शॉर्ट न्यूज़: 13 जनवरी, 2022
चिल्का झील : पक्षियों का शीतकालीन आवास
प्रौद्योगिकी के लिये राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन
ओमिश्योर
त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्म
डब्ल्यू.टी.ओ. जनरल काउंसिल की आपात बैठक
चिल्का झील : पक्षियों का शीतकालीन आवास
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, चिल्का में किये गए ‘जल पक्षी स्थिति सर्वेक्षण- 2022’ को जारी किया गया।
सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु
- इस सर्वेक्षण के अनुसार, पूरे लैगून क्षेत्र में 107 जलीय पक्षी प्रजातियों और आर्द्रभूमि पर आश्रित 76 पक्षी प्रजातियों की गणना की गई। इनकी कुल संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा कम है। भारतीय उपमहाद्वीप में चिल्का को पक्षियों का सबसे बड़ा शीतकालीन आवास माना जाता है।
- गणना के दौरान दुर्लभ मंगोलियाई गल को भी देखा गया। चिल्का झील में स्थित ‘नलबाना पक्षी अभयारण्य’ में ग्रेटर फ्लेमिंगो (राजहंस) की संख्या में हुई वृद्धि नलबाना की पुनर्बहाली को प्रदर्शित करती है।
चिल्का झील

- चिल्का, भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून झील है। इसका विस्तार ओडिशा के पुरी, खुर्दा और गंजाम ज़िलों में है। इस लैगून में कई द्वीप मौज़ूद हैं, जिनमें कृष्णप्रसाद, नलबाना, कालीजाई, सोमोलो और पक्षी द्वीप समूह महत्त्वपूर्ण हैं। चिल्का झील को 'रामसर आर्द्रभूमि' भी नामित किया गया है।
- चिल्का झील में कैस्पियन सागर, बैकाल झील, अरल सागर, मंगोलिया के किर्गिज़ स्टेप्स, मध्य एवं दक्षिण पूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय से प्रवासी पक्षी आते हैं।
प्रौद्योगिकी के लिये राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन
चर्चा में क्यों?
- केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री ने छात्रों के लिये सर्वोत्तम विकसित एड-टेक समाधान एवं पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिये एकल मंच ‘प्रौद्योगिकी के लिये राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन (NEAT)- 3.0’ का शुभारंभ किया।
- इस अवसर पर क्षेत्रीय भाषाओं में ‘अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्’ (AICTE) द्वारा निर्धारित तकनीकी पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- एन.ई.ए.टी. डिजिटल अंतराल को कम करने, आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के मध्य तथा भारत और विश्व की ज्ञान-आधारित आवश्यकता को पूरा करने में युगांतरकारी सिद्ध होगा।
- एन.ई.ए.टी. शिक्षार्थियों की सुविधा के लिये एक मंच पर सर्वोत्तम तकनीकी समाधानों का उपयोग कर युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ाने हेतु एक पहल है। ये समाधान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर शिक्षण परिणामों व कौशल विकास हेतु व्यक्तिगत एवं विशिष्ट शिक्षा पर आधारित अनुभवों को सीखने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हैं।
- इसके तहत 58 वैश्विक और भारतीय स्टार्ट-अप शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियाँ सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने, रोज़गार योग्य कौशल विकसित करने, क्षमता निर्माण व सीखने के अंतराल को कम करने के लिये 100 पाठ्यक्रम और ई-संसाधन पेश कर रही हैं।
- एन.ई.ए.टी. 3.0 के तहत 12 लाख से अधिक सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को 253 करोड़ रुपए से अधिक के मुफ्त एड-टेक कोर्स कूपन प्रदान किये गए हैं।
ओमिश्योर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमीक्रॅान के परीक्षण हेतु ‘ओमिश्योर’ नामक परीक्षण किट को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- स्वदेशी रूप से विकसित इस किट का निर्माण ‘टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स’ द्वारा किया गया है।
- यह किट एस-जीन लक्षित विफलता (S-Gene Target Failure- SGTF) पद्धति का उपयोग कर रोगियों में ओमीक्रॅान का परीक्षण करेगी।
- भारत में ओमीक्रॅान के परीक्षण के लिये वर्तमान में उपयोग की जाने वाली किट भी एस.जी.टी.एफ. का उपयोग करती है, जिसका विकास अमेरिका स्थित वैज्ञानिक उपकरण कंपनी थर्मो फिशर द्वारा किया गया है।
- सार्स कोव- 2 (SARS COV- 2) संक्रमण के जोख़िम का पता लगाने तथा उनकी निगरानी के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) द्वारा इसी वर्ष दक्षिण पूर्व एशिया में सार्स कोव- 2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।
त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्म
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, श्रीलंका सरकार ने घोषणा की है कि इंडियन ऑयल की सहायक इकाई ‘लंका इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन’ (LIOC) को त्रिंकोंमाली ऑयल टैंक फार्म के संयुक्त विकास में 49% हिस्सेदारी प्रदान की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- भारत तथा श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ‘त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्म’ में सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CPC) की हिस्सेदारी 51% होगी।
- सी.पी.सी. ने त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्म के विकास हेतु ‘त्रिंको पेट्रोलियम लिमिटेड’ नामक विशेष प्रयोजन कंपनी (SPV) की स्थापना की है।
- भारत तथा श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से 99 में से 61 टैंकों का नवीनीकरण किया जाएगा, जबकि शेष 38 टैंकों में से 24 का निर्माण सी.पी.सी. द्वारा तथा 14 का निर्माण एल.आई.ओ.सी. द्वारा किया जाएगा।
- सर्वप्रथम संयुक्त रूप से इस तेल टैंक के विकास हेतु 29 जुलाई, 1987 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी तथा जे.आर. जयवर्धने के मध्य समझौता हुआ था। परंतु श्रीलंका में गृहयुद्ध की स्थिति के कारण यह समझौता क्रियान्वित नहीं हो सका।
- वर्ष 2015 में दोनों देश त्रिंकोमाली में एक पेट्रोलियम हब स्थापित करने पर सहमत हुए। इसे श्रीलंका में चीन द्वारा विकसित हंबनटोटा बंदरगाह के प्रत्युत्तर के रूप में देखा गया।
डब्ल्यू.टी.ओ. जनरल काउंसिल की आपात बैठक
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत ने कोविड-19 पैकेज पर चर्चा के लिये विश्व व्यापार संगठन (WTO) की जनरल काउंसिल की आपात बैठक की मांग की है।
प्रमुख बिंदु
- विश्व व्यापार संगठन द्वारा प्रस्तावित इस प्रतिक्रिया पैकेज में वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच महामारी से निपटने के लिए पेटेंट माफी प्रस्ताव भी शामिल है।
- भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलू (Trade Related Aspects of Intellectual Rights-TRIPS) से छूट की मांग करते हुए इसे प्रतिक्रिया पैकेज में शामिल करने की बात की है।
- अक्तूबर 2020 में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड -19 की रोकथाम व उपचार के लिये ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के कार्यान्वयन पर विश्व व्यापार संगठन के सभी सदस्य देशों को छूट देने का सुझाव देते हुए पहला प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
विश्व व्यापार संगठन
- विश्व व्यापार संगठन 164 सदस्यीय बहुपक्षीय निकाय है। इसकी स्थापना उरुग्वे दौर की वार्ता के पश्चात् 1 जनवरी, 1995 को की गई थी।
- यह वैश्विक व्यापार के लिये नियम तैयार करने के साथ ही व्यापार से संबंधित मुद्दों पर दो या दो से अधिक सदस्य देशों के मध्य विवादों का निपटारा करता है।
- जनरल काउंसिल विश्व व्यापार संगठन का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
- विश्व व्यापार संगठन का मंत्रिस्तरीय सम्मलेन द्वि-वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है।