भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदि वाणी (Adi Vaani) का बीटा संस्करण लॉन्च किया है।
यह भारत का पहला एआई-संचालित जनजातीय भाषाओं का अनुवादक है।
यह पहल न केवल संकटग्रस्त जनजातीय बोलियों के संरक्षण के लिए अहम है, बल्कि शिक्षा, शासन और सेवाओं तक समावेशी डिजिटल पहुँच सुनिश्चित करने में भी मील का पत्थर साबित होगी।
भारत की जनजातीय भाषा विविधता का संरक्षण
भारत में 461 जनजातीय भाषाएं और 71 विशिष्ट मातृभाषाएं बोली जाती हैं।
इनमें से बड़ी संख्या लुप्त होने के खतरे में है:
81 भाषाएं असुरक्षित
42 भाषाएं गंभीर रूप से संकटग्रस्त
आदि वाणी इन भाषाओं का दस्तावेजीकरण, अनुवाद और शिक्षण संभव बनाकर भाषाई क्षरण को रोकने का डिजिटल मंच प्रदान करता है।
यह परियोजना जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत विकसित की गई है और भारत की सांस्कृतिक समानता और डिजिटल सशक्तिकरण को सुदृढ़ करती है।
आदि वाणी कैसे काम करता है ?
तकनीकी आधार
उन्नत एआई भाषा मॉडल:IndicTrans2 और No Language Left Behind (NLLB)
विकास में भागीदारी:
आईआईटी दिल्ली (नेतृत्व)
बीट्स पिलानी, आईआईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी नवा रायपुर
पाँच राज्यों के जनजातीय शोध संस्थान (TRIs)
मुख्य उपकरण और सुविधाएं
टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट और स्पीच-टू-स्पीच अनुवाद
टेक्स्ट-टू-स्पीच और स्पीच-टू-टेक्स्ट सुविधाएं
ओसीआर (Optical Character Recognition) द्वारा पारंपरिक पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण
द्विभाषी शब्दकोश और सांस्कृतिक भंडार
सबटाइटलयुक्त सामग्री: भाषणों और जनसंदेशों के लिए
इन सुविधाओं से इंटरएक्टिव लर्निंग, लोककथाओं का डिजिटल संरक्षण और रियल-टाइम भाषा अनुवाद संभव होता है।
बीटा चरण में शामिल भाषाएं
संताली (ओडिशा)
भीली (मध्य प्रदेश)
मुंडारी (झारखंड)
गोंडी (छत्तीसगढ़)
भविष्य में कुई और गारो जैसी भाषाओं को भी जोड़ा जाएगा।
समावेशिता और सशक्तिकरण
आदि वाणी का विकास जनजातीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी से हुआ।
उन्होंने डेटा संग्रह, भाषा सत्यापन और परीक्षण में सहयोग दिया।
इससे उपकरण सांस्कृतिक रूप से सटीक और भाषाई बारीकियों का सम्मान करने वाला बना।
प्रभाव क्षेत्र
शिक्षा और डिजिटल साक्षरता
स्वास्थ्य संचार, जैसे सिकल सेल एनीमिया पर स्वास्थ्य सलाह
सरकारी योजनाओं की जागरूकता
नागरिक समावेशन और सेवाओं की डिलीवरी
डिजिटल समावेशन की ओर भारत
आदि वाणी पहल का संबंध राष्ट्रीय अभियानों से है:
डिजिटल इंडिया
एक भारत श्रेष्ठ भारत
पीएम जनमन
यह पहल भारत की भाषाई धरोहर को सुरक्षित करने के साथ-साथ सामाजिक प्रभाव हेतु एआई उपयोग में वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत को स्थापित करती है।
विविधता, समानता और सहभागी शासन जैसे संवैधानिक मूल्यों को सशक्त करते हुए हाशिये पर खड़े समुदायों की आवाज़ को मुख्यधारा में लाना इसका प्रमुख उद्देश्य है।
प्रश्न. भारत सरकार के किस मंत्रालय ने आदि वाणी का बीटा संस्करण लॉन्च किया है ?