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असम: पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य में “पार्थेनियम मुक्त अभियान”

चर्चा में क्यों ?

  • असम के पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य में तीन दिवसीय विशेष सफाई अभियान “पार्थेनियम फ्री पोबितोरा” शुरू किया गया है।
  • अभियान का उद्देश्य अभयारण्य की पारिस्थितिकी से आक्रामक खरपतवार को समाप्त कर जैव विविधता की रक्षा करना और भारतीय एक सींग वाले गैंडे सहित सभी वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना था।

पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस का परिचय

  • इसे भारत में गाजर घास, सफेद शीर्ष या कांग्रेस घास के नाम से जाना जाता है, यह एक अत्यंत आक्रामक, जहरीला और एलर्जी पैदा करने वाला खरपतवार है। 
  • यह एस्टेरेसी परिवार का सदस्य है और शाकीय, सीधा तथा वार्षिक पौधा है। 
  • इसकी उत्पत्ति मैक्सिको, अमेरिका, त्रिनिदाद और अर्जेंटीना से मानी जाती है। 
  • भारत में इसका पहला प्रवेश 1955 में पुणे (महाराष्ट्र) में दर्ज हुआ, जिसके बाद यह पूरे देश में तेजी से फैल गया और आज लगभग 3.5 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर इसका कब्जा है। 
  • यह मुख्यतः बीजों के माध्यम से फैलता है और एक पौधा 5,000 से 25,000 तक हल्के व छोटे बीज पैदा करता है, जो हवा और पानी के जरिए दूर-दूर तक पहुंच जाते हैं।

हानिकारक प्रभाव

  • पार्थेनियम मानव, पशुधन और पर्यावरण तीनों के लिए गंभीर खतरा है।
  • यह मानव में त्वचाशोथ, अस्थमा, नाक-त्वचीय और नाक-ब्रोंकियल रोग उत्पन्न करता है, यह पशुधन के लिए यह विषैला है और उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। 
  • पर्यावरण में यह कृषि भूमि, बाग-बगीचों और वनों पर आक्रमण कर फसलों की उत्पादकता घटाता है। 
  • इसके अलावा यह सड़क, रेलवे ट्रैक, औद्योगिक क्षेत्र, बंजर भूमि, सिंचाई नहर और जल निकासी प्रणालियों को बाधित करता है तथा पार्क, उद्यान और आवासीय क्षेत्रों की सुंदरता कम कर देता है।

 पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य

  • पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य असम के गुवाहाटी शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसकी स्थापना 1998 में हुई थी।
  • 48.81 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र राजामायोंग रिजर्व वन और पोबितोरा रिजर्व वन को सम्मिलित करता है।
  • इसकी लगभग 72% भूमि गीले सवाना से ढकी है, जिसमें अरुंडो डोनैक्स, एरियनथस रेवेना, फ्राग्माइट्स कार्का, इम्पेराटा सिलिंड्रिका और सैकरम  जैसी घासें पाई जाती हैं। 
  • जलकुंभी यहाँ की प्रमुख समस्या है, जो पानी की सतह पर मोटी परत बना कर जलपक्षियों के लिए खतरा पैदा करती है।
  • जीव-जंतु
    • यह अभयारण्य भारतीय एक सींग वाले गैंडे के उच्चतम घनत्व के लिए प्रसिद्ध है। 
    • इसके अलावा यहाँ तेंदुआ, जंगली सूअर, भौंकने वाला हिरण और जंगली भैंसा जैसे स्तनधारी पाए जाते हैं।
    • पोबितोरा 2000 से अधिक प्रवासी पक्षियों का भी आवास है, साथ ही कई प्रकार के सरीसृप भी यहाँ पाए जाते हैं।

प्रश्न. पार्थेनियम मुक्त अभियान किस वन्यजीव अभ्यारण्य में चलाया गया है ?

(a) कान्हा वन्यजीव अभयारण्य

(b) पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य

(c) सुंदरबन वन्यजीव अभयारण्य

(d) रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य

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