चर्चा में क्यों ?
- ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित 64वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी (National Exhibition of Art - NEA) का उद्घाटन 5 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली के रवींद्र भवन में एक भव्य समारोह में हुआ।
- यह कार्यक्रम इसलिए ऐतिहासिक बन गया क्योंकि पहली बार पुरस्कार विजेता कलाकृतियों को बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है, जिससे कलाकारों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलेगा और कला-संग्रहण की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

कलाकारों के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल
- ललित कला अकादमी की इस पहल का उद्देश्य भारतीय कलाकारों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी रचनात्मकता को व्यावसायिक अवसरों से जोड़ना है।
- यह निर्णय भारत सरकार के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन के अनुरूप है, जो देशभर में छिपी कलात्मक प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें समर्थन देने की दिशा में कार्यरत है।
- इस उद्घाटन समारोह में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
सम्मान और पुरस्कार
- इस अवसर पर 20 कलाकारों को ललित कला अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया।
- साथ ही तीन वरिष्ठ कलाकारों – श्री कृष्ण खन्ना, श्री राम वी. सुतार और श्रीमती इरा चौधरी को भारतीय कला में आजीवन योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
प्रकाशनों का विमोचन
समारोह में दो प्रमुख प्रकाशनों का लोकार्पण हुआ:
- 64वीं एनईए प्रदर्शनी सूची – जिसमें भाग लेने वाली विशिष्ट कलाकृतियों और कलाकारों का विवरण है।
- "प्रिंटमेकर फॉर ऑल सीजन्स" – पद्मश्री श्याम शर्मा के जीवन और योगदान पर आधारित एक विशेष पुस्तक।
ललित कला अकादमी: एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक स्तंभ
ललित कला अकादमी की स्थापना 1954 में भारत सरकार द्वारा एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी।
- यह भारतीय पारंपरिक, आधुनिक और समकालीन कला को संरक्षण और प्रोत्साहन देने वाला एक केंद्रीय संस्थान है।
- भारतीय सौंदर्यबोध, विविधता और रचनात्मकता को समर्पित यह संस्था देशभर के कलाकारों को एक साझा मंच देती है।
प्रश्न :-64वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि कौन थे ?
(a) अर्जुन राम मेघवाल
(b) गजेंद्र सिंह शेखावत
(c) गिरिराज सिंह
(d) किरेन रिजिजू
|