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कोलैकैंथ

नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित नए शोध के अनुसार, लाखों वर्ष पहले प्राचीन काल से अब तक सबसे अच्छे तरीके से संरक्षित कोलैकैंथ (Coelacanths) मछली के जीवाश्म की खोज की गयी है। 

कोलैकैंथ के बारे में 

  • कोलैकैंथ गहरे समुद्र में पाई जाने वाली मछली है जो दक्षिणी अफ्रीका एवं इंडोनेशिया के तटों पर पाई जाती है। इसकी लंबाई दो मीटर तक हो सकती है। लंबे समय तक वैज्ञानिकों का मानना ​​था कि वे विलुप्त हो चुकी हैं।
  • कोलैकैंथ ‘लोब-फिन्ड’ (Lobe-finned) मछली हैं। इसका अर्थ है कि इनके पंखों में मजबूत हड्डियाँ होती हैं जो मनुष्यों की भुजाओं की हड्डियों की तरह होती हैं। 
  • वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि ये अधिकांश अन्य मछलियों की तुलना में टेट्रापोड्स (रीढ़ की हड्डी और चार अंगों वाले जानवर, जैसे- मेंढक, इमू एवं मनुष्य) से अधिक निकटता से संबंधित हैं।
  • इनके विकास पर सबसे अधिक प्रभाव समुद्र के तापमान या ऑक्सीजन स्तर का नहीं बल्कि विवर्तनिकी गतिविधि का था।
  • इसका सबसे पुराना ज्ञात जीवाश्म 410 मिलियन वर्ष से अधिक पुराना हैं। हालाँकि, इससे कोई विशेष जानकारी नहीं मिलती है।

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