New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

कावेरी-दक्षिण वेल्लार लिंक परियोजना

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम, अंतर्राज्यीय विवाद)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ)

संदर्भ 

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में निर्माणाधीन कावेरी-दक्षिण वेल्लार लिंक परियोजना से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय के अनुसार, अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी नहीं प्रदान की गई है, इसलिए इस याचिका का कोई औचित्य नहीं है।

कावेरी-दक्षिण वेल्लार लिंक परियोजना के बारे में

  • परिचय : इस परियोजना में अंतर-राज्यीय कावेरी नदी के जल को तमिलनाडु के वेल्लार क्षेत्र तक प्रवाहित किया जाएगा।
    •  565 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मेट्टूर बांध से बाढ़ के अधिशेष जल को सलेम जिले के सरबंगा बेसिन में सूखे टैंकों में मोड़ा जाएगा।
    • स्थानांतरित जल की यह मात्रा कर्नाटक के बिलिगुंडलू में अंतर-राज्यीय सीमा के पार उपलब्ध 483 टीएमसीएफटी (Tmcft) से अधिक होगा।
  • अनुमानित परियोजना व्यय : 7,677 करोड़ रुपए

संबंधित विवाद

तमिलनाडु राज्य की मांग

तमिलनाडु सरकार ने वर्ष 2021 में कावेरी-दक्षिण वेल्लार लिंक परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी देने और कावेरी-वैगई-गुंडर लिंक परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखा था।

कर्नाटक राज्य का मत

  • कर्नाटक सरकार के अनुसार इस परियोजना द्वारा कर्नाटक में कावेरी नदी के किनारे बसे निवासियों के अधिकारों व हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने फरवरी 2021 को संवैधानिक परंपराओं की अवहेलना करते हुए और संघीय सिद्धांतों के विरुद्ध जाकर इस परियोजना की आधारशिला रखी।
  • कर्नाटक ने तमिलनाडु पर कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के वर्ष 2007 में एक निर्णय और उसके बाद वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के बावजूद कावेरी के जल को गलत तरीके से प्रयोग करने का आरोप लगाया है।

परियोजना से संबंधित चिंताएँ 

  • पर्यावरणीय प्रभाव : कावेरी नदी के जल प्रवाह को मोड़ने से स्थानीय पारितंत्र एवं कृषि पद्धतियाँ प्रभावित हो सकती हैं।
  • राजनीतिक विवाद : यह परियोजना तमिलनाडु एवं कर्नाटक दोनों राज्यों में जनता की भावनाओं और चुनावी राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
  • सहकारी संघवाद का पतन : यह परियोजना दीर्घकाल के लिए कर्नाटक व तमिलनाडु के मध्य मुकदमेबाजी एवं कानूनी मतभेद उत्पन्न कर सकती है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR