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नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC)

प्रारंभिक परीक्षा-  NavIC
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-

चर्चा में क्यों

भारत में सभी मोबाइल कंपनियों के लिए नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) को देना आवश्यक होगा।

NavIC

प्रमुख बिंदु :

  • भारत सरकार ने स्मार्टफ़ोन में घरेलू सिस्टम नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) को अनिवार्य कर दिया है।
  • स्मार्टफ़ोन में  या तो NavIC-संचालित चिप्स के लिए समर्थन प्रदान करना होगा या NavIC चिपसेट का उपयोग करना होगा।
  • 5G फोन के लिए 1 जनवरी 2025 तक अनिवार्य NavIC समर्थन आवश्यक है, जबकि L1 बैंड में काम करने वाले  सभी फोन जो वर्तमान में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) का उपयोग कर रहे हैं, को दिसंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से NavIC समर्थन प्रदान करना होगा।
  • ध्यातव्य है कि भारत सरकार की ओर से ऐसा फैसला उस वक्त लिया गया है, जब हालिया लॉन्च iPhone 15 में NavIC सपोर्ट दे दिया गया है।
  • अगर मोबाइल कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं  तो वो भारत में मोबाइल फोन की बिक्री नहीं कर पाएंगी। 
  • NavIC को सपोर्ट देने के लिए मोबाइल कंपनियों को चिपसेट में बदलाव करना होगा।
  • यही वजह है सरकार की ओर से NavIC सपोर्ट देने वाली मोबाइल कंपनियों को इन्सेंटिव दिया जा रहा है।
  • केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले में 14 अगस्त 2023  को एक बयान दिया था।
  • NavIC एक इंडियन नेविगेशन सिस्टम है, जिसे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बनाया है।
  • ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए NavIC को पहले ही अनिवार्य बना दिया गया है।
  • NavIC जीपीएस का भारत का स्वदेशी विकल्प है और वर्तमान में इसमें सात उपग्रह हैं एवं भविष्य में  12 उपग्रह तक विस्तारित करने की योजना है। 
  • NavIC भारत का नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। इसे भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने बनाया है।
  • यह सिस्टम भारत और आसपास के इलाकों में सटीक पोजिशन और टाइम की जानकारी देता है।
  • NavIC में आधा दर्जन से ज्यादा सैटेलाइट शामिल हैं। NavIC पूरे भारत में कवरेज देता है।
  • यह भारत, इंडियन ओसियन और आसपास के इलाके की कवरेज देता है। NavIC का उपयोग थाईलैंड, जापान, कोरिया, पाकिस्तान और श्रीलंका में भी किया जा सकता है।
  • NavIC चिप्स डिजाइन करने वाली एकॉर्ड पहली भारतीय कंपनी थी, जो 28 नैनोमीटर के साथ 1 मिलियन से ज्यादा NavIC चिप्स का निर्माण कर चुकी है।
  • भारत के NavIC सैटेलाइट सिस्टम के साथ ही अमेरिका का सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम(जीपीएस) है।
  • रूस का ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GLONASS) है।
  • यूरोपियन यूनियन का गैलिलियो, चाइना का BeiDou और जापान का सैटेलाइट सिस्टम QZSS है।

NaviC की आवश्यकता:

  • NavIC-आधारित समाधानों का लाभ उठाकर स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
  • लॉजिस्टिक्स के लिए ड्रोन के उपयोग को प्रोत्साहन मिल सकता है।
  • शक्ति योजना और लॉजिस्टिक नीति के लिए नेविगेशनल प्रौद्योगिकियों के उपयोग को सरल बनाने में मदद मिलेगी।
  • सामरिक अवस्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद 
  • विदेशी उपग्रह प्रणालियों पर निर्भरता समाप्त होगा।

प्रश्न:  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. 5G फोन के लिए 1 जनवरी 2025 तक जबकि L1 बैंड में काम करने वाले  स्मार्टफ़ोन को दिसंबर 2026  तक अनिवार्य रूप से NavIC का समर्थन प्रदान करना होगा।
  2. NavIC का उपयोग थाईलैंड, जापान, कोरिया, पाकिस्तान और श्रीलंका में भी किया जा सकता है।
  3. NavIC में वर्तमान में सात उपग्रह हैं एवं भविष्य में 15 उपग्रह तक विस्तारित करने की योजना है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों  

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (a)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) क्या है? इसके  प्रमुख अनुप्रयोगों  पर प्रकाश डालिए। 

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

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