चर्चा में क्यों?
बिंदु |
विवरण |
संधि पर हस्ताक्षर |
1959, वाशिंगटन डी.सी. |
प्रभाव में आई |
1961 से |
प्रारंभिक हस्ताक्षरी देश |
12 देश |
वर्तमान सदस्य |
57 देश |
सलाहकार पक्ष (Consultative Parties) |
29 देश (निर्णय लेने की शक्ति रखते हैं) |
भारत की सदस्यता |
1983 में सलाहकार पक्ष बना |
लागू क्षेत्र |
60° दक्षिण अक्षांश के नीचे का क्षेत्र (सम्पूर्ण अंटार्कटिक महाद्वीप) |
संधि / प्रोटोकॉल |
वर्ष |
उद्देश्य |
अंटार्कटिक सील संरक्षण सम्मेलन |
1972 |
सील प्रजातियों की सुरक्षा |
CCAMLR (अंटार्कटिक समुद्री जीवों का संरक्षण) |
1982 |
समुद्री जीवन का सतत संरक्षण और प्रबंधन (भारत ने इसे अनुमोदित किया है) |
मैड्रिड प्रोटोकॉल (1991) |
1991 |
अंटार्कटिक को प्राकृतिक आरक्षित क्षेत्र घोषित करता है और खनिज संसाधनों की खोज या दोहन पर रोक लगाता है। भारत भी इसका हस्ताक्षरी देश है। |
स्टेशन |
स्थापना वर्ष |
विशेषता |
दक्षिण गंगोत्री |
1983 |
भारत का पहला अनुसंधान केंद्र, वर्तमान में आपूर्ति बेस के रूप में |
मैत्री स्टेशन |
1989 |
सक्रिय अनुसंधान केंद्र, भारत का प्रमुख ध्रुवीय केंद्र |
भारती स्टेशन |
2012 |
नवीनतम अनुसंधान केंद्र, पर्यावरणीय और वैज्ञानिक अध्ययन में सहायक |
मैत्री-II (घोषणा) |
2023 |
ATCM-46 में भारत ने नए अनुसंधान स्टेशन 'मैत्री-II' की घोषणा की |
Our support team will be happy to assist you!