्षण और रखरखाव कमान।
  • नौसेना केपास तीन कमान हैं: पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी, जिनमें से दक्षिणी मुख्य रूप से प्रशिक्षण से संबंधित है।
  • भले ही ये कमान एक ही क्षेत्र में काम करतीहों, वे सह-स्थित (Co-located) नहीं होती हैं, और न ही इनके परिचालन ज़िम्मेदारी के क्षेत्र समानहोते हैं।

त्रि-सेवा कमान

  • दो मौजूदा त्रि-सेवा कमान भी हैं, अंडमान और निकोबार कमान (ANC), जिसका नेतृत्व तीनों सेनाओं के अधिकारियों द्वारा किया जाता हैँ। साथ ही, ‘स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड’, जो भारत की परमाणु संपत्ति के लिये ज़िम्मेदार है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X