New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

एंटी-आर्मर लोइटर एम्युनिशन

चर्चा में क्यों

हाल ही में, भारत ने लद्दाख के नुब्रा घाटी क्षेत्र में 'मेड इन इंडिया' अभियान के तहत नव विकसित तीन लोइटरिंग म्युनिशन (LM0, LM1 और Hexacopter) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 

वर्तमान प्रस्ताव 

  • सेना ने कनस्तर से दागे जाने वाले एंटी-आर्मर लोइटर एम्युनिशन (Canister Launched Anti-Armour Loiter Ammunition : CALM) के लिये एक सूचना अनुरोध (Request for Information : RFI) जारी किया है।
  • आर.एफ.आई. के अनुसार, मैदानी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में यह प्रणाली 0 0C से 45 0C तापमान के बीच काम करने में सक्षम होनी चाहिये, जबकि अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में यह -15 0C से -40 0C के बीच कार्यक्षम होनी चाहिये।
  • इसका प्रयोग मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री इकाइयों द्वारा दिन व रात्रि में वास्तविक समय में दृष्टि से परे लक्ष्यों, दृश्य सीमा से परे बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों और अन्य स्थल आधारित हथियार प्लेटफार्मों की निगरानी के लिये किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • लोइटरिंग म्युनिशन हथियार प्रणालियों की एक श्रेणी है, जिसका मुख्य तत्व वारहेड युक्त एक मानव रहित प्लेटफार्म है। सरल शब्दों में, ये सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और ड्रोन का संयोजन है।
  • सी.ए.एल.एम. प्रणाली लोइटर एम्युनिशन या ड्रोन से युक्त एक प्री-लोडेड कनस्तर है, जिसे एक बार दागने के बाद संचालन वाले क्षेत्र (Area of Operation) में कुछ समय के लिये हवा में रखा जा सकता है और लक्ष्य के दिखाई देने पर उसे नष्ट करने के लिये निर्देशित किया जा सकता है।
  • प्राय: लोइटर एम्युनिशन में एक कैमरा लगा होता है जिसका उपयोग ऑपरेटर द्वारा संचालन वाले क्षेत्र में देखने और लक्ष्य को चुनने के लिये किया जा सकता है।
  • इन म्युनिशन के भी विभिन्न रूप हैं जिन्हें किसी लक्ष्य पर लक्षित न किये जाने की स्थिति में पुन: प्राप्त और पुन: उपयोग किया जा सकता है।

प्रयोग 

  • भारतीय सेना द्वारा इसका प्रयोग देश के मैदानी और पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तरी सीमा पर लद्दाख में ऊंचाई वाले स्थानों पर किया जा सकता है। 
  • वर्ष 2021 में अज़रबैजान की सेनाओं ने इजराइल से प्राप्त इस प्रणाली का प्रयोग आर्मेनिया-अज़रबैजान संघर्ष में बहुत प्रभावी ढंग किया गया था।
  • ऐसा माना जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में इस प्रणाली का व्यापक स्तर पर प्रयोग किया जा रहा है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR