New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

सी.बी.आई. एवं ई.डी. के निदेशकों के कार्यकाल में वृद्धि  

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, केंद्र सरकार ने दो अध्यादेश जारी कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशकों के कार्यकाल को 5 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

नवीन संशोधन

  • अध्यादेश के अनुसार, निदेशकों की नियुक्ति दो वर्ष के लिये की जाएगी तथा बाद में इनके कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिये, कुल तीन बार बढ़ाया जा सकेगा। परंतु किसी भी स्थिति में कार्यकाल 5 वर्ष से अधिक नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इनके निदेशकों का कार्यकाल 2 वर्ष होता है।
  • सी.बी.आई. निदेशक के कार्यकाल में परिवर्तन दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 में तथा ई.डी. निदेशक के कार्यकाल में परिवर्तन केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 में संशोधन करके किया गया है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)

  • सी.बी.आई. का गठन संथानम आयोग (1962) के सुझाव पर 1 अप्रैल, 1963 को सरकार के एक संकल्प द्वारा किया गया। इसे अपने दायित्वों के लिये शक्तियाँ दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से  प्राप्त होती हैं।
  • वर्तमान में यह कार्मिक, पेंशन एवं लोक शिकायत मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED)

  • प्रवर्तन निदेशालय को वर्ष 1956 में आर्थिक कार्य विभाग के अंतर्गत प्रवर्तन इकाई के रूप में गठित किया गया था। इसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम, 1947 के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों के उल्लंघन को रोकना था।
  • वर्ष 1957 में इसका नाम प्रवर्तन निदेशालय कर दिया गया। यह आर्थिक कानूनों को लागू करने एवं आर्थिक अपराध पर नियंत्रण के लिये प्रतिबद्ध है। 
  • वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय को वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग द्वारा प्रशासित किया जाता है। इसके निदेशक आई.आर.एस. अधिकारी होते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR