(प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर) |
नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान (Cassini Spacecraft) द्वारा एकत्रित आँकड़ों पर एक नए अध्ययन से इस बात के अतिरिक्त प्रमाण मिले हैं कि शनि के चंद्रमा ‘एन्सेलेडस’ (Enceladus) पर जीवन संभव हो सकता है।
कैसिनी अंतरिक्ष यान के बारे में
- यह नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी (ASI) की एक संयुक्त परियोजना है।
- कैसिनी एक परिष्कृत रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसे शनि एवं उसके वलयों व चंद्रमाओं की जटिल प्रणाली का अद्वितीय व विस्तारपूर्वक अध्ययन करने के लिए भेजा गया था।
- इसे 15 अक्तूबर, 1997 को प्रक्षेपित किया गया था। यह सबसे बड़े अंतरग्रहीय अंतरिक्ष यानों में से एक था।
- इस मिशन में नासा का शनि की परिक्रमा करने वाला पहला अंतरिक्ष यान कैसिनी ऑर्बिटर और ई.एस.ए. का ह्यूजेंस यान शामिल था, जो शनि के सबसे बड़े चंद्रमा ‘टाइटन’ पर उतरा।
कैसिनी अंतरिक्ष यान के उद्देश्य
- शनि: बादलों के गुण और वायुमंडलीय संरचना, पवन व तापमान, आंतरिक संरचना एवं घूर्णन, आयनमंडल, उत्पत्ति तथा विकास का अध्ययन
- वलय: इनकी संरचना और संयोजन, गतिशील प्रक्रियाओं, वलयों व उपग्रहों के अंतर्संबंध, धूल एवं सूक्ष्म उल्कापिंडों के वातावरण का अवलोकन
- टाइटन: वायुमंडलीय घटकों की प्रचुरता, सूक्ष्म गैसों और एरोसोल का वितरण, पवन व तापमान, सतह की संरचना एवं स्थिति तथा ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन
- शनि का चुंबकीय क्षेत्र: इसकी संरचना और विद्युत धाराओं; इसके भीतर के कणों की संरचना, स्रोत व सिंक; गतिकी; सौर वायु, उपग्रहों एवं वलयों के साथ अंतःक्रिया; टाइटन का सौर वायु तथा चुंबकीय क्षेत्र के साथ संपर्क का अध्ययन
कैसिनी अंतरिक्ष यान के घटक
- कैसिनी पर लगे उपकरणों में टाइटन की बादलों से ढकी सतह का मानचित्रण करने के लिए रडार और शनि के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए एक मैग्नेटोमीटर शामिल था।
- डिस्क के आकार का ह्यूजेंस प्रोब कैसिनी के किनारे पर लगा था और इसमें टाइटन के वायुमंडल एवं सतह का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किए गए छह उपकरण लगे थे।
एन्सेलेडस के बारे में मुख्य तथ्य
- इसका नाम प्राचीन ग्रीक पौराणिक कथाओं में वर्णित एक विशालकाय ग्रह के नाम पर रखा गया है। यह वलयदार गैसीय ग्रह शनि के सबसे भीतरी चंद्रमाओं में से एक है।
- इसका व्यास 313 मील (504 किमी.) है और यह लगभग 148,000 मील (238,000 किमी.) की दूरी पर शनि की परिक्रमा करता है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि एन्सेलेडस में जीवन के लिए आवश्यक रासायनिक तत्व मौजूद हैं और इसके जलतापीय छिद्र इसके महासागर में गर्म, खनिज युक्त पानी छोड़ते हैं, जो उसी प्रकार का वातावरण है जिसने पृथ्वी के पहले जीवित जीवों को जन्म दिया होगा।
- इसका महासागर लगभग 12-19 मील (20-30 किमी.) मोटी बर्फ की परत के नीचे स्थित है।