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भूमिका:
सत्यनिष्ठा को परिभाषित करते हुए; सत्यनिष्ठा वह मानवीय मूल्य जो मन, वचन और कर्म में नैतिकता की गारंटी देता है; एक संक्षिप्त भूमिका लिखें।
मुख्य भाग:
- व्यक्ति के सत्यनिष्ठ होने की शर्तों की चर्चा करें; जैसे-
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- नैतिक मूल्य में स्पष्टता
- मूल्यों में सोपान-क्रम की स्पष्टता
- मूल्यों एवं आचरण में सुसंगति; आदि
- सत्यनिष्ठा के परीक्षण के क्षेत्रों का उल्लेख करें:
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- बौद्धिक सत्यनिष्ठा- सही विचार के पक्ष में खड़े होने की क्षमता। इसकी पुष्टि उदाहरण से करें; जैसे- भगत सिंह, सुकरात, ब्रूनो यह ऐसे नाम हैं, जो सत्य के पक्ष में खड़े रहे
- व्यक्तिगत सत्यनिष्ठा- संबंधों का पूरी प्रतिबद्धता से निर्वहन करना
- व्यावसायिक सत्यनिष्ठा- लगभग हर व्यवसाय कोड ऑफ़ एथिक्स और कोड ऑफ़ कंडक्ट पर आधारित होता है, इनके लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध होना।
उदाहरण के लिए- सेवार्थी से जो वादा करें उसे समय पर पूरा कर दें
- सत्यनिष्ठा द्वारा मानव को सशक्त बनाए जाने का उल्लेख करें-
1. व्यक्तिगत जीवन में-
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- दोस्त, रिश्तेदार, परिवार में विश्वसनीयता बढ़ती है
- किए गए परोपकार पर संतोष मिलता है
- चरित्र का विकास होता है
उदाहरण के लिए- यहाँ गांधी जी के किसी दृष्टान्त का उल्लेख कर सकते हैं
2. प्रशासन/व्यवसाय में-
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- सम्मान मिलता है
- सीनियर, जूनियर और समकक्ष में साख बनी रहती है
उदाहरण के लिए- ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन सर के कृत्यों जैसे दृष्टान्त का उल्लेख करें।
निष्कर्ष:
सत्यनिष्ठ व्यक्ति जीवन में ईमानदारी को नहीं छोड़ता है। एक सत्यनिष्ठ व्यक्ति कुछ पल के लिए परेशान हो सकता है अंततः सत्यनिष्ठा उसके लिए लाभदायक ही साबित होती है; का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष लिखें।