असम राज्य चिड़ियाघर एवं बॉटनिकल गार्डन की एक टीम ने हाल ही में असम में चेकर्ड कीलबैक (Checkered Keelback) में ऐल्बिनिज़म (Albinism) का पहला मामला दर्ज किया है।
ऐल्बिनिज़म वंशानुगत आनुवंशिक स्थितियों का एक समूह है जिसमें मेलेनिन वर्णक की आंशिक या पूर्ण कमी होती है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा, बाल व आंखें हल्के रंग की हो जाती हैं।
चेकर्ड कीलबैक के बारे में
चेकर्ड कीलबैक को एशियाई जल साँप (Asian Water Snake) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मध्यम आकार का विषहीन साँप है जो एशिया की मूल प्रजाति है।
इसका वैज्ञानिक नाम ‘फाउलिया पिस्केटर’ (Fowlea Piscator) है। यह प्राय: भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है जिसमें भारत, बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका शामिल हैं।
यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल सहित भारत के लगभग सभी भागों में पाया जाता है। इसके आवास में मीठे जल के आवास, जैसे- तालाब, दलदल व चावल के खेत शामिल हैं।
विशेषताएँ
इसका शरीर पतला एवं लंबा होता है जिससे यह फुर्तीला व तेज़ है। इसकी औसत लंबाई लगभग 3-4 फीट होती है तथा इसका वजन 200-500 ग्राम के बीच होता है।
इसका शरीर मोटा होता है और ऊपरी भाग पर कीलनुमा शल्कों से ढका होता है। इसका रंग जैतूनी-भूरा, जैतूनी-हरा या पीला होता है जो प्राय: काले धब्बे के साथ होता है।
कभी-कभी यह लाल रंग का भी होता है। इसका निचला भाग सफेद या हल्का पीला होता है। इसका सिर नुकीला व गर्दन से थोड़ा चौड़ा होता है। इसका आहार मुख्यतः मछली, मेंढक व छोटे सरीसृप हैं।
इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) संदर्भ सूची में संकटमुक्त (LC) के रूप में शामिल किया गया है।