New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

ब्लू ब्लॉब

 (प्रारंभिक परीक्षा : जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे; मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 1 और 3 : भूगोल : अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) में परिवर्तन, पर्यावरण प्रभावों का आकलन)

चर्चा में क्यों

एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि ‘ब्लू ब्लॉब’ से आर्कटिक समुद्री बर्फ के पिघलने को अस्थायी रूप से रोकने में मदद मिल सकती है।

blue-blob

ब्लू ब्लॉब (Blue Blob)

  • यह आइसलैंड और ग्रीनलैंड के दक्षिण में स्थित एक ठंडा पैच है, जिसके बारे में केवल सीमित जानकारी उपलब्ध है। गौरतलब है कि वर्ष 2014-2015 की सर्दियों के दौरान इस ठंडे पैच के कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से लगभग 4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज़ किया गया।

आर्कटिक क्षेत्र के हिमनद 

  • कथित तौर पर आर्कटिक क्षेत्र वैश्विक औसत से चार गुना तेज़ी से गर्म हो रहा है तथा वर्ष 1995 से 2010 तक आइसलैंड के ग्लेशियर औसतन 11 बिलियन टन प्रति वर्ष की दर से पिघल रहे थे।
  • जबकि, वर्ष 2011 से आइसलैंड के पिघलने की दर धीमी हो गई है (वार्षिक दर, लगभग पाँच अरब टन)। लेकिन, अब तक विभिन्न कारणों से आइसलैंड के ग्लेशियर की लगभग आधी बर्फ पिघल चुकी है। यह प्रवृत्ति ग्रीनलैंड और स्वालबार्ड के आस-पास के बड़े ग्लेशियरों में नहीं देखी गई।

ब्लू ब्लॉब के संबंध में वैज्ञानिकों का मत

  • कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, ब्लू ब्लॉब के आसपास के शीतल जल का संबंध आइसलैंड के ग्लेशियरों पर चलने वाली निम्न तापमान की हवाओं से था। यह वर्ष 2011 के बाद से हिमनदों के पिघलने की धीमी गति के लिये भी उत्तरदायी है।
  • अन्य वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्लू ब्लॉब का संबंध आर्कटिक में सामान्य समुद्री सतह तापमान की परिवर्तनशीलता से है। विशेष रूप से जिन क्षेत्रों में समुद्र के तापमान में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि हुई थी, वहाँ वर्ष 2014-15 में अत्यधिक सर्द मौसम के कारण रिकॉर्ड शीतलन के द्वारा ठंडे गहरे जल के उत्प्रवाह (Upwelling) में वृद्धि हुई।

अटलांटिक वार्मिंग होल

  • ब्लू ब्लॉब से पूर्व, इसी क्षेत्र में दृष्टिगत एक दीर्घकालिक शीतलन की प्रवृत्ति को अटलांटिक वार्मिंग होल कहा जाता है। इसने पिछली शताब्दी के दौरान समुद्र की सतह के तापमान को लगभग 4 से 0.8 डिग्री सेल्सियस गिरा दिया है तथा यह भविष्य में भी इस क्षेत्र को ठंडा करना जारी रख सकता है।
  • वार्मिंग होल के लिये एक संभावित व्याख्या यह है कि जलवायु परिवर्तन ने अटलांटिक मेरिडियल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (एक महासागरीय धारा जो उष्णकटिबंध से आर्कटिक क्षेत्र तक गर्म जल को लाती है) को धीमा कर दिया है, जिससे इस क्षेत्र को प्राप्त होने वाली उष्मा की मात्रा घट गई है। इसके परिणाम स्वरूप यह क्षेत्र अपेक्षाकृत पहले से अधिक ठंडा हो गया है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR