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विदेशी निवेश नियमों में संशोधन

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुछ अस्थायी उपायों की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय रिज़र्व बैंक की घोषणा में विदेशी निगमित निकायों के लिये ऋण सीमा को दोगुना करना तथा भारतीय गैर-निवासियों की विदेशी मुद्रा जमाओं के संबध में ब्याज सीमाओं को हटाना शामिल हैं। ऋण सीमा को बढ़ाकर 750 मिलियन डॉलर से 1.5 बिलियन डॉलर कर दिया गया है ।
  • रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब पूँजी का निरंतर बहिर्वाह (Outflow) और बढ़ते व्यापार घाटे के कारण यूएस डॉलर की तुलना में भारतीय रूपए के मूल्य में निरंतर गिरावट हो रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के अंतर्गत 5 जुलाई तक रूपए में 4.1% की गिरावट हुई है।
  • रिज़र्व बैंक के अनुसार पोर्टफोलियो निवेश के अतिरिक्त मुद्रा प्रवाह स्थिर रहा तथा 24 जून को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 593.3 अरब डॉलर था।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश(FPI)

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का अभिप्राय किसी व्यक्ति अथवा संस्था के द्वारा किसी अन्य देश की कम्पनी में किए गए निवेश से है, जिसमें सम्बंधित कम्पनी की प्रतिभूतियों को खरीदना अथवा उसे ऋण प्रदान करना शामिल है।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक कंपनी के प्रबंधन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होते हैं तथा इन्हें ब्याज के रूप में लाभ प्राप्त होता है।
  • भारत में इनका विनियमन ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ (SEBI) के द्वारा किया जाता है।

प्रत्यक्ष विदेशी  निवेश(FDI)

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आशय एक ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें एक देश के निवासी किसी अन्य देश की फर्म/कम्पनी में निवेश करते हैं और कम्पनी के प्रबंधन में शामिल रहते हुए लाभ अर्जित करते हैं ।

  • रिज़र्व बैंक वर्तमान में विदेशी मुद्रा बाज़ार में तरलता की स्थिति पर गंभीरता से जाँच कर रहा है और रूपए की मजबूती के लिये आवश्यक कदम उठाने के लिये भी प्रयासरत है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों और अनिवासी बाहरी खातों में 4 नवम्बर तक की सावधि जमाओं पर वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) तथा नकद आरक्षित अनुपात (CRR) के प्रबंधन की छूट दी है।
  • सभी बैंकों को 7 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 तक विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाओं और अनिवासी बाहरी खातों में जमाओं को स्वीकार करने की अनुमति दी गयी है, ये जमाएं वर्तमान ब्याज दरों के नियमों से मुक्त होगी।
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