New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

पांचों राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में देश के पांच राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्तियां की गई हैं।

governors

नए राज्यपाल

  • मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया राज्यपाल बनाया गया है.
  • मणिपुर के लिए पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
  • बिहार के वर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल का नया राज्यपाल बनाया गया है.  
  • केरल के वर्तमान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
  • पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रहे वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया है

राज्यपाल 

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153, के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए, एक राज्यपाल होगा।
    • इस अनुच्छेद की कोई भी बात एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त किये जाने से नहीं रोकेगी।
  • संविधान के अनुच्छेद 155, के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
  • अनुच्छेद 156, के अनुसार राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त पद धारण करेगा।
  • राज्यपाल, राष्ट्रपति को सम्बोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा, अपना पद त्याग सकेगा।
  • अनुच्छेद 157, के अनुसार, कोई व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त होने का पात्र तभी होगा जब वह भारत का नागरिक हो, और 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है।
  • राज्यपाल पद के लिए शर्तें (अनुच्छेद 158)-
    • राज्यपाल संसद के किसी सदन का या पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी राज्य के विधान-मण्डल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा। 
    • यदि संसद के किसी सदन का या ऐसे किसी राज्य के विधान-मण्डल के किसी सदन का कोई सदस्य राज्यपाल नियुक्त हो जाता है, तो यह समझा जाएगा, कि उसने उस सदन में अपना स्थान राज्यपाल के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
    • राज्यपाल, अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा।
    • राज्यपाल, ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों को , जो संसद, विधि द्वारा निर्धारित करे, प्राप्त करेगा।
    • यदि एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, तो उस राज्यपाल को संदेय उपलब्धियाँ और भत्ते उन राज्यों के बीच ऐसे अनुपात में दिये जायेंगे, जो राष्ट्रपति अपने आदेश द्वारा निर्धारित करे।
    • राज्यपाल की उपलब्धियाँ और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जायेंगे।

राज्यपाल की शक्तियां एवं कार्य

  • संविधान के अनुच्छेद 154 के अनुसार, राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होगी 
    • वह इसका प्रयोग इस संविधान के प्रावधानों के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा। 
  • अनुच्छेद 161, किसी राज्य के राज्यपाल को उस विषय संबंधी, जिस विषय पर उस राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है -
    • किसी अपराध के लिए दोषी ठहराये गये, व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलम्बन, विराम या परिहार करने की अथवा दंडादेश के निलम्बन, परिहार या लघुकरण की शक्ति प्रदान करता है।
  • अनुच्छेद 163, के अनुसार, जिन बातों में इस संविधान द्वारा या इसके अधीन राज्यपाल से यह अपेक्षित है, कि वह अपने कृत्यों या उनमें से किसी को अपने विवेकानुसार करे
    • उन बातों को छोड़कर राज्यपाल को अपने कृत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान, मुख्यमंत्री होगा।
    • इस प्रश्न की किसी न्यायालय में जांच नहीं की जाएगी, कि क्या मंत्रियों ने राज्यपाल को कोई सलाह दी, और यदि दी तो क्या सलाह दी।
  • अनुच्छेद 164, के अंतर्गत, राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
  • अनुच्छेद 166, के अनुसार, किसी राज्य सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राज्यपाल के नाम से की जाएगी।
  • अनुच्छेद 167, के अनुसार प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य होगा, कि वह राज्य के कार्यों के प्रशासन सम्बन्धी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं सम्बन्धी मंत्रिपरिषद् के सभी विनिश्चय राज्यपाल को संसूचित करे।
  • अनुच्छेद 174, के अनुसार राज्यपाल, समय-समय पर, राज्य के विधान मंडल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा
    • राज्यपाल, समय-समय पर, किसी सदन का सत्रावसान कर सकेगा या विधान सभा का विघटन कर सकेगा।
  • अनुच्छेद 188, के अनुसार, राज्य की विधान सभा या विधान परिषद का प्रत्येक सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने से पहले, राज्यपाल या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति के समक्ष, शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा, और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा।
  • अनुच्छेद 200, के अनुसार, जब कोई विधेयक राज्य की विधान सभा द्वारा या विधान परिषद वाले राज्य में विधान-मण्डल के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया गया है, तब वह राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा 
    • राज्यपाल घोषित करेगा, कि वह विधेयक पर अनुमति देता है, या अनुमति रोक लेता है, अथवा वह विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखता है।
  • अनुच्छेद 213, के अंतर्गत, उस समय को छोड़कर जब किसी राज्य की विधान सभा सत्र में है, या विधान परिषद वाले राज्य में विधान-मण्डल के दोनों सदन सत्र में हैं
    • यदि किसी समय राज्यपाल को यह समाधान हो जाता है, कि ऐसी परिस्थितियाँ विद्यमान हैं, जिनके कारण तुरन्त कार्यवाही करना उसके लिए आवश्यक हो गया है, तो वह ऐसे अध्यादेश जारी कर सकेगा, जो उसे उन परिस्थितियों में अपेक्षित प्रतीत हों।

प्रश्न  - हाल ही में किसे मिजोरम का नया राज्यपाल बनाया गया है?

(a) हरि बाबू कंभमपति 

(b) अजय कुमार भल्ला 

(c) राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 

(d) वीके सिंह

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR