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शॉर्ट न्यूज़: 8 दिसंबर, 2020

शॉर्ट न्यूज़: 8 दिसंबर, 2020


राजस्थान में देश की पहली जल सुरंग

निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार-2020

नर्मदा प्राकृतिक सौंदर्य पुनर्स्थापना परियोजना

इंडिया मोबाइल कांग्रेस, 2020


राजस्थान में देश की पहली जल सुरंग

  • राजस्थान के झालावाड़ ज़िले में देश की अब तक की सबसे लम्बी जल सुरंग (8.75 किमी.) का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग झालावाड़ ज़िले को उसके पड़ोसी ज़िले बारां से जोड़ने वाले पहाड़ी रास्ते से होकर गुजरेगी।
  • झालावाड़ ज़िले के अहावड़ कलां गाँव में परवन नदी पर एक बांध निर्मित है, इसके पानी को इस जल सुरंग के माध्यम से बारां और कोटा जिलों तक पहुँचाया जाएगा। इससे न सिर्फ इन ज़िलों के लगभग 2.4 लाख से अधिक घरों में पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी बल्कि 1.41 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि भी सिंचाई की दृष्टि से लाभान्वित होगी।
  • चूँकि यह भौगोलिक क्षेत्र अत्यधिक ठोस क्वार्टजाइट बलुआ पत्थर से निर्मित है, इसलिये यहाँ सुरंग निर्माण हेतु ड्रिलिंग की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती है। अतः इस जल सुरंग के निर्माण के लिये बोरिंग की प्रक्रिया अपनाया जाना एकमात्र विकल्प है।
  • वस्तुतः ‘बोरिंग’ की प्रक्रिया ‘ड्रिलिंग’ की अपेक्षा अधिक खर्चीली होती है। इस कारण राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह इसे एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे, ताकि इसके लिये अपेक्षाकृत अधिक सहायता राशि प्राप्त की जा सके।
  • सिंचाई तथा पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ यह परियोजना हाड़ौती क्षेत्र के किसानों की आजीविका बढ़ाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  • ध्यातव्य है कि हाड़ौती क्षेत्र में राजस्थान के चार ज़िलों– झालावाड़, बारां, कोटा और बूंदी को शामिल किया जाता है।

परवन बांध परियोजना

  • ‘परवन बांध परियोजना’ का निर्माण परवन नदी पर हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कम्पनी तथा एच.एस.ई.पी.एल. के सयुंक्त उपक्रम द्वारा इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन (EPC) मॉडल के आधार पर किया जा रहा है। इस सयुंक्त उपक्रम में 90% हिस्सेदारी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कम्पनी की है।
  • इस परियोजना को ‘पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ द्वारा वर्ष 2011 में पर्यावरणीय स्वीकृति दी गई थी।

परवन नदी

  • परवन अजनार व घोड़ा पछाड़ की संयुक्त धारा है। यह मध्यप्रदेश के विंध्याचल पर्वत शृंखला से निकलती है।
  • झालावाड़ में मनोहर थाना में राजस्थान में प्रवेश करती है। झालावाड़ व बांरा में बहती हुई यह नदी बांरा में पलायता गांव में काली सिंध में मिल जाती है।
  • निवाज, धार व छापी इसकी सहायक नदियाँ हैं।

निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार-2020

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) ने इन्वेस्ट इंडिया (भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एजेंसी) को वर्ष 2020 के ‘संयुक्त राष्ट्र निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार’ से सम्मानित किया है। इस समारोह का आयोजन दिसम्बर, 2020 में ज़िनेवा स्थित अंकटाड के मुख्यालय में किया गया।
  • यह पुरस्कार विश्व भर में निवेश संवर्धन एजेंसियों (IPAs) की उत्कृष्ट उपलब्धियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रतिबिम्बित करता है।
  • संयुक्त राष्ट्र निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार, निवेश प्रोत्साहन एजेंसियों के लिये सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है।
  • विदित है कि अंकटाड एक स्थाई अंतर सरकारी निकाय है, जो निवेश संवर्धन एजेंसियों के प्रदर्शन की निगरानी करने के साथ-साथ वैश्विक सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों की पहचान करता है।

उपलब्धियाँ

  • मार्च 2020 में, अंकटाड ने कोविड-19 महामारी के कारण निवेश संवर्धन एजेंसियों की प्रतिक्रिया की निगरानी के लिये एक टीम का गठन किया था। महामारी को लेकर निवेश संवर्धन एजेंसी की प्रतिक्रिया वर्ष 2020 के संयुक्त राष्ट्र निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार के मूल्यांकन का आधार बनी।
  • अंकटाड ने इन्वेस्ट इंडिया की बेहतरीन गतिविधियों, जैसे- बिज़नेस इम्यूनिटी प्लेटफॉर्म, एक्सक्लुसिव इन्वेस्टमेंट फोरम वेबिनार सीरीज, सोशल मीडिया पर सक्रियता के साथ-साथ कोविड से निपटने के लिये गठित समूहों (जैसे कि व्यापार पुनर्निर्माण, हितधारक और आपूर्तिकर्ता आउटरीच) पर प्रकाश डाला है।
  • इन्वेस्ट इंडिया ने निवेश प्रोत्साहन और सुविधा के लिये दीर्घकालिक रणनीतियों व कार्य प्रणालियों को अंकटाड के उच्च-स्तरीय सत्रों में साझा किया है।

नर्मदा प्राकृतिक सौंदर्य पुनर्स्थापना परियोजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, एन.टी.पी.सी. ने भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM), भोपाल के साथ नर्मदा प्राकृतिक सौंदर्य पुनर्स्थापना परियोजना के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

परियोजना के प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यक्रम के तहत अनुदान सहायता समान अनुपात में एन.टी.पी.सी. लिमिटेड और संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय विकास अधिकरण (USAID) के साथ साझेदारी में प्रदान की जाएगी। विदित है कि यू.एस.ए.आई.डी. अमेरिकी सरकार की अंतर्राष्ट्रीय विकास शाखा का एक हिस्सा है।
  • आई.आई.एफ.एम. और वैश्विक हरित विकास संस्थान (GGGI) संयुक्त रूप से इस परियोजना को लागू करेंगे। जी.जी.जी.आई, यू.एस.ए.आई.डी. की सहायता से इस परियोजना में भाग लेगा।
  • 4 वर्षीय यह परियोजना मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले में ओंकारेश्वर और महेश्वर बांधों के बीच नर्मदा नदी की चयनित सहायक नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में लागू की जाएगी।

उद्देश्य

  • इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नर्मदा घाटी में प्राकृतिक सौंदर्य को टिकाऊ बनाए रखने के लिये एक ऐसी प्रोत्साहन प्रणाली स्थापित करना है, जो नर्मदा नदी घाटी के सहायक वनों व कृषि समुदायों के स्थाई परिदृश्यों को बनाए रखने में सहायक हो।
  • इससे नर्मदा की सहायक नदियों में पानी की गुणवत्ता और मात्रा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
  • साथ ही, इस परियोजना के माध्यम से जल और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने के लिये प्रकृति-आधारित समाधानों का विस्तार करना है। 

भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM)

भोपाल में स्थित ‘भारतीय वन प्रबंधन संस्थान’ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत सरकार से सहायता प्राप्त एक स्वायत्त संस्थान है।

वैश्विक हरित विकास संस्थान (GGGI)

वैश्विक हरित विकास संस्थान एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में टिकाऊ व समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। 

एन.टी.पी.सी. लिमिटेड (NTPCL)

एन.टी.पी.सी. लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कम्पनी और विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है।


इंडिया मोबाइल कांग्रेस, 2020

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) का उद्घाटन किया। आई.एम.सी. 2020 का विषय- ‘स्मार्ट, सुरक्षित और स्थाई समावेशी नवाचार’ है। 
  • इसका आयोजन दूरसंचार विभाग, भारत सरकार और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जा रहा है।

उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य 'आत्मनिर्भर भारत', 'डिजिटल समावेशिता' एवं 'सतत् विकास, उद्यमिता और नवाचार' के विज़न को बढ़ावा देना है।
  • इसका उद्देश्‍य विदेशी और स्थानीय निवेश संचालित करना, दूरसंचार और उभरते हुए प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास को प्रोत्साहित करना भी है।

अन्य तथ्य

  • भारत में आज एक अरब से अधिक उपभोक्ता फोन का उपयोग करते हैं। साथ ही, भारत में अद्वितीय डिजिटल पहचान वाले एक अरब से अधिक लोग हैं।
  • भारत में 750 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। भारत में कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से लगभग 50% पिछले 4 वर्षों में इंटरनेट से जुड़े हैं। इसके अतिरिक्त भारत के कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से आधे ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।

अन्य प्रयास

  • दूरसंचार उपकरण, डिज़ाइन, विकास एवं विनिर्माण के लिये भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाना।
  • प्रौद्योगिकीय उन्नयन के कारण हैंडसेट्स और गैजेट्स को बार-बार बदलने की संस्कृति पर रोक लगाना।
  • इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट से बेहतर रूप से निपटने और एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था का सृजन करना।

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