New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

चीन का विशाल बाँध: भारत की रणनीतिक चिंताएँ और प्रतिक्रिया

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय)

संदर्भ

चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के निकट ‘यारलुंग त्सांगपो’ (ब्रह्मपुत्र) नदी पर 170 अरब डॉलर की लागत से एक विशाल जलविद्युत बाँध का निर्माण शुरू किया है। इससे भारत के लिए पर्यावरणीय, सुरक्षा एवं भू-राजनीतिक चिंताएँ बढ़ गई हैं।

चीन की परियोजना के बारे में

  • भारत में प्रवेश करने के बाद यारलुंग त्सांगपो का नाम ब्रह्मपुत्र हो जाता है। 
  • यह बाँध चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा है जिसे तिब्बत के मेडोग काउंटी में बनाया जा रहा है। 
  • पूर्ण होने पर यह क्षमता के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी।
  • इस परियोजना में नदी के 50 किमी. लंबे हिस्से में फैले पाँच कैस्केड जलविद्युत स्टेशन शामिल होंगे, जो 2,000 मीटर नीचे गिरते हैं और विशाल जलविद्युत क्षमता प्रदान करते हैं।
    • कैस्केड जलविद्युत स्टेशन (Cascade Hydropower Stations) वे जलविद्युत संयंत्र होते हैं जो एक ही नदी की धारा पर श्रृंखलाबद्ध (Cascade) तरीके से (एक के बाद एक) निर्मित किए जाते हैं। 
    • इनमें प्रत्येक बांध या संयंत्र नदी की ढलान और जल प्रवाह का उपयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करता है तथा फिर वही पानी अगले बांध/संयंत्र तक प्रवाहित हो जाता है।
  • 60 गीगावाट की नियोजित क्षमता के साथ यह थ्री गॉर्जेस बांध के आकार का लगभग तीन गुना होगा। 
  • नदी के ऊपरी हिस्से में कोई भी मोड़ या रुकावट भारत के पूर्वोत्तर राज्यों एवं बांग्लादेश में जल उपलब्धता को प्रभावित कर सकती है।

भारत की चिंताएँ

जल सुरक्षा

  • ब्रह्मपुत्र के प्राकृतिक प्रवाह में संभावित परिवर्तन असम एवं अरुणाचल प्रदेश में सिंचाई, पेयजल व पारिस्थितिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
  • अरुणाचल प्रदेश सरकार के अनुसार यह बाँध भारत के लिए एक खतरा है जिसका इस्तेमाल चीन द्वारा ‘वाटर बम’ के रूप में किया जा सकता है।

पर्यावरणीय प्रभाव

भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निर्माण से भूस्खलन, बाढ़ एवं निचले इलाकों में आवासों के विघटन का खतरा होता है।

रणनीतिक एवं भू-राजनीतिक तनाव

  • यह बांध भारत-चीन विवादित सीमा (अरुणाचल प्रदेश, जिसे चीन ‘दक्षिण तिब्बत’ होने का दावा करता है) के निकट है। 
  • इसका इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने या सैन्य लाभ उठाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • चीनी बांध प्रस्तावित डाउनस्ट्रीम जलविद्युत परियोजनाओं में जल प्रवाह को भी बाधित कर सकता है। 

भारत की प्रतिक्रिया

राजनयिक जुड़ाव

भारत ने द्विपक्षीय मंचों पर चीन के साथ इस मुद्दे को उठाया है और जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के आदान-प्रदान पर वर्ष 2002 के समझौता ज्ञापन पर बल दिया है।

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों पर बांध निर्माण

  • भारत निचले तटवर्ती राज्य के रूप में अपने अधिकारों को मज़बूत करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 2,880 मेगावाट के दिबांग बांध जैसी परियोजनाओं में तेज़ी ला रहा है।
  • चीन के अपस्ट्रीम विकास का मुकाबला करने के लिए भारत ने 11.2 गीगावाट अपर सियांग बहुउद्देशीय परियोजना का प्रस्ताव रखा है। 
    • यह सियांग ज़िले में एक विशाल भंडारण-आधारित बांध है। यह परियोजना एक रणनीतिक बफर के रूप में कार्य कर सकती है। 
    • हालाँकि, भारत द्वारा इस बाँध के निर्माण की प्रगति धीमी रही है। 
    • स्थानीय विरोध के कारण अभी तक तक इस परियोजना के संदर्भ में पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है।
  • पूर्ण होने पर अपर सियांग परियोजना भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत स्टेशन होगा।

निगरानी एवं तैयारी 

भारतीय एजेंसियां पूर्वोत्तर में उपग्रह निगरानी एवं आपदा तैयारी तंत्र में वृद्धि कर रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संवाद 

भारत बांग्लादेश के साथ बातचीत कर रहा है और ऊपरी नदी वाले देशों के साथ सीमा पार जल-साझाकरण ढाँचे पर ज़ोर दे रहा है।

निष्कर्ष

भारत कानूनी तौर पर चीन को अपनी सीमा पर बांध बनाने से नहीं रोक सकता है किंतु उसे एक सक्रिय जल कूटनीति रणनीति अपनाने के साथ ही अपनी नदियों पर बुनियादी ढांचे को मज़बूत करना होगा और क्षेत्रीय जल सुरक्षा के लिए पड़ोसी देशों के साथ समन्वय करना होगा।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X