New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

बालीयात्रा

(प्रारंभिक परीक्षा : भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)
 (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू)

चर्चा में क्यों

हाल ही में, जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया के बाली में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालीयात्रा का उल्लेख किया।

Bali-Yatra

प्रमुख बिंदु

  • इसका आयोजन प्रतिवर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा को कटक में महानदी के तट पर किया जाता है। यह भारत और इंडोनेशिया के बीच प्राचीन व्यापार संबंधों का प्रतीक है।
  • इस उत्सव के दौरान केले के तने, कागज या थर्मोकोल से बनी सजावटी लघु नावों का निर्माण किया जाता है। 
  • गौरतलब है कि इन नावों को स्थानीय रूप से बोइता (Boita) के नाम से जाना जाता था। इसलिए इस उत्सव को बोइता बंदना भी कहा जाता है।
  • यह उत्सव कटक जिला प्रशासन और कटक नगर निगम द्वारा कई अन्य सरकारी एजेंसियों के सहयोग से नौ दिनों के लिये आयोजित किया जाता है।
  • इस वर्ष की बालीयात्रा को सुंदर कागज की मूर्तियों के निर्माण के लिये ओरिगेमी की प्रभावशाली उपलब्धि हासिल करने के कारण गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान दिया गया है।
    • ओरिगेमी (Origami) कागज़ को मोड़कर बनाई जाने वाली मूलत: जापान की एक कला है।  

ऐतिहासिक महत्व

  • बालीयात्रा या बाली की यात्रा (Voyage to Bali) देश के सबसे बड़े ओपन-एयर मेलों में से एक है। यह उत्सव 1,000 से अधिक वर्षों भी पुराना है।
  • प्रत्येक वर्ष इसका आयोजन प्राचीन कलिंग (वर्तमान ओडिशा) और बाली के साथ-साथ जावा, सुमात्रा, बोर्नियो, बर्मा (म्यांमार) व सीलोन (श्रीलंका) जैसे अन्य दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्रों के मध्य 2,000 वर्ष पुराने सामुद्रिक व सांस्कृतिक संबंधों को स्मरण करने के लिये किया जाता है।
  • विदित है कि प्राचीन काल में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में कई बंदरगाह थे और यहाँ से व्यापारियों ने पारंपरिक रूप से इसी समय समुद्र पार करके अपनी यात्राओं को शुरू किया था। ये यात्राएं उस समय शुरू की गई जब पवनें नावों के अनुकूल होती थीं। 
  • इतिहासकारों के अनुसार, कलिंग और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच व्यापार की लोकप्रिय वस्तुओं में काली मिर्च, दालचीनी, इलायची, रेशम, कपूर, सोना और आभूषण शामिल थे।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X