चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले में हुआ था।
उन्होंने 15 वर्ष की अल्पायु में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पहली बार ब्रिटिश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए।
गिरफ्तारी के समय उन्होंने अपना नाम “आज़ाद”, पिता का नाम “स्वतंत्रता” और निवास स्थान “जेल” बताया, जिसके बाद से वह "आज़ाद" नाम से प्रसिद्ध हुए।
उनका विश्वास था कि भारत को क्रांतिकारी संघर्ष एवं बलिदान के माध्यम से स्वतंत्र किया जा सकता है, न कि केवल अहिंसात्मक उपायों से।
उन्होंने काकोरी कांड (1925), सांडर्स हत्याकांड (1928) और अन्य कई साहसिक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई।
वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के एक प्रमुख संस्थापक और रणनीतिकार थे, जिन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों को संगठित रूप प्रदान किया।
उन्होंने युवाओं में राष्ट्रवाद, आत्मबलिदान और साहस की भावना का संचार किया तथा भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे युवाओं को संगठित किया।
27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद स्थित अल्फ्रेड पार्क में ब्रिटिश पुलिस द्वारा घिर जाने पर उन्होंने स्वयं को गोली मारकरबलिदान दे दिया, ताकि वे अंग्रेजों के हाथ जीवित न लगें।