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उ. प्र. में लगभग 140 अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने की योजना 

UPSC, paper ii, - राजव्यवस्था, UPPSC, Paper v - कानून एवं व्यवस्था (Law and order)

संदर्भ -

  • उत्तर प्रदेश सरकार ब्रिटिश काल के लगभग 140 अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने की योजना बना रही है, जो 100 साल से अधिक पुराने तथा लगभग 40 विभागों से संबंधित हैं।

मुख्य बिंदु -

  • विधि  विभाग ने  ब्रिटिश काल के अप्रचलित कानूनों पर  राज्य विधि आयोग से सुझाव मांगे हैं
  • विभागों से कहा गया है कि अगर कानून को खत्म करना है तो उसके लिए सहमति देनी होगी, यदि विभाग नहीं चाहता है तो ठोस कारण बताना होगा

पूर्व में अप्रचलित कानूनों पर लिए गए फैसले -

  • 2018 में उत्तर प्रदेश 150 वर्ष पुराने 1000 अप्रचलित  ब्रिटिश कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करने वाला पहला राज्य बना था ।
  • राष्ट्रीय विधि आयोग की सिफारिशों के आधार पर ऐसे कानूनों की एक सूची तैयार की गई है।
  • ऐसे कानूनों में मिर्ज़ापुर खनन अधिनियम, अवध राज्य अधिनियम 1888, अवध तालुकदार राहत अधिनियम 1870, अवध राज्य अधिनियम 1869, संयुक्त प्रांत अधिनियम 1890, अवध राजा मान्यता अधिनियम 1917, नगर सुधार अधिनियम 1850, शामिल हैं। 1845 के राजस्व बकाया अधिनियम, 1850 के ज़ब्त जमा अधिनियम, 1871 के कोरोनर्स अधिनियम, 1914 के स्थानीय प्राधिकरण ऋण अधिनियम, 1884 के कृषक ऋण अधिनियम और 1925 के सिख गुरुद्वारा (पूरक अधिनियम) के लिए भूमि की बिक्री भी सम्मिलित हैं ।
  •  दिसंबर 2017 में, सरकार ने भारत के विधि आयोग की सिफारिशों पर 15 कानूनों को निरस्त करने वाला एक विधेयक पारित किया था, जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन और आजादी से पहले ब्रिटिश शासन के दौरान अधिसूचित अप्रचलित नियम  शामिल थे। ब्रिटिश काल के नियमों में पुलिस (आगरा) अधिनियम, 1854, मिर्ज़ापुर स्टोन महल अधिनियम, 1886 भी सम्मिलित  थे।

केंद्र सरकार के प्रयास -

  • अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने की समीक्षा करने  के लिए सितंबर, 2014 में प्रधानमंत्री कार्यालय ने  आर. रामानुजन की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति ने निरस्त करने के लिए कुल 1,741 अधिनियमों की पहचान की थी।
  • न्यायमूर्ति .पी. शाह की अध्यक्षता में भारत के 20वें विधि आयोग ने भी सुचारु शासन के लिए उपयोग में नहीं आने वाले ऐसे ब्रिटिश-युग के कानूनों को खत्म करने का सुझाव दिया था।
  • केंद्र सरकार ने  समय-समय पर पुराने और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में विधेयक पेश किए और 2014 के  बाद से लगभग 2,000 अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया गया है।

प्रश्न - निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

  1. 20 वें विधि आयोग ने ब्रिटिश कालीन अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने का सुझाव दिया था।
  2. 20 वें विधि आयोग की अध्यक्षता आर. रामानुजन ने की थी।

       नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

 a) केवल 1

 b) केवल 2

 c) 1 और 2 दोनों 

d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर : (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून की जटिलता को कम करने के लिए  ब्रिटिश कालीन अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने की योजना बनायी है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

स्रोत : The Hindu
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