New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)

  • परिचय: यह भारत की सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सैन्य पद है जो भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना का समग्र नेतृत्व करता है। यह एक चार-सितारा अधिकारी होता है, जो त्रि-सेवा एकीकरण और रणनीतिक सलाह के लिए जिम्मेदार है।
  • स्थापना: 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में CDS पद की घोषणा की जो औपचारिक रूप से 1 जनवरी, 2020 को अस्तित्व में आया।
  • उद्देश्य: तीनों सेनाओं के बीच समन्वय, संसाधनों का इष्टतम उपयोग और रक्षा नीतियों में एकरूपता लाना।
  • नेतृत्व : यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सैन्य मामलों के विभाग का नेतृत्व करता है।
  • वेतन और सुविधाएँ: CDS का वेतन और सुविधाएँ अन्य सेना प्रमुखों के समान हैं (कैबिनेट सचिव के स्तर पर)।
  • वरीयता क्रम : भारतीय वरीयता क्रम में 12वें स्थान पर है और यह सेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष व वायुसेना प्रमुख के समकक्ष है।

ऐतिहासिक संदर्भ

  • आज़ादी के बाद की स्थिति: स्वतंत्रता के समय, भारतीय सेना ब्रिटिश मॉडल पर आधारित थी जिसमें थल सेना, नौसेना और वायुसेना के अलग-अलग कमांडर-इन-चीफ थे। वर्ष 1948 में इन प्रमुखों का नाम बदलकर चीफ ऑफ स्टाफ किया गया।
  • कारगिल युद्ध और सुधार: वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद के. सुब्रह्मण्यम समिति ने तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की कमी को उजागर किया और CDS जैसे पद की सिफारिश की।
  • नरेश चंद्रा समिति (2012) : इसने स्थायी चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) के अध्यक्ष की नियुक्ति की सलाह दी, लेकिन राजनीतिक सहमति के अभाव में यह लागू नहीं हुआ।
  • डी.बी. शेखाटकर समिति (2016) : इस समिति ने भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद के लिए अपना संस्करण प्रस्तावित किया था।

इस पद की आवश्यकता

  • त्रि-सेवा समन्वय: CDS तीनों सेनाओं के बीच संचालन, प्रशिक्षण और खरीद में एकीकरण सुनिश्चित करता है।
  • रणनीतिक सलाह : यह रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री को त्रि-सेवा मामलों पर एकल बिंदु सलाह प्रदान करता है।
  • थिएटर कमांड: एकीकृत थिएटर कमांड (ITC) की स्थापना, जो क्षेत्रीय और कार्यात्मक आधार पर तीनों सेनाओं को एकीकृत करता है।
  • आत्मनिर्भरता : स्वदेशी हथियार प्रणालियों और रक्षा नवाचार को बढ़ावा देना।
  • वैश्विक चुनौतियाँ: साइबर युद्ध, अंतरिक्ष युद्ध और क्षेत्रीय तनाव (चीन और पाकिस्तान के साथ) से निपटने के लिए समन्वित रणनीति ।

रणनीतिक कारक

  • आधुनिक युद्ध की प्रकृति: आधुनिक युद्ध तीव्र, नेटवर्क-केंद्रित और बहु-क्षेत्रीय (Multi-Domain) है, जिसमें तीनों सेनाओं का समन्वय आवश्यक है।
  • संसाधन अनुकूलन : रक्षा बजट की सीमाओं के कारण संसाधनों का इष्टतम उपयोग और डुप्लीकेशन से बचना जरूरी है।
  • वैश्विक मॉडल: यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में CDS जैसे पद पहले से मौजूद हैं, जो भारत के लिए प्रेरणा बने।

अभी तक हुए CDS की सूची

जनरल बिपिन रावत (1 जनवरी, 2020 -8 दिसंबर, 2021)


  • प्रथम CDS
  • पूर्व थल सेना प्रमुख (2016-19)
  • उपलब्धियाँ थिएटर कमांड की नींव, स्वदेशीकरण पर ज़ोर
  • मृत्यु : 8 दिसंबर, 2021 हेलीकॉप्टर दुर्घटना, तमिलनाडु

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (30 सितंबर, 2022 वर्तमान) 

  • दूसरे CDS
  • सेवानिवृत्त थल सेना अधिकारी
  • उपलब्धियाँ थिएटर कमांड पर प्रगति, ऑपरेशन सिंदूर में समन्वय

CDS के चयन की प्रक्रिया

प्रारंभिक नियम (2019)

  • केवल तीनों सेनाओं के चार-सितारा प्रमुख (Chief of the Army Staff, Chief of the Naval Staff, Chief of the Air Staff) पात्र थे, जिन्होंने 3 साल का कार्यकाल या 62 वर्ष की आयु पूरी की हो।
  • CDS का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं, अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष।

संशोधित नियम (2022)

जून 2022 में रक्षा मंत्रालय ने नियमों में संशोधन किया जिसमें सक्रिय और सेवानिवृत्त चार-सितारा व तीन-सितारा (Lieutenant General, Vice Admiral, Air Marshal) अधिकारी पात्र बनाए गए, बशर्ते नियुक्ति के समय उनकी आयु 62 वर्ष से कम हो।

नियुक्ति

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet : ACC) द्वारा की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं।

चयन प्रक्रिया

  • रक्षा मंत्रालय (MoD) तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के रिज्यूम की समीक्षा करता है।
  • योग्यता और वरिष्ठता (Merit-cum-Seniority) के आधार पर चयन।
  • रोटेशनल आधार पर तीनों सेनाओं से चयन, ताकि किसी एक सेवा का वर्चस्व न हो।

विशेष नोट: प्रथम CDS जनरल बिपिन रावत की मृत्यु (2021) के बाद 9 महीने तक पद रिक्त रहा, जिसने स्थायी चयन नियमों की आवश्यकता को उजागर किया।

CDS के अधिकार

  • प्रमुख सैन्य सलाहकार रक्षा मंत्री को त्रि-सेवा मामलों पर सलाह देना।
  • DMA का सचिव सैन्य मामलों के विभाग का नेतृत्व, जो रक्षा मंत्रालय के पाँच विभागों में से एक है।
  • COSC का स्थायी अध्यक्ष चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी
  • (Chiefs of Staff Committee) का नेतृत्व, जो त्रि-सेवा समन्वय के लिए जिम्मेदार है।
  • परमाणु कमांड प्राधिकरण सैन्य सलाहकार के रूप में परमाणु नीति में भागीदारी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् का सदस्य रक्षा नीतियों और रणनीति पर सलाह।

CDS के उत्तरवायित्व

  • त्रि-सेवा एकीकरण संचालन, प्रशिक्षण और रसद में समन्वय।
  • संसाधन अनुकूलन खरीद, प्रशिक्षण और स्टाफिंग में डुप्लीकेशन कम करना।
  • संसद के प्रति जवाबदेही सैन्य मामलों पर संसद को जवाब देना।
  • राष्ट्रीय आपातकाल संकटकाल में त्वरित निर्णय लेना और संसाधन जुटाना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अन्य देशों के सैन्य बलों के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करना।
  • एकीकृत थिएटर कमांड की स्थापना।
  • रक्षा बजट का प्रभावी उपयोग।
  • साइबर रक्षा, अंतरिक्ष युद्ध और स्वदेशी हथियार प्रणालियों को बढ़ावा।

सीमाएँ

  • सैन्य कमांड : CDS के पास तीनों सेनाओं पर प्रत्यक्ष सैन्य कमांड नहीं है। यह सेवा प्रमुखों (Service Chiefs) के पास रहता है।
  • प्रशासनिक जटिलता: CDS को सैन्य और नौकरशाही भूमिकाओं को संतुलित करना पड़ता है जो चुनौतीपूर्ण है।

देश की सुरक्षा एवं रक्षा में CDS की भूमिका

  • एकीकृत रणनीति : CDS राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के विकासमें योगदान देता है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक खतरों से निपटने के लिए आवश्यक है।
    • उदाहरण : ऑपरेशन सिंदूर (2025) में CDS ने त्रि-सेवा समन्वय सुनिश्चित किया।
  • थिएटर कमांड : ITCs जैसे उत्तरी, पश्चिमी और समुद्री कमांड की स्थापना से युद्ध क्षमता बढ़ेगी।
  • सीमा विवाद: यह भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा विवादों में प्रभावी होगा।
  • आत्मनिर्भर भारत: स्वदेशी रक्षा प्रणालियों (जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस विमान) को बढ़ावा, आयात निर्भरता कम करना, विशेष रूप से रूस और यूक्रेन संकट के बाद।
  • साइबर और अंतरिक्ष युद्ध : साइबर कमांड और अंतरिक्ष कमांड की स्थापना में CDS की भूमिका ।
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया: सीमा पर तनाव (जैसे LAC पर चीन के साथ) या आतंकी हमलों (जैसे पहलगाम हमला, 2025) में त्वरित समन्वय।

वर्तमान परिदृश्य में CDS के समक्ष विद्यमान चुनौतियाँ

  • सुरक्षा और आतंकवाद: पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि, विशेषकर नियंत्रण रेखा (LoC) के पार।
  • सामरिक तैयारी : युद्ध की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया की आवश्यकता।
  • संयुक्त अभ्यास: त्रि-सेवा संयुक्त अभ्यास आयोजित करना, ताकि सभी बलों के बीच समन्वय और तत्परता बढ़े।
  • आर्थिक दबाव :युद्ध की स्थिति में आर्थिक संसाधनों की कमी व रक्षा बजट पर दबाव।
  • राजनयिक चुनौतियाँ: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करना एवं पाकिस्तान के खिलाफ समर्थन प्राप्त करना।
  • सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव: युद्ध के कारण नागरिकों में भय और तनाव का बढ़ना।

आगे की राह

  • वर्ष 2047 तक रक्षा सुधारों का वर्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'वर्ष 2025 को रक्षा सुधारों का वर्ष घोषित' किया।
  • साइबर और अंतरिक्ष कमांड की स्थापना।
  • स्वदेशी रक्षा प्रणालियों पर जोर।

निष्कर्ष

CDS भारत की रक्षा संरचना में एकीकरण, आधुनिकीकरण और रणनीतिक दूरदर्शिता का प्रतीक है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा, संसाधन अनुकूलन और वैश्विक सैन्य स्थिति को मजबूत करता है।

CDS की वर्दी पर प्रतीक चिह्न

वस्तु

छवि

विवरण

एपोलेट



भारतीय सशस्त्र बलों के अंतर-सेवा प्रतीक चिह्न के ऊपर भारत के राज्य प्रतीक के साथ जुड़ा मैरून रंग का कंधे का एपोलेट सोने की सजावट में एक ओक पुष्पांजलि से घिरा हुआ है।

सेवा कैप


नियुक्त व्यक्ति की मूल सेवा की शीर्ष टोपी एक अतिरिक्त मैरून बैंड के साथ अंतर-सेवा प्रतीक चिह्न जो ओक पुष्पमाला से घिरा हुआ है, सोने की सजावट में।

बेल्ट का बकल


अंतर-सेवा प्रतीक चिह्न के साथ डिजाइन किया गया चाँदी का बकल सोने की सजावट में एक ओक पुष्पमाला से घिरा हुआ है।

बटन


सुनहरे रंग का बटन केवल अंतर-सेवा प्रतीक चिह्न से सुसज्जित है।

अन्य देशों के साथ तुलना

यूनाइटेड किंगडम (CDS)

  • स्थापना: वर्ष 1959, भारत के CDS का मॉडल ।
  • भूमिका: सैन्य रणनीति, संचालन और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का नेतृत्व ।
  • अंतर : यू.के. का CDS प्रत्यक्ष सैन्य कमांड रखता है, जबकि भारत का CDS सलाहकार भूमिका में है।

संयुक्त राज्य अमेरिका (CJCS)

  • पद : चेयरमैन ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ।
  • भूमिका : राष्ट्रपति और रक्षा सचिव को सलाह, संयुक्त सैन्य रणनीति।
  • समानता: दोनों त्रि-सेवा समन्वय पर ध्यान देते हैं।
  • अंतर : CJCS के पास व्यापक सैन्य कमांड और वैश्विक प्रभाव।

ऑस्ट्रेलिया (CDF)

  • पद : चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स।
  • प्रणाली : डायर्की सिस्टम, जहाँ CDF और रक्षा सचिव संयुक्त रूप से नेतृत्व करते हैं।
  • समानता : थिएटर कमांड और संसाधन अनुकूलन पर जोर।।
  • अंतर : ऑस्ट्रेलिया में CDS की तुलना में अधिक प्रशासनिक शक्तियाँ।

पाकिस्तान (CJCSC)

  • पद: चेयरमैन ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी।
  • भूमिका: त्रि-सेवा समन्वय और परमाणु कमांड प्राधिकरण।।
  • अंतर : पाकिस्तान में CJCSC का प्रभाव सेना प्रमुख के मुकाबले कम है।

चीन (CMC)

  • पद: सेंट्रल मिलिट्री कमीशन त्रि-सेवा समन्वय करता है, लेकिन यह राजनीतिक नेतृत्व के अधीन होता है।
  • अंतर : भारत का CDS स्वायत्त सैन्य सलाहकार है, जबकि चीन में सैन्य नीति पर कम्युनिस्ट पार्टी का नियंत्रण ।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR