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एंटीमैटर (Antimatter)

  • क्या हो अगर कोई ऐसी चीज हो, जो हमारे सामने मौजूद हर चीज़ की विपरीत हो? 
  • एंटीमैटर (Antimatter) ऐसा ही एक पदार्थ है, जो सामान्य पदार्थ (Matter) का उल्टा संस्करण होता है। 
  • अगर यह सामान्य पदार्थ से टकरा जाएं, तो पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं और शुद्ध ऊर्जा में बदल जाते हैं।
  • यह विज्ञान के सबसे रोमांचक और रहस्यमयी विषयों में से एक है।

एंटीमैटर क्या है?

सामान्य पदार्थ में जिन कणों (Particles) का निर्माण होता है, एंटीमैटर में उन्हीं कणों के उल्टे चार्ज (Opposite Charge) वाले संस्करण होते हैं।

  • इलेक्ट्रॉन (-ve charge) का एंटीमैटर पार्टिकल पॉज़िट्रॉन (+ve charge) होता है।
  • प्रोटॉन (+ve charge) का एंटीमैटर पार्टिकल एंटीप्रोटॉन (-ve charge) होता है।
  • न्यूट्रॉन (Neutral charge) का एंटीमैटर पार्टिकल एंटीन्यूट्रॉन होता है।
  • जब कोई एंटीमैटर और पदार्थ एक-दूसरे से टकराते हैं, तो वे 100% ऊर्जा में बदल जाते हैं। 
  • इसे ऐनिहिलेशन (Annihilation) कहा जाता है।

एंटीमैटर की खोज कैसे हुई?

  • वर्ष -1928 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक पॉल डायरेक (Paul Dirac) ने अपने गणितीय सिद्धांतों के आधार पर एंटीमैटर की भविष्यवाणी की। 
  • कुछ साल बाद, 1932 में कार्ल एंडरसन (Carl Anderson) ने पॉज़िट्रॉन (एंटी-इलेक्ट्रॉन) की खोज की, जिससे एंटीमैटर के अस्तित्व की पुष्टि हुई। 
  • इसके बाद 1955 में एंटीप्रोटॉन और 1956 में एंटीन्यूट्रॉन की खोज हुई।

एंटीमैटर के उपयोग और संभावनाएं

  • चिकित्सा (Medical Use)PET Scan (Positron Emission Tomography) में एंटीमैटर का उपयोग किया जाता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाया जाता है।
  • ऊर्जा स्रोत (Energy Source) – ऐनिहिलेशन से प्राप्त ऊर्जा परमाणु ऊर्जा से भी अधिक शक्तिशाली होती है, जो भविष्य में असीमित ऊर्जा उत्पादन का साधन बन सकती है।
  • अंतरिक्ष यात्रा (Space Travel) – एंटीमैटर से चलने वाले रॉकेट प्रकाश की गति के करीब पहुंच सकते हैं, जिससे मंगल और अन्य ग्रहों की यात्रा संभव हो सकती है।
  • ब्रह्मांड की उत्पत्ति (Origin of Universe) – वैज्ञानिक एंटीमैटर का अध्ययन करके यह समझना चाहते हैं कि ब्रह्मांड की रचना कैसे हुई और डार्क मैटर (Dark Matter) के रहस्य को सुलझाने में मदद मिल सकती है।

एंटीमैटर का निर्माण और भंडारण

  • CERN (यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च) और FermiLab जैसे वैज्ञानिक संगठन प्रयोगशालाओं में एंटीमैटर बना रहे हैं।
  • 1 ग्राम एंटीमैटर बनाने की लागत अरबों डॉलर में आती है, जिससे यह दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ बन गया है।
  • एंटीमैटर को विद्युत चुम्बकीय ट्रैप (Electromagnetic Trap) में रखा जाता है, क्योंकि अगर यह किसी भी सामान्य पदार्थ से टकरा जाए, तो तुरंत ऐनिहिलेट होकर नष्ट हो सकता है।

एंटीमैटर और भविष्य की संभावनाएं

  • भविष्य की ऊर्जा क्रांति – अगर एंटीमैटर को सुरक्षित तरीके से संग्रहीत किया जा सके, तो यह असीमित और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
  • अंतरिक्ष अन्वेषण – एंटीमैटर से चलने वाले रॉकेट हमें दूसरे सौरमंडलों तक पहुंचा सकते हैं।
  • ब्रह्मांड के रहस्य – एंटीमैटर की स्टडी हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि डार्क मैटर और डार्क एनर्जी कैसे काम करते हैं।
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