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शॉर्ट न्यूज़: 25 नवंबर, 2020

शॉर्ट न्यूज़: 25 नवंबर, 2020


राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति

सर छोटू राम जी

सिटमैक्स-20 (SITMEX-20)

लचित बोरफूकन

आई.सी.सी. द्वारा खिलाडियों की न्यूनतम आयु का निर्धारण

जल जीवन मिशन


राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति

  • हाल ही में, चक्रवात की स्थिति की समीक्षा करने के लिये राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (National Crisis Management Committee- NCMC) की बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय मंत्रिमंडलीय सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्य सचिव भी शामिल रहे।
  • इस समिति ने चक्रवात ‘निवार’ की स्थिति की समीक्षा की। इस चक्रवात के आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों से टकराने की सम्भावना है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर बड़े संकटों से निपटने के लिये ‘सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति’ और ‘राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति’ आपदा प्रबंधन के सम्बंध में निर्णय लेने वाली शीर्ष स्तरीय समितियाँ हैं।
  • एन.सी.एम.सी. का गठन विशिष्ट आपदा प्रबंधन दायित्वों का निर्वहन करने के लिये किया जाता है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में मंत्रालयों/विभागों और एजेंसियों के सचिव इसमें भाग लेते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु 'निवार' चक्रवात का सामना करने के लिये आकस्मिक योजना तैयार कर रहा है। मई में आए सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ के बाद यह बंगाल की खाड़ी में दूसरा गम्भीर चक्रवात होगा। जबकि वर्ष 2018 में गाज़ा चक्रवात के बाद तमिलनाडु को पार करने वाला यह दूसरा चक्रवात होगा।

सर छोटू राम जी

  • जाट समुदाय से सम्बंधित सर छोटू राम जी का जन्म 24 नवम्बर 1881 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के रोहतक में हुआ था। इनका वास्तविक नाम राय रिछपाल था।
  • वे स्वतंत्रता पूर्व भारत के एक प्रमुख राजनेता व विचारक थे। इन्होंने किसानों के अधिकारों के लिये तथा ग़रीबों के हित में विशेष कार्य किया, जिसके लिये इन्हें वर्ष 1937 में नाइट की उपाधि प्रदान की गई।
  • वर्ष 1915 में चौधरी छोटूराम जी ने 'जाट गजट' नाम का क्रांतिकारी अखबार शुरू किया, जो हरियाणा का सबसे पुराना अखबार है। 'ठग बाज़ार की सैर' और 'बेचारा किसान' इनके द्वारा लिखे गए प्रसिद्ध लेख हैं।
  • इन्होंने आधुनिक हरियाणा क्षेत्र में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान और पंजाब के पूर्वी भाग में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिये बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान का नेतृत्व किया।
  • अगस्त, 1920 में इन्होंने कांग्रेस छोड़ दी, क्योंकि वे गांधी जी के असहयोग आंदोलन से सहमत नहीं थे। उनका विचार था कि इस आंदोलन से किसानों का हित नहीं होगा। वे नेशनल यूनियनिस्ट पार्टी के सह-संस्थापक थे।
  • नारायण सिंह तेहलान द्वारा लिखित पुस्तक ‘दीनबंधु का सफरनामा’ इनके जीवन पर आधारित है।

सिटमैक्स-20 (SITMEX-20)

  • 22 नवम्वर 2020 को भारत, थाईलैंड और सिंगापुर त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास सिटमैक्स-20 (SITMEX-20) का दूसरा संस्करण अंडमान सागर में सम्पन्न हुआ। भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास सिमबैक्स-20 का 27वां संस्करण 23 नवम्वर से इसी क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। सिटमैक्स का पहला संस्करण भारतीय नौसेना द्वारा सितम्बर 2019 में पोर्ट ब्लेयर में आयोजित किया गया था। भारत के अनुसार यह अभ्यास तीन मित्र राष्ट्रों की नौसेनाओं के बीच बढ़ते समन्वय व सहयोग को उजागर करता है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इसे समुद्र में गैर-सम्पर्क रूप से (non-contact, at sea only) रूप में आयोजित किया जा रहा है।
  • सिटमैक्स-20 शृंखला के अभ्यास का उद्देश्य मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन में सुधार करना, आपसी विश्वास को मज़बूत करना, क्षेत्र में समग्र समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिये सामान्य समझ और प्रक्रियाओं को विकसित करना है।
  • सिंगापुर नौसेना द्वारा आयोजित होने वाले सिटमैक्स अभ्यास के लिये भारतीय नौसेना ने स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर कोरवेट आई.एन.एस. कामोर्ता (Kamorta) और मिसाइल कोरवेट आई.एन.एस. करमुक को तैनात किया है। सिंगापुर ने फॉर्मिडेबल क्लास फ्रिगेट इंट्रेपिड और एंड्योरेंस क्लास लैंडिंग शिप टैंक एंडेवर को जबकि रॉयल थाई नेवी द्वारा एक 'चाओ फ्राया' क्लास फ्रिगेट 'क्रबुरी' को तैनात किया गया है।
  • सिटमैक्स के लिये भारतीय नौसेना आई.एन.एस. कामोर्ट और आई.एन.एस. करमुक के अलावा (जो पहले से ही क्षेत्र में हैं) अपने अभिन्न हेलीकॉप्टर चेतक के साथ विध्वंसक आई.एन.एस. राणा को तैनात कर रही है। इसके अतिरिक्त आई.एन.एस. सिंधुराज पनडुब्बी और P8I समुद्री टोही विमान (maritime reconnaissance aircraft) भी अभ्यास में भाग लेंगे।

लचित बोरफूकन

  • 24 नवम्बर, 1622 को जन्मे लचित बोरफूकन का पूरा नाम चाउ लचित फुकनलुंग था। वे अहोम साम्राज्य के एक सेनापति और बोरफूकन थे। इनको सन् 1671 में हुई सराईघाट की लड़ाई में मुग़ल सेनाओं के विरुद्ध नेतृत्व-क्षमता के लिये जाना जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि बोरफूकन अहोम राज्य के पाँच पात्र मंत्रियों में से एक थे। इस पद का सृजन अहोम राजा स्वर्गदेव प्रताप सिंह ने किया था।
  • लचित बोरफुकन की वीरता और सराईघाट के युद्ध में असमिया सेना की जीत के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 24 नवम्बर को असम में लचित दिवस (लच्छित दिवस) मनाया जाता है।

आई.सी.सी. द्वारा खिलाडियों की न्यूनतम आयु का निर्धारण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (ICC) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिये खिलाड़ियों की न्यूनतम आयु से सम्बंधित नीति निर्धारित की है।

मुख्य बिंदु

  • आई.सी.सी. के अनुसार, वैश्विक स्तर पर खेलने के लिये क्रिकेटर की न्यूनतम आयु 15 वर्ष होनी चाहिये। परिषद् द्वारा न्यूनतम उम्र का निर्धारण खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
  • न्यूनतम आयु सम्बंधी सीमा के नियम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों पर लागू होंगे, जिनमें आई.सी.सी. के टूर्नामेंट, द्विपक्षीय क्रिकेट तथा अंडर-19 क्रिकेट शामिल हैं। ध्यातव्य है कि ये नियम महिला क्रिकेटरों पर भी समान रूप से लागू होंगे।
  • अपवाद की स्थिति में 15 वर्ष से कम उम्र के खिलाड़ियों को खेलने के लिये खिलाड़ी का खेल अनुभव, उसका मानसिक विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव को झेलने में सक्षमता के आधार पर बोर्ड के सदस्य आई.सी.सी. से अनुरोध कर सकते हैं।
  • ध्यातव्य है कि अभी तक किसी भी क्रिकेटर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में खेलने के लिये न्यूनतम आयु से सम्बंधित कोई नियम नहीं था।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद्

  • आई.सी.सी. की स्थापना वर्ष 1909 में इम्पीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस के रूप में हुई थी। इसका मुख्यालय दुबई में स्थित है।
  • आई.सी.सी. क्रिकेट के लिये वैश्विक शासी निकाय है, जो 105 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है। आई.सी.सी. द्वारा सदस्य देशों की सहायता से क्रिकेट को नियंत्रित तथा प्रशासित किये जाने के साथ ही इसके विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • पाकिस्तान के हसन रजा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।
  • सचिन तेंदुलकर देश के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।

जल जीवन मिशन

संदर्भ

हाल ही में, जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की एक बहु-अनुशासनात्मक तकनीकी समिति ने राज्यों को क्षेत्रीय स्तर के समाधान प्रदान करने के लिये पेयजल और स्वच्छता से संबंधित पाँच तकनीकों की सिफारिश की है।

समिति द्वारा की गई सिफारिशें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी उपयुक्तता और आवश्यकता के आधार पर प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में मदद करेंगी। तकनीकी समिति द्वारा विचार और अनुशंसा से पहले इन तकनीकों का विभिन्न स्तर पर मूल्यांकन किया गया था। समिति ने क्षेत्रीय स्तर के समाधान प्रदान करने के लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आवेदन पर ध्यान केंद्रित किया है, जो राज्यों में कार्यान्वयन एजेंसियों के लिये सहायक होगा।

बहु-अनुशासनात्मक तकनीकी समिति

  • इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा की जाती है तथा इसके अन्य सदस्य नीति आयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सी.एस.आई.आर, डी.आर.डी.ओ, आई.आई.टी, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान और राज्य विभागों से होते हैं।
  • समिति द्वारा निम्नलिखित पाँच तकनीकों की सिफारिश की गई है-
    • ग्रुंडफॉस एक्यूप्योर (Grundfos AQpure)- यह सौर ऊर्जा द्वारा संचालित जल उपचार संयंत्र है, जो अल्ट्रा-फिल्ट्रेशन पर आधारित है।
    • जन-जल वॉटर ऑन व्हील- यह आई.ओ.टी. आधारित इलेक्ट्रिक वाहन होगा, जो घरों के दरवाजे तक सुरक्षित पानी पहुंचाने के लिये जी.पी.एस. का उपयोग करेगा।
    • प्रेस्टो ऑनलाइन क्लोरीनेटर- यह एक गैर-विद्युत आधारित ऑनलाइन क्लोरीनेटर है जो जीवाणु प्रदूषण को हटाने के लिये पानी का कीटाणु शोधन करता है।
    • जोहकासो तकनीक (Johkasou technology) अवायवीय-वायवीय विन्यास पर आधारित जल उपचार प्रणाली है, जो इनबिल्ट सीवेज, रसोई और स्नानगार जल को शुद्ध करने में सक्षम है। इसे भूमिगत रूप से स्थापित किया जा सकता है।
    • एफ.बी.टी.ई.सी. (FBTec)- यह फिक्स्ड फिल्टर मीडिया का उपयोग कर विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार प्रणाली को एकत्रित कर तैयार की गई एक साइट है।
  • गौरतलब है कि जल शक्ति मंत्रालय जल जीवन मिशन के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के तहत वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिये प्रयासरत् है।

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