New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि

चर्चा में क्यों?

  • 9 जून 2025 को, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और महानायक भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि मनाई गई। 

Bhagwan-Birsa-Munda

बिरसा मुंडा के बारे में:

1. परिचय

  • जन्म: 15 नवंबर 1875 को उलिहातु गांव, खूंटी जिला, झारखंड
  • उपनाम: "धरती आबा" (पृथ्वी के पिता), "भगवान" (ईश्वर के दूत)
  • जनजाति: मुंडा जनजाति
  • शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा सालगा गांव के जर्मन मिशन स्कूल में हुई, लेकिन ईसाई मिशनरियों के तौर-तरीकों से मोहभंग होने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया।
  • उनकी मृत्यु 9 जून 1900 को रांची जेल में हुई।

2. प्रमुख आंदोलन और योगदान

  • उलगुलान (महान विप्लव) आंदोलन (1899-1900): यह अंग्रेजों, जमींदारों और ईसाई मिशनरियों के खिलाफ मुंडा आदिवासियों का एक बड़ा विद्रोह था।
  • कारण: 
    • भूमि संबंधी मुद्दे: ब्रिटिश कानूनों द्वारा आदिवासियों की पारंपरिक भूमि व्यवस्था (खुंटकटी प्रणाली) का विघटन, जिससे उनकी जमीनें छीन ली गईं।
    • जमींदारी प्रथा: बाहरी जमींदारों (दिकू) द्वारा आदिवासियों का शोषण और अधिक लगान वसूली।
    • ईसाई मिशनरियों का प्रभाव: मिशनरियों द्वारा आदिवासी संस्कृति में हस्तक्षेप और धर्म परिवर्तन का प्रयास।
    • बेगार प्रथा: आदिवासियों से जबरन बिना मजदूरी के काम कराना।
    • उद्देश्य: "अबुआ दिशुम, अबुआ राज" (हमारा देश, हमारा राज) की स्थापना करना, जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों को पुनः स्थापित करना।
    • प्रभाव: यह आंदोलन छोटानागपुर क्षेत्र में व्यापक रूप से फैला और आदिवासियों में अंग्रेजों के खिलाफ संगठित होने की प्रेरणा जगाई।
    • परिणाम: यद्यपि बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया और आंदोलन को दबा दिया गया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों को छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट (CNT Act), 1908 लागू करना पड़ा, जिसने आदिवासियों की भूमि के हस्तांतरण पर रोक लगाई।
  • धार्मिक सुधार:
    • उन्होंने 'बिरसाइत' नामक एक नए धर्म की स्थापना की, जिसमें एकेश्वरवाद (सिंहबोंगा की पूजा) पर जोर दिया गया।
    • उन्होंने आदिवासियों को शराब पीने, जादू-टोना, अंधविश्वास और पशु बलि जैसी सामाजिक बुराइयों को छोड़ने के लिए प्रेरित किया।

3. महत्व और विरासत

  • बिरसा मुंडा को आदिवासी अस्मिता, स्वायत्तता और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
  • उनके नेतृत्व ने आदिवासियों को अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अपनी पारंपरिक भूमि और संस्कृति के महत्व का एहसास कराया।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2021 से उनके जन्मदिन 15 नवंबर को "जनजातीय गौरव दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की है, जो आदिवासी समुदायों के योगदान और विरासत को सम्मानित करता है। 

प्रश्न: वर्ष 2025 में भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि किस क्रमांक के रूप में मनाई गई?

(a) 120वीं

(b) 122वीं

(c) 125वीं

(d) 130वीं

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X