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बिहार का चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च

संदर्भ- 

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 अक्टूबर,2023 को पटना में बिहार का चौथा कृषि रोड मैप (2023-2028) लॉन्च किया।

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मुख्य बिंदु-

  • राष्ट्रपति बनने के बाद मुर्मू का यह पहला बिहार दौरा था।
  • 2028 तक चलने वाले चौथे कृषि रोडमैप के लॉन्च के मौके पर राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मौजूद थे।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि रोडमैप मेगा फूड पार्क और निर्यात बुनियादी ढांचे का प्रावधान करता है।

कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था का आधार-

  • इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि बिहार की लोक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 
  • यह बिहार की अर्थव्यवस्था का आधार है।
  • कृषि और संबद्ध क्षेत्र न केवल राज्य के लगभग आधे कार्यबल को रोजगार देते हैं बल्कि राज्य की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 
  • इसलिए कृषि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है। 
  • बिहार सरकार वर्ष,2008 से कृषि रोड मैप लागू कर रही है। 
  • पिछले तीन कृषि रोड मैप के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप राज्य में धान, गेहूं और मक्का की उत्पादकता लगभग दोगुना बढ़ गई है। 
  • मशरूम, शहद, मखाना और मछली के उत्पादन में भी बिहार अग्रणी राज्य बन गया है। 
  • चौथे कृषि रोड मैप का शुभारंभ इस प्रयास को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • बिहार के किसान खेती में निरंतर नए प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं, यही कारण है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री (अमर्त्य सेन) ने नालंदा के किसानों को 'वैज्ञानिकों से भी महान' कहा था। 
  • आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने के बावजूद बिहार के किसानों ने कृषि के पारंपरिक तरीकों और अनाज की किस्मों को संरक्षित रखा है। 
  • राष्ट्रपति ने इसे आधुनिकता के साथ परंपरा के सामंजस्य का अच्छा उदाहरण बताया।

जैविक कृषि को बढ़ावा-

  • राष्ट्रपति ने बिहार के किसानों से जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग का लाभ उठाने को कहा। 
  • जैविक खेती कृषि की लागत कम करने और पर्यावरण संरक्षण में सहायक है। 
  • यह किसानों की आय बढ़ाने और लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में भी सक्षम है। 
  • बिहार सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंगा के किनारे के जिलों में एक जैविक गलियारा बनाया है।

जल संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी-

  • राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन संपूर्ण मानवता के अस्तित्व के लिए संकट है। लेकिन इनका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ता है। 
  • बिहार में हाल के वर्षों में बहुत कम वर्षा हुई है। 
  • बिहार जल-समृद्ध राज्य माना जाता है। नदियां और तालाब इस राज्य की पहचान रहे हैं। 
  • इस पहचान को कायम रखने के लिए जल संरक्षण पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। 
  • जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में जलवायु-लचीली कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। 
  • वर्तमान कृषि पद्धति में बदलाव लाकर जैव विविधता को बढ़ावा दिया जा सकता है, जल संसाधनों के दोहन को कम किया जा सकता है, मिट्टी की उर्वरता को संरक्षित किया जा सकता है और सबसे बढ़कर लोगों की थाली तक संतुलित भोजन पहुंचाया जा सकता है।
  • बिहार की प्रमुख फसल मक्का से इथेनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। यह देश की जीवाश्म ईंधन, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत के विकास में बिहार का योगदान-

  • राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत के सपने को पूरा करने में बिहार का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए हमें मानव निर्मित संकीर्णता से बाहर आना होगा। 
  • बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए समग्र विकास के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। 
  • नीति-निर्माताओं और बिहार के लोगों को राज्य की प्रगति के लिए एक रोडमैप तय करना होगा और उसका पालन करना होगा। 
  • बिहार में कृषि रोड मैप लागू हो रहा है। 
  • राष्ट्रपति ने कहा उन्हें तब ज्यादा खुशी होगी जब बिहार विकास के हर मानक पर रोड मैप बनाकर प्रगति की राह पर लगातार आगे बढ़ता दिखेगा- चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, प्रति व्यक्ति आय हो या हैप्पीनेस इंडेक्स हो।

चौथे कृषि रोड मैप (2023-2028) के बारे में-

  • सीएम नीतीश ने कहा, ''चौथे कृषि रोडमैप में कृषि और अन्य विभागों की 1.62 लाख करोड़ रुपये की लागत शामिल है। हमारे किसानों ने सब्जियों के उत्पादन में उच्च उत्पादकता दर्ज करने के अलावा आलू और चावल की खेती में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमने 9 लाख करोड़ एकड़ की पहचान की है, जो ज्यादातर उत्तरी बिहार में हैं, जहां साल में 8-9 महीने जल जमाव रहता है। हम इसे मछली और विशेष खेती के लिए विकसित कर रहे हैं। हम मछली उत्पादन में पहले ही आत्मनिर्भर हो चुके हैं।”
  • कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि इस पंचवर्षीय योजना के माध्यम से हम विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक और मिट्टी संबंधी खूबियों को ध्यान में रखते हुए कृषि को बढ़ावा देंगे। 
  • इस अनुमान से राज्य कम लागत वाली खेती सुनिश्चित करने और धान, गेहूं, मखाना तथा अन्य फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में सक्षम होगा। 
  • पंचायत स्तर पर छोटी भंडारण सुविधाएं स्थापित करने की योजना है, जो किसानों को आकर्षक मूल्य दिलाने में मदद करेगी और उन्हें परेशानी से बचाएगी। 
  • सरकार की हरी सब्जी उत्पादक क्षेत्रों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित करने की योजना है।
  • कम वर्षा वाले और शुष्क क्षेत्रों के लिए मोटे अनाज जैसे बाजरा के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ हैं, जिससे गया और मगध जैसे अन्य क्षेत्रों को मदद मिलेगी। 
  • इस कृषि रोडमैप के तहत कई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जायेंगे। 
  • गया में बाजरा उत्कृष्टता केंद्र बनेगा, जो वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देगा। 
  • पान, चाय और शहद के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने तथा राज्य के किसानों की आय बढ़ाने की भी योजना है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार किस स्थान पर बाजरा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी?

(a) सहरसा

(b) गया

(c) पटना

(d) मुगलसराय

उत्तर- (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- बिहार के चौथे कृषि रोड मैप में विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक और मिट्टी संबंधी खूबियों को ध्यान में रखते हुए कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा। विवेचना करें।

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