(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव) |
संदर्भ
सी.एस.आई.आर.-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (CSIR-NPL) ने 11 से 12 अगस्त, 2025 को ‘मापिकी 2025’ सम्मेलन का आयोजन किया।
मापिकी 2025 सम्मेलन के बारे में
- आयोजन : सी.एस.आई.आर.-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला द्वारा नई दिल्ली में
- सम्मेलन का विषय : सभी समय के लिए माप, सभी लोगों के लिए मापन
- सम्मेलन में शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों और पी.एच.डी. छात्रों ने माप और मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में किए गए शोध को प्रस्तुत किया।
- इसके अलावा CSIR-NPL ने उद्योग जगत के लिए धातु/पॉलिमर लैमिनेट-आधारित एम.एल.पी. पुनर्चक्रण तकनीक का भी प्रदर्शन किया।
उद्देश्य
- देश में मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी की श्रृंखला को मजबूत करना
- मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में विकास और नवाचार पर चर्चा करना
- माप की प्रक्रिया को समाज और उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सुधारों को बढ़ावा देना
- विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाना और माप एवं मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में आगे के कदमों पर विचार-विमर्श करना
क्या है मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी
- मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी का अर्थ है किसी माप के परिणाम को एक राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय माप मानक से जोड़ा जाना।
- यह सुनिश्चित करता है कि सभी मापों का एक मानक संदर्भ से कनेक्शन हो और वे एक विश्वसनीय एवं सुसंगत परिणाम प्रदान करें।
- इसे प्राप्त करने के लिए माप उपकरणों और तकनीकों को राष्ट्रीय माप मानकों से मिलाना होता है ताकि विभिन्न संस्थाओं व देशों के बीच माप के परिणामों की तुलना की जा सके।
मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी का उपयोग
- उद्योगों में : मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी का उपयोग उत्पादों की गुणवत्ता और मानक सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
- स्वास्थ्य देखभाल : चिकित्सा उपकरणों और परीक्षणों में सटीक माप की आवश्यकता होती है, जिसे मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है।
- विज्ञान और अनुसंधान : शोध कार्यों में माप के परिणामों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी की आवश्यकता होती है।
- वाणिज्यिक व्यापार : व्यापारिक कार्यों में उत्पादों के माप के आधार पर मूल्य निर्धारण और आपूर्ति श्रृंखलाओं को नियंत्रित किया जाता है।
आगे की राह
- मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी की श्रृंखला को मजबूत करने के लिए अधिक-से-अधिक राष्ट्रीय माप मानकों का विकास करना होगा।
- नवाचार और नई तकनीकों के माध्यम से माप की सटीकता व विश्वसनीयता को अधिक बढ़ाना चाहिए।
- उद्योग एवं अनुसंधान संस्थानों के बीच बेहतर सहयोग व समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि माप के परिणामों की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
- मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में शोध और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों को इस क्षेत्र में अधिक दक्षता हासिल हो सके।