विजेता:
- सुसुमु कितागावा (जापान)
- रिचर्ड रॉबसन (यूके)
- उमर एम. याघी (यूएसए)

घोषणा:
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 8 अक्टूबर 2025 को घोषणा की कि रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी को “धातु-कार्बनिक ढांचे (Metal-Organic Frameworks – MOFs) के विकास के लिए” दिया जा रहा है।
उपलब्धियां:
- इन्होंने बड़े अंतराल वाली आणविक संरचनाएँ विकसित की हैं जिनसे गैसें और अन्य रसायन प्रवाहित हो सकते हैं।
- MOFs का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे:
- रेगिस्तानी हवा से पानी इकट्ठा करना
- कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करना
- विषाक्त गैसों को संग्रहित करना
- रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करना
प्रमुख योगदान:
- रिचर्ड रॉबसन (1989)
- परमाणुओं के गुणों का नया प्रयोग किया।
- धनावेशित कॉपर आयनों को चार भुजाओं वाले अणु के साथ संयोजित किया।
- संरचना अस्थिर थी लेकिन एक नया विचार पेश किया।
- सुसुमु कितागावा
- दिखाया कि गैसें संरचनाओं के अंदर और बाहर प्रवाहित हो सकती हैं।
- MOFs को लचीला बनाने की भविष्यवाणी की।
- उमर एम. याघी
- बहुत ही स्थिर MOF विकसित किया।
- तर्कसंगत डिज़ाइन के माध्यम से MOF में नए गुण जोड़े।
महत्व:
- MOFs रासायनिक उद्योग, पर्यावरणीय संरक्षण और जल प्रबंधन में नई क्रांति ला सकते हैं।