सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि सरकार भारत एआई मिशन के तहत देशभर में 500 से अधिक डेटा लैब स्थापित करेगी। यह घोषणा एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के एक पूर्व-कार्यक्रम में की गई।
इस कदम से भारत के एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने, बड़े भाषा मॉडल (LLM) विकसित करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी बढ़ाने की योजना स्पष्ट हुई।
पृष्ठभूमि:
भारत एआई मिशन:
केंद्र सरकार की प्रमुख पहल है जो एआई में स्वायत्त और क्षेत्र-विशिष्ट क्षमताओं को विकसित करने पर केंद्रित है।
इसमें क्षेत्र-विशिष्ट एआई अनुप्रयोग, सॉवरेन एलएलएम, GPU इंफ्रास्ट्रक्चर और कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं।
इसे 2025 में 10,300 करोड़ रुपये के व्यय के साथ स्वीकृत किया गया था।
वृहद भाषा मॉडल (LLM):
भारत के पहले 1 ट्रिलियन मापदंड वाले LLM को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके लिए आईआईटी बॉम्बे की अध्यक्षता वाले कंसोर्टियम को 988.6 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
प्रमुख बिन्दु:
डेटा लैब्स का निर्माण:
देशभर में 500 से अधिक डेटा लैब स्थापित किए जाएंगे।
ये लैब्स AI रिसर्च, ट्रेनिंग और इनोवेशन को बढ़ावा देंगी।
लक्ष्य है कि विभिन्न उद्योगों, सरकारी विभागों और अनुसंधान संस्थानों के लिए डेटा-संचालित निर्णय क्षमता बढ़ाई जाए।
बड़े भाषा मॉडल का विकास:
1 ट्रिलियन मापदंड वाला LLM भारत में विकसित किया जाएगा।
यह मॉडल भारतीय भाषाओं और स्थानीय डेटा को बेहतर तरीके से समझने और प्रोसेस करने में सक्षम होगा।
टेक महिंद्रा, फ्रैक्टल एनालिटिक्स और IIT बॉम्बे नेतृत्व वाली कंपनियों की भागीदारी इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
कौशल विकास और उद्योग सहभागिता:
मिशन में AI कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं, जो युवा प्रतिभाओं और पेशेवरों को एआई में प्रशिक्षित करेंगे।
इससे नौकरी और स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी लाभ होगा।
स्वायत्त एआई क्षमताएं:
भारत एआई मिशन का उद्देश्य विदेशी एआई तकनीकों पर निर्भरता कम करना और भारत में स्वायत्त एआई इकोसिस्टम तैयार करना है।
यह सॉवरेन LLM और GPU इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से हासिल किया जाएगा।
विकास और संभावित प्रभाव:
वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
भारत अब अमेरिका, चीन और यूरोप के साथ AI टेक्नोलॉजी में प्रतिस्पर्धा कर सकेगा।
आर्थिक और सामाजिक लाभ:
एआई-आधारित समाधान उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाएंगे।
क्षेत्रीय भाषाओं में एआई अनुप्रयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासन में सुधार करेंगे।
तकनीकी स्वतंत्रता:
स्वायत्त एलएलएम और GPU इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत को तकनीकी निर्भरता से मुक्त करेंगे।
नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम:
नई डेटा लैब्स और कौशल विकास से एआई स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
एआई गवर्नेंस फ्रेमवर्क
सरकार 28 सितंबर को एआई गवर्नेंस फ्रेमवर्क जारी करेगी।
इसका उद्देश्य नागरिकों को एआई के नुकसान से बचाना है।
फ्रेमवर्क में सुरक्षा सीमाएं और जांच व संतुलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
यह फ्रेमवर्क निर्देशात्मक नहीं होगा।
फरवरी 2026 में होने वाले एआई इंपैक्ट शिखर सम्मेलन में भी एआई सुरक्षा और वैश्विक गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर जोर रहेगा।