माइक्रोसॉफ्ट, राइस यूनिवर्सिटी (अमेरिका) और फ्री यूनिवर्सिटी (जर्मनी) ने BioEmu का विकास किया है।
क्या है BioEmu
BioEmu एआई-संचालित एक नया प्रोटीन मॉडलिंग टूल है। यह जैविक परिस्थितियों में प्रोटीन द्वारा ग्रहण किए जा सकने वाले आकार की गतिशील सीमा का अनुमान लगाता है, जिसे संतुलन समूह (Equilibrium Ensemble) कहा जाता है।
कार्यप्रणाली
- लाखों अल्फाफोल्ड-पूर्वानुमानित प्रोटीन संरचनाओं, 200 मिलीसेकंड के आणविक गतिकी (Molecular Dynamics) सिमुलेशन और स्थिरता प्रयोगों से प्राप्त 5 लाख उत्परिवर्ती अनुक्रमों का उपयोग करके प्रशिक्षित।
- यह शोर से कई प्रोटीन संरचनाएँ उत्पन्न करने के लिए विसरण मॉडल का उपयोग करता है।
BioEmu का महत्त्व
- अल्फाफोल्ड जैसे पारंपरिक ए.आई. उपकरण केवल स्थिर प्रोटीन संरचनाओं का अनुमान लगाते हैं जबकि BioEmu लचीले, गतिशील स्वरूपों को ग्रहण करता है।
- यह एंजाइम क्रिया, कोशिकीय संकेतन (Cellular Signalling) एवं औषधि बंधन पॉकेट (Drug Binding Pockets) समझने के लिए आवश्यक हैं।
- यह प्रोटीन की स्थिर त्रि-आयामी संरचनाओं के साथ ही वास्तविक समय गति (जिसे प्रोटीन गतिकी कहते हैं) का अनुकरण करता है।
- इसे आणविक गतिकी सिमुलेशन का उपयोग करके प्रशिक्षित किया गया है।
- यह समय के साथ प्रोटीन के मुड़ने, परस्पर क्रिया करने और कार्य करने का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है।
- यह पारंपरिक भौतिकी-आधारित सिमुलेशन की तुलना में बहुत तेज़ है।
- अधिकांश जैविक कार्य केवल संरचना पर ही नहीं, बल्कि प्रोटीन की गति पर भी निर्भर करते हैं। इसे समझने से निम्नलिखित में मदद मिलती है:
- रोग तंत्र (जैसे- कैंसर, तंत्रिका-अध:पतन) को समझने में
- प्रोटीन एवं दवा की परस्पर क्रियाओं का अनुकरण करके दवा की खोज में सुधार
- संश्लेषित जीव विज्ञान एवं टीका डिज़ाइन को बेहतर बनाने में मदद
पारंपरिक अल्फ़ाफोल्ड प्रणाली के साथ तुलना
विशेषताएँ
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अल्फ़ाफोल्ड
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BioEmu-AI
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भविष्यवाणी
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स्थिर 3D संरचना
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प्रोटीन गति (गतिशीलता)
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आधार
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डीप लर्निंग
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डीप लर्निंग + आणविक गतिकी
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जैविक प्रासंगिकता
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सीमित
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उच्च
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भारत के लिए प्रासंगिकता
- राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी नवाचार को समर्थन
- औषधि विकास एवं रोग अनुसंधान में तेजी लाना
- ए.आई.-संचालित चिकित्सा निदान एवं आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में उपयोग की संभावना