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लद्दाख के श्योक गांव में बनेगा पहला वनस्पति उद्यान

चर्चा में क्यों ?

  • पूर्वी लद्दाख के श्योक गाँव में, गलवान घाटी के रास्ते पर स्थित सामुदायिक भूमि को लद्दाख के पारिस्थितिक और जैव विविधता की धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से वनस्पति उद्यान (Botanical Garden) में परिवर्तित किया जा रहा है।
  • यह परियोजना लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का पहला वनस्पति उद्यान बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वनस्पति उद्यान:

  • वनस्पति उद्यान संरक्षित स्थान होते हैं जहाँ विभिन्न प्रकार के पौधों, वृक्षों, झाड़ियों, औषधीय जड़ी-बूटियों और फूलों को वैज्ञानिक ढंग से एकत्र, संरक्षित, वर्गीकृत और प्रदर्शित किया जाता है। 
  • इन उद्यानों का उद्देश्य केवल सजावट नहीं होता, बल्कि यह शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक, पारिस्थितिकीय और संरक्षणात्मक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।

परियोजना का मुख्य उद्देश्य

  • श्योक गाँव की बंजर सामुदायिक भूमि का पर्यावरणीय पुनर्संरचना के माध्यम से हरित क्षेत्र में रूपांतरण करना।
  • लद्दाख में पाए जाने वाले स्थानीय फल, औषधीय पौधे, दुर्लभ वनस्पतियाँ एवं चट्टानों की प्रजातियों का संरक्षण और प्रदर्शन करना।
  • इस क्षेत्र को एक पर्यावरण-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना।

प्रमुख विशेषताएँ

  • स्थान: श्योक गाँव, पूर्वी लद्दाख गलवान घाटी के मार्ग पर स्थित, जो भविष्य में युद्ध क्षेत्र पर्यटन के लिए प्रस्तावित है।
  • क्षेत्रफल: कुल 10 हेक्टेयर सामुदायिक बंजर भूमि को वनस्पति उद्यान में रूपांतरित किया जा रहा है।
  • प्राकृतिक संग्रह:
    • लद्दाख के परंपरागत फलदार वृक्ष — सेब, खुबानी आदि।
    • ऊँचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों की विशिष्ट वनस्पतियाँ।
    • औषधीय पौधों की स्थानीय प्रजातियाँ।
    • लद्दाख की चट्टानों की विविध किस्में।
  • पर्यटन की संभावनाएँ: परियोजना गलवान घाटी मार्ग पर स्थित है, जिसे "वार ज़ोन टूरिज़्म" के तहत विकसित करने की योजना है, जिससे वनस्पति उद्यान एक प्रमुख पर्यावरणीय व सांस्कृतिक आकर्षण बन सकता है।
  • विकास योजना: यह परियोजना वर्ष 2029 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखती है।
  • सहयोगी पहल: यह परियोजना "गो ग्रीन गो ऑर्गेनिक" अभियान का हिस्सा है, जो लद्दाख में जैविक और हरित जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।

परियोजना के संभावित लाभ

  • पर्यावरणीय लाभ
    • स्थानीय और उच्च हिमालयी वनस्पति तथा औषधीय पौधों का संरक्षण।
    • मिट्टी की उर्वरता और जैव विविधता में वृद्धि।
  • आर्थिक लाभ
    • ईको-टूरिज्म और युद्ध क्षेत्र पर्यटन के माध्यम से स्थानीय आय में वृद्धि।
    • स्थानीय लोगों को कृषि, उद्यानिकी व पर्यटन संबंधित स्वरोजगार के अवसर।
  • सामाजिक लाभ
    • गाँववासियों की सक्रिय भागीदारी और सामुदायिक स्वामित्व की भावना को बल।
    • युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार व प्रशिक्षण के अवसर।
  • शैक्षिक एवं शोध संबंधी लाभ
    • छात्रों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए वनस्पति अध्ययन केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
    • लद्दाख क्षेत्र की दुर्लभ वनस्पतियों व पर्यावरणीय विशेषताओं पर शोध को प्रोत्साहन।

प्रश्न. लद्दाख के किस गाँव में पहला वनस्पति उद्यान विकसित किया जा रहा है ?

(a) न्योमा

(b) हनले

(c) श्योक

(d) तुरतुक

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